
बोहरा
समाज
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
राजधानी
भोपाल
में
ईद-उल-फितर
के
त्योहार
पर
बोहरा
समुदाय
के
आमिल
साहब
से
मुलाकात
करने
पहुंचे
भोपाल
लोकसभा
प्रत्याशी
आलोक
शर्मा
के
समर्थकों
ने
समाज
के
जमातखाने
में
सियासी
नारे
लगाए।
बाद
में
उसका
वीडियो
बनाकर
सोशल
मीडिया
पर
प्रचारित
भी
किया
जा
रहा
है।
धार्मिक
स्थल
पर
संचालित
इन
राजनीतिक
गतिविधियों
से
बोहरा
समुदाय
नाराज
दिखाई
दे
रहा
है।
इसको
लेकर
समाजजन
आमिल
जौहर
अली
से
लगातार
सवाल
कर
रहे
हैं।
उनकी
नाराजगी
आलोक
शर्मा
से
भी
है,
जिनके
समर्थक
समाज
के
जमातखाने
को
मस्जिद
कहकर
प्रचारित
कर
रहे
हैं।
जानकारी
के
मुताबिक,
बोहरा