
कच्चातिवु
आइलैंड
को
लेकर
अब
सिसायी
संग्राम
छिड़
गया
है.
इस
एक
मुद्दे
ने
कांग्रेस
और
बीजेपी
के
बीच
आरोप
प्रत्यारोप
का
दौर
शुरू
हो
गया
है
.
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
ने
रविवार
को
कच्चातिवु
आइलैंड
के
मुद्दे
को
लेकर
कांग्रेस
और
पूर्व
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
पर
जमकर
निशाना
साधा.
वहीं
इस
मामले
में
अब
कांग्रेस
ने
पीएम
पर
पलटवार
किया
है.
कांग्रेस
अध्यक्ष
मल्लिकार्जुन
खरगे
का
कहना
है
कि
पीएम
ने
आगामी
लोकसभा
चुनाव
को
ध्यान
में
रखते
हुए
कच्चातिवु
का
मुद्दा
उठाया
है.
मल्लिकार्जुन
खरगे
ने
कहा
कि
तमिलनाडु
में
चुनाव
हैं
और
पीएम
मोदी
के
पास
कोई
मुद्दा
नहीं
है
इसीलिए
पीएम
ने
इस
मुद्दे
को
उठाया.
खरगे
ने
कहा
कि
इससे
पीएम
की
हताशा
साफ
जाहिर
हो
रही
है.
उन्होंने
अपने
सोशल
मीडिया
पर
एक
पोस्ट
शेयर
करते
हुए
कहा
कि
पीएम
इसे
चुनावी
मुद्दा
बनाना
चाहते
हैं
जबकि
मोदी
सरकार
ने
बांग्लादेश
के
साथ
इसी
तरह
का
समझौता
किया
है.
खरगे
ने
कहा
चुनाव
से
ठीक
पहले
इस
संवेदनशील
मुद्दे
को
उठाया
जा
रहा
है.
ये
भी
पढ़ें
‘कच्चातिवु
को
वापस
लेने
के
लिए
क्या
कदम
उठाए’
इसके
आगे
कांग्रेस
अध्यक्ष
ने
पीएम
पर
तंज
करते
हुए
कहा
कि
आपकी
सरकार
में
दोस्ताना
संबंधों
के
तहत
भारत
ने
बांग्लादेश
के
साथ
इसी
तरह
का
समझौता
किया
था.
1974
में
कच्चाथीवू
को
लेकर
भी
श्रीलंका
के
साथ
इसी
तरह
का
समझौता
हुआ
था.
खरगे
ने
कहा
कि
जो
बात
आंखें
खोलने
वाली
और
चौंका
देने
वाली
है,
वह
यह
है
कि
आपने
नेपाल,
भूटान
और
मालदीव
जैसे
मित्रवत
पड़ोसियों
के
साथ
स्थिति
को
कैसे
बिगाड़ा.
खरगे
ने
कहा
कि
पीएम
मोदी
को
बताना
चाहिए
कि
पिछले
दस
सालों
में
उनकी
सरकार
ने
इस
मुद्दे
को
सुलझाने
और
कच्चातिवु
को
वापस
लेने
के
लिए
क्या
कदम
उठाए.
Pradhan
Mantri
@narendramodi
ji,You
have
suddenly
woken
up
to
the
issues
of
territorial
integrity
and
national
security
in
your
10th
year
of
misrule.
Perhaps,
elections
are
the
trigger.
Your
desperation
is
palpable.1.
“The
Land
Boundary
Agreement
between
India
and
Bangladesh—
Mallikarjun
Kharge
(@kharge)
March
31,
2024
‘चुनाव
से
पहले
उठाया
संवेदनशील
मुद्दा’
इसके
आगे
कांग्रेस
अध्यक्ष
ने
कहा
कि
चुनाव
से
ऐन
पहले
पीएम
इस
संवेदनशील
मुद्दे
को
उठा
रहे
हैं,
लेकिन
आपकी
ही
सरकार
के
अटॉर्नी
जनरल
मुकुल
रोहतगी
ने
2014
में
सुप्रीम
कोर्ट
को
बताया
था
कि
कच्चातिवु
1974
में
एक
समझौते
के
तहत
श्रीलंका
गया
था.
आज
इसे
वापस
कैसे
लिया
जा
सकता
है.
यदि
आप
कच्चातिवू
को
वापस
चाहते
हैं,
तो
आपको
इसे
वापस
पाने
के
लिए
युद्ध
में
जाना
होगा.
