मार्च में रिटेल महंगाई घटकर 4.85% हुई: फरवरी में 5.09% रही थी, खाने-पीने के सामान की कीमतें घटी

मार्च में रिटेल महंगाई घटकर 4.85% हुई: फरवरी में 5.09% रही थी, खाने-पीने के सामान की कीमतें घटी


नई
दिल्ली
4
मिनट
पहले

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रिटेल
महंगाई
मार्च
2024
में
घटकर
4.85%
पर

गई
है।
इससे
पहले
फरवरी
2024
में
महंगाई
5.09%
रही
थी।
मार्च
में
खाने-पीने
के
सामान
की
कीमतें
घटी
है।
RBI
की
महंगाई
को
लेकर
रेंज
2%-6%
है।
आदर्श
स्थिति
में
RBI
चाहेगा
कि
रिटेल
महंगाई
4%
पर
रहे।

  • खाद्य
    महंगाई
    दर
    8.66%
    से
    घटकर
    8.52%
    पर

    गई
  • ग्रामीण
    महंगाई
    दर
    5.34%
    से
    बढ़कर
    5.45%

    गई
  • शहरी
    महंगाई
    दर
    4.78%
    से
    घटकर
    4.14%
    पर

    गई


महंगाई
कैसे
प्रभावित
करती
है?

महंगाई
का
सीधा
संबंध
पर्चेजिंग
पावर
से
है।
उदाहरण
के
लिए
यदि
महंगाई
दर
6%
है,
तो
अर्जित
किए
गए
100
रुपए
का
मूल्य
सिर्फ
94
रुपए
होगा।
इसलिए
महंगाई
को
देखते
हुए
ही
निवेश
करना
चाहिए।
नहीं
तो
आपके
पैसे
की
वैल्यू
कम
हो
जाएगी।


महंगाई
कैसे
बढ़ती-घटती
है?

महंगाई
का
बढ़ना
और
घटना
प्रोडक्ट
की
डिमांड
और
सप्लाई
पर
निर्भर
करता
है।
अगर
लोगों
के
पास
पैसे
ज्यादा
होंगे
तो
वे
ज्यादा
चीजें
खरीदेंगे।
ज्यादा
चीजें
खरीदने
से
चीजों
की
डिमांड
बढ़ेगी
और
डिमांड
के
मुताबिक
सप्लाई
नहीं
होने
पर
इन
चीजों
की
कीमत
बढ़ेगी।

इस
तरह
बाजार
महंगाई
की
चपेट
में

जाता
है।
सीधे
शब्दों
में
कहें
तो
बाजार
में
पैसों
का
अत्यधिक
बहाव
या
चीजों
की
शॉर्टेज
महंगाई
का
कारण
बनता
है।
वहीं
अगर
डिमांड
कम
होगी
और
सप्लाई
ज्यादा
तो
महंगाई
कम
होगी।


CPI
से
तय
होती
है
महंगाई

एक
ग्राहक
के
तौर
पर
आप
और
हम
रिटेल
मार्केट
से
सामान
खरीदते
हैं।
इससे
जुड़ी
कीमतों
में
हुए
बदलाव
को
दिखाने
का
काम
कंज्यूमर
प्राइस
इंडेक्स
यानी
CPI
करता
है।
हम
सामान
और
सर्विसेज
के
लिए
जो
औसत
मूल्य
चुकाते
हैं,
CPI
उसी
को
मापता
है।

कच्चे
तेल,
कमोडिटी
की
कीमतों,
मेन्युफैक्चर्ड
कॉस्ट
के
अलावा
कई
अन्य
चीजें
भी
होती
हैं,
जिनकी
रिटेल
महंगाई
दर
तय
करने
में
अहम
भूमिका
होती
है।
करीब
300
सामान
ऐसे
हैं,
जिनकी
कीमतों
के
आधार
पर
रिटेल
महंगाई
का
रेट
तय
होता
है।


खबरें
और
भी
हैं…