वहां कोई रहता है क्या… कच्चातिवु द्वीप पर ये क्या बोल गए दिग्विजय सिंह?

वहां कोई रहता है क्या… कच्चातिवु द्वीप पर ये क्या बोल गए दिग्विजय सिंह?
वहां कोई रहता है क्या... कच्चातिवु द्वीप पर ये क्या बोल गए दिग्विजय सिंह?


दिग्विजय
सिंह

लोकसभा
चुनाव
2024
के
लिए
धुआंधार
प्रचार
किया
जा
रहा
है
और
सियासी
पारा
चढ़ा
हुआ
है.
सत्तापक्ष
और
विपक्ष
की
ओर
से
जुबानी
जंग
तेज
है.
इन
सब
के
बीच
भारतीय
जनता
पार्टी
(बीजेपी)

प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
एक
नए
मुद्दे
को
उठाकर
कांग्रेस
को
कठघरे
में
खड़ा
कर
रहे
हैं.
ये
मुद्दा
कच्चातिवु
द्वीप
का
है.
पीएम
मोदी
का
कहना
है
कि
इसे
1974
में
पूर्व
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
ने
श्रीलंका
को
सौंप
दिया
था.
इस
पर
अब
पार्टी
के
वरिष्ठ
नेता
दिग्विजय
सिंह
का
बयान
सामने
आया
है,
जिसको
लेकर
विवाद
और
गहरा
सकता
है.

कच्चातिवु
द्वीप
को
लेकर
प्रधानमंत्री
मोदी
के
बयान
पर
कांग्रेस
नेता
दिग्विजय
सिंह
ने
भोपाल
में
पलटवार
किया.
उन्होंने
पूछा,
उस
द्वीप
पर
कोई
रहता
है
क्या?
मैं
पूछना
चाहता
हूं.
दरअसल,
पिछले
कई
दिनों
से
पीएम
मोदी
इस
मसले
को
सार्वजनिक
मंचों
पर
उठा
रहे
हैं.
उन्होंने
इसका
जिक्र
बुधवार
को
तमिलनाडु
के
वेल्लोर
की
रैली
में
भी
किया.

कांग्रेस
और
DMK
ने
किया
पाखंड-
पीएम
मोदी

पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
कांग्रेस
और
DMK
पार्टी
के
एक
पाखंड
की
चर्चा
आज
पूरा
देश
कर
रहा
है.
कांग्रेस
ने
अपनी
सरकार
के
दौरान
कई
दशक
पहले
कच्चातिवु
द्वीप
श्रीलंका
को
दे
दिया.
किस
कैबिनेट
में
ये
निर्णय
हुआ?
किसके
फायदे
के
लिए
ये
फैसला
हुआ?
इस
पर
कांग्रेस
की
बोलती
बंद
है.
उन्होंने
आगे
कहा,
‘बीते
वर्षों
में
उस
द्वीप
के
पास
जाने
पर
तमिलनाडु
के
हजारों
मछुआरे
गिरफ्तार
हुए
हैं.
उनकी
नौकाएं
गिरफ्तार
कर
ली
गई
हैं.’

पीएम
मोदी
ने
कहा,
‘गिरफ्तारी
पर
कांग्रेस
और
DMK
झूठी
हमदर्दी
दिखाते
हैं,
लेकिन
ये
लोग
तमिलनाडु
के
लोगों
को
ये
सच
नहीं
बताते
हैं
कि
कच्चातिवु
द्वीप
इन
लोगों
ने
स्वयं
श्रीलंका
को
दे
दिया
और
तमिलनाडु
की
जनता
को
अंधेरे
में
रखा.
NDA
सरकार
ऐसे
मछुआरों
को
निरंतर
रिहा
कराकर
वापस
ला
रही
है.
इतना
ही
नहीं
5
मछुआरों
को
श्रीलंका
ने
फांसी
की
सजा
दे
दी
थी.
वह
उनको
भी
जिंदा
वापस
लेकर
आए
हैं.
DMK
और
कांग्रेस
सिर्फ
मछुआरों
के
नहीं
बल्कि
देश
के
भी
गुनहगार
हैं.’

श्रीलंका
भी
जारी
कर
चुका
है
बयान

इससे
पहले
कच्चातिवु
द्वीप
को
लेकर
श्रीलंका
ने
भी
अपनी
बात
रखी
है.
उसके
मत्स्य
पालन
मंत्री
डगलस
देवानंद
का
कहना
है
कि
कच्चातिवु
द्वीप
को
दोबारा
हासिल
करने
के
संबंध
में
भारत
के
दावों
में
कोई
दम
नहीं
है.
उन्होंने
कहा
था,
‘मुझे
लगता
है
कि
भारत
इस
स्थान
को
सुरक्षित
करने
के
लिए
अपने
हितों
पर
काम
कर
रहा
है
ताकि
यह
सुनिश्चित
किया
जा
सके
कि
श्रीलंकाई
मछुआरों
की
उस
क्षेत्र
तक
पहुंच

हो
और
श्रीलंका
को
उस
संसाधनपूर्ण
क्षेत्र
पर
किसी
भी
अधिकार
का
दावा
नहीं
करना
चाहिए.’