खरगे
ने
ये
भी
कहा
कि
गांधी
जी,
पंडित
नेहरू
जी,
सरदार
पटेल
जी,
इंदिरा
गांधी
जी,
राजीव
गांधी
जी,
हमारे
सभी
प्रिय
नेता
भारत
की
एकता,
हमारी
क्षेत्रीय
अखंडता
के
लिए
जिये
और
मरे.
सरदार
पटेल
जी
ने
600
रियासतों
को
एक
करने
में
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाई.
खरगे
ने
पीएम
पर
आरोप
लगाया
कि
इसके
विपरीत,पीएम
ने
गलवान
घाटी
में
20
बहादुरों
के
सर्वोच्च
बलिदान
के
बाद
चीन
को
क्लीन
चिट
दे
दी.
‘आपके
गलत
कामों
का
नतीजा
देश
भुगत
रहा
है’
कांग्रेस
मल्लिकार्जुन
खरगे
ने
अपनी
पोस्ट
में
यह
भी
कहा
कि
भारत
का
एक
भी
गांव
ऐसा
नहीं
है,
जहां
किसी
कांग्रेसी
ने
देश
की
एकता
के
लिए
अपना
खून
न
बहाया
हो.
उन्होंने
कहा
कि
यह
कांग्रेस
ही
थी,
जिसने
गंभीर
बाधाओं
के
बावजूद
तिब्बत
की
संप्रभुता
के
मुद्दे
को
जीवित
रखा,
लेकिन
आपकी
पार्टी
के
पूर्ववर्ती
प्रधानमंत्री
ने
इसे
सरसरी
तौर
पर
बर्बाद
कर
दिया.
कांग्रेस
के
प्रति
यह
मोह
छोड़िए
और
अपने
गलत
कार्यों
पर
विचार
करिए,
जिसका
खामियाजा
भारत
को
भुगतना
पड़
रहा
है.
पीएम
ने
कच्चातिवु
को
लेकर
कांग्रेस
पर
बोला
था
हमला
दरअसल
पीएम
मोदी
की
ये
प्रतिक्रिया
सूचना
के
अधिकार
(आरटीआई)
रिपोर्ट
के
बाद
आई
थी.
जिसमें
खुलासा
हुआ
है
कि
कैसे
तत्कालीन
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
के
नेतृत्व
वाली
कांग्रेस
सरकार
ने
1974
में
कच्चातिवु
द्वीप
श्रीलंका
को
सौंप
दिया
था.
जिसके
बाद
पीएम
ने
कांग्रेस
पर
जमकर
हमला
बोला
और
आरोप
लगाया
कि
उसकी
सरकार
में
मां
भारती
का
एक
अंग
काट
दिया
गया.
सोशल
मीडिया
पर
एक
पोस्ट
शेयर
करते
हुए
पीएम
ने
कहा
था
कि
‘आंखें
खोलने
वाला
और
चौंका
देने
वाला!
नए
तथ्यों
से
पता
चलता
है
कि
कैसे
कांग्रेस
ने
बेरहमी
से
कच्चातिवु
को
छोड़
दिया.
इससे
हर
भारतीय
नाराज
है
और
लोगों
के
मन
में
यह
बात
बैठ
गई
है
कि
हम
कांग्रेस
पर
कभी
भरोसा
नहीं
कर
सकते!
भारत
की
एकता,
अखंडता
और
हितों
को
कमजोर
करना
75
वर्षों
से
कांग्रेस
का
काम
करने
का
तरीका
रहा
है.
Eye
opening
and
startling!New
facts
reveal
how
Congress
callously
gave
away
#Katchatheevu.This
has
angered
every
Indian
and
reaffirmed
in
peoples
minds-
we
cant
ever
trust
Congress!Weakening
Indias
unity,
integrity
and
interests
has
been
Congress
way
of
working
for—
Narendra
Modi
(@narendramodi)
March
31,
2024
गौरतलब
है
कि
कच्चातिवु
द्वीप
वह
जगह
है
जहां
तमिलनाडु
के
रामेश्वरम
जैसे
जिलों
के
मछुआरे
जाते
हैं
क्योंकि
भारतीय
जल
में
मछलियां
खत्म
हो
गई
हैं.
मछुआरे
द्वीप
तक
पहुंचने
के
लिए
अंतर्राष्ट्रीय
समुद्री
सीमा
रेखा
(आईएमबीएल)
पार
करते
हैं
लेकिन
श्रीलंकाई
नौसेना
उन्हें
हिरासत
में
ले
लेती
है.