अमेठी चुनाव: स्मृति इरानी के सामने दुविधा में दावेदारी, उलझन में जिम्मेदारी, बसपा भी प्रत्याशी को लेकर खामोश

अमेठी चुनाव:                                    स्मृति इरानी के सामने दुविधा में दावेदारी, उलझन में जिम्मेदारी, बसपा भी प्रत्याशी को लेकर खामोश
Amethi Loksabha seat: Congress-SP alliance in dilemma on candidate name.

भाजपा
सांसद
स्मृति
इरानी

कांग्रेस
नेता
राहुल
गांधी।


फोटो
:
ANI

विस्तार

सुर्खियों
में
छाई
अमेठी
संसदीय
सीट
से
भाजपा
प्रत्याशी
स्मृति
जूबिन
इरानी
के
सामने
चुनावी
अखाड़े
में
कांग्रेस-सपा
गठबंधन
से
कौन
लड़ेगा,
इसको
लेकर
स्थिति
साफ
नहीं
है।
फिलहाल,
राहुल
गांधी
या
राबर्ट
वाड्रा
में
से
किसी
एक
के
चुनाव
लड़ने
के
संकेत
के
बाद
कांग्रेसी
अंदर
ही
अंदर
तैयारी
कर
रहे
हैं
लेकिन
गठबंधन
में
सहयोगी
समाजवादी
पार्टी
के
पदाधिकारी
उलझन
में
है।
बिना
प्रत्याशी
के
नाम
की
घोषणा
के
वह
कैसे
अपनी
रणनीति
तैयार
करें,
इसको
लेकर
माथापच्ची
का
दौर
चल
रहा
है।
बसपा
का
कहना
है
कि
दावेदार
उतारेंगे
लेकिन
कब..
बस
जल्द
ही।


उम्मीदवार
का
ऐलान
कर
भाजपा
ने
बनाई
बढ़त

1967
में
अस्तित्व
में
आई
अमेठी
सीट
एक
बार
फिर
हाईप्रोफाइल
बनी
हुई
है।
दरअसल,
भाजपा
ने
पहली
सूची
में
ही
यहां
से
सीटिंग
सांसद

केंद्रीय
मंत्री
स्मृति
ईरानी
को
चुनावी
मैदान
में
उतार
दिया
है।
भाजपा
का
चुनाव
अभियान
भी
शुरू
हो
गया
है।
गांव-गांव
टीमें
लगाई
गई
हैं।
मंडल
स्तर
पर
बैठकें
की
जा
रही
है।
हरेक
बूथ
का
बायोडाटा
तैयार
किया
जा
रहा
है।


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लोकसभा
चुनाव:
कैसरगंज
में
अभी
भी
नहीं
खुले
पत्ते,
रायबरेली
में
रणनीति
के
तहत
दोनों
पार्टियों
ने
साधी
है
चुप्पी

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इंदिरा
और
सोनिया
गांधी
की
तरह
अब
रायबरेली
से
प्रियंका
का
इंतजार,
दो
माह
से
जुटे
कांग्रेस
के
रणनीतिकार


वायनाड
मतदान
पर
टिकी
निगाहें

कभी
कांग्रेस
का
गढ़
रही
अमेठी
में
इस
बार
अजीब
सी
स्थिति
है।
दावेदार
को
लेकर
कोई
राहुल
गांधी
पर
जोर
दे
रहा
है
तो
कोई
गांधी
परिवार
के
दामाद
राबर्ट
वाड्रा
या
प्रतापगढ़
जिले
की
विधायक
आराधना
मिश्रा
के
नाम
का
जिक्र
कर
रहा
है।
हालांकि
तैयारी
के
सवाल
पर
सब
यही
कहते
हैं
कि
इंतजार
करिए,
दावेदारी
भी
हमारी
रणनीति
का
हिस्सा
है।
राजनीतिक
जानकार
मानते
हैं
कि
इसके
पीछे
वायनाड
का
पेंच
फंसा
हुआ
है।
दरअसल,
राहुल
गांधी
वायनाड
से
चुनाव
लड़
रहे
हैं,
वहां
पर
मतदान
26
अप्रैल
को
होगा।


गांधी
परिवार
पर
टिकी
सपा
की
नजर

समाजवादी
पार्टी
के
जिलाध्यक्ष
राम
उदित
यादव
बताते
हैं
कि
इसका
संसदीय
चुनाव
पर
कोई
असर
नहीं
पड़ेगा।
वैसे
तो
अभी
चेहरा
सामने
नहीं
है
लेकिन,
पार्टी
गांधी
परिवार
के
ही
किसी
सदस्य
को
केंद्र
में
रखकर
तैयारी
कर
रही
है।


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इंतजार
करिए,
तैयारी
पूरी
है

बहुजन
समाज
पार्टी
में
भी
इस
बार
दावेदार
को
उलझन
है।
वर्ष
2019
में
गठबंधन
के
कारण
अमेठी
से
बसपा
का
कोई
उम्मीदवार
मैदान
में
नहीं
था।
इस
बार
पार्टी
किस
पर
दांव
लगाएगी,
यह
एक
बड़ा
सवाल
है।
हालांकि
टिकट
की
दौड़
में
शामिल
लोगों
के
नाम
का
भी
खुलासा
करने
को
पार्टी
के
नेता
तैयार
नहीं
है।
रही
बात
तैयारी
की
तो
सभी
बस
यही
बोल
रहे
हैं
कि
तैयारी
पूरी
है।
जिलाध्यक्ष
दिलीप
कुमार
का
कहना
है
कि
इंतजार
करिए,
तैयारी
पूरी
है।
कई
नेता
लाइन
में
हैं।
जल्द
ही
टिकट
की
घोषणा
हो
जाएगी।
यह
स्थिति
तब
है
जब
1989
में
बसपा
संस्थापक
कांशीराम
ने
अमेठी
से
पहला
चुनाव
लड़ा
था।


पांचवें
चरण
में
मतदान:

अमेठी
लोकसभा
निर्वाचन
क्षेत्र
में
पांचवें
चरण
में
चुनाव
होगा।
नामांकन
26
अप्रैल
से
तीन
मई
तक
कराया
जाएगा।
चार
मई
को
नामांकन
पत्रों
की
जांच
होगी।
छह
मई
का
नाम
वापसी
होगी।
20
मई
को
मतदान।