

विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
प्रधानमंत्री
नरेंद्री
मोदी
ने
रविवार
को
कच्चातिवु
द्वीप
को
लेकर
कांग्रेस
पर
हमला
बोला
था.
इसके
बाद
से
इस
द्वीप
को
लेकर
सियासत
तेज
हो
गई
है.
वहीं,
आज
यानी
सोमवार
को
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
ने
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
की.
इस
दौरान
उन्होंने
कहा
कि
जनता
को
जानने
का
हक
है
कि
कच्छतीवु
को
लेकर
आखिर
क्या
हुआ
था?
जयशंकर
ने
कहा
कि
1974
में
भारत
और
श्रीलंका
ने
मैरीटाइम
समझौता
किया
था,
जिसमें
कच्चातिवु
श्रीलंका
को
दे
दिया
गया.
इस
समझौते
के
तहत
कच्चातिवु
भारतीय
मछुआरे
जा
सकेंगे
और
इसके
लिए
किसी
डॉक्यूमेंट
की
जरूरत
नहीं
होगी.
तब
के
विदेश
मंत्री
ने
संसद
को
बताया
था
कि
समझौते
के
तहत
इस
द्वीप
पर
भारत
के
मछुआरे
जा
सकेंगे
और
आसपास
के
समुद्री
जल
में
मूवमेंट
हो
सकेगा.
ये
भी
पढ़ें
पिछले
पांच
साल
में
इस
मुद्दे
को
कई
बार
उठाया
गया
मगर
दो
साल
बाद
के
समझौते
में
भारत
और
उसके
मछुआरों
से
उस
द्वीप
और
आसपास
के
एरिया
से
अधिकार
ले
लिए
गए.
विदेश
मंत्री
ने
कहा
कि
पिछले
पांच
साल
में
कच्चातिवु
द्वीप
और
मछुआरे
का
मुद्दा
संसद
में
विभिन्न
दलों
द्वारा
बार-बार
उठाया
गया
और
कई
बार
तमिलनाडु
के
सीएम
ने
ये
मामला
मेरे
सामने
उठाया
है.
मैं
खुद
21
बार
इसका
जवाब
पत्रों
के
माध्यम
से
दिया
है.
जनता
को
समझौते
के
बारे
में
जानने
का
हक
जयशंकर
ने
कहा
कि
हम
मानते
हैं
कि
जनता
के
पास
जानने
का
अधिकार
है
कि
कैसे
ये
समझौता
हुआ.
श्रीलंका
को
यह
कैसे
दिया
गया.
हमें
पता
है
कि
दो
समझौते
हैं.
हमे
पता
है
कि
ये
किसने
किया
पर
हम
ये
नहीं
जानते
कि
जनता
से
क्या
छिपाया
गया,
जनता
को
ये
जानने
का
अधिकार
है.
उन्होंने
कहा
कि
भारत
का
दावा
है
कि
ये
द्वीप
राजा
रामनाथपुरम
की
जमींदारी
का
हिस्सा
है,
जो
बाद
में
मद्रास
प्रेसीडेंसी
को
गया.
हमारे
कस्टम
डिपार्टमेंट
के
लोग
बहुत
समय
तक
द्वीप
पर
जाते
रहे.
#WATCH
|
On
Katchatheevu
island
issue,
EAM
Dr
S
Jaishankar
says,
“Today,
it
is
important
for
the
public
to
know
and
the
people
to
judge,
this
issue
has
been
hidden
too
long
from
the
gaze
of
the
public.”
pic.twitter.com/xrQHdfWMyV—
ANI
(@ANI)
April
1,
2024
यह
एक
जीवंत
मुद्दा
विदेश
मंत्री
ने
कहा
कि
यह
एक
जीवंत
मुद्दा
है
जिस
पर
संसद
और
तमिलनाडु
हलकों
में
बहुत
बहस
हुई
है.
यह
केंद्र
सरकार
और
राज्य
सरकार
के
बीच
का
विषय
रहा
है.
पिछले
20
साल
में
6184
भारतीय
मछुआरों
को
श्रीलंका
द्वारा
हिरासत
में
लिया
गया
है
और
इसी
समयकाल
में
1175
भारतीय
मछली
पकड़ने
वाली
नौकाओं
को
श्रीलंका
द्वारा
जब्त
किया
गया
है.
कांग्रेस
ने
मां
भारती
का
एक
अंग
काट
दिया-
PM
मोदी
बता
दें
कि
पीएम
मोदी
ने
कच्चातिवु
मुद्दे
पर
डीएमके
और
कांग्रेस
पर
निशाना
साधा
था.
प्रधानमंत्री
ने
कहा
था
कि
देश
जब
आजाद
हुआ
तब
कच्चातिवु
द्वीप
हमारे
पास
था
लेकिन
कांग्रेस
और
इंडी
अलायंस
के
लोगों
ने
मां
भारती
का
एक
अंग
काट
दिया
और
भारत
से
अलग
कर
दिया.
देश
कांग्रेस
के
रवैये
की
कीमत
आज
तक
चुका
रहा
है.
देश
के
साथ
गद्दारी
बीजेपी
ने
इस
मुद्दे
को
गंभीरता
से
उठआते
हुए
कहा
कि
1974
में
देश
में
इंदिरा
गांधी
की
सरकार
थी.
तमिलनाडु
में
डीएमके
के
मुख्यमंत्री
करुणानिधि
जी
थे.
इंदिरा
गांधी
जी
की
तरफ
से
एक
आदेश
जाता
है
कि
कच्चातिवु
टापू
को
आप
तुरंत
प्रभाव
से
श्रीलंका
को
सौंप
दें.
रात
के
अंधेरे
में
बिना
किसी
से
बात
किए,
बिना
किसी
से
चर्चा
किए,
देश
की
अखंडता-एकता
के
खिलाफ
इतना
बड़ा
कदम
उठाया
जाता
है
और
देश
के
साथ
गद्दारी
की
जाती
है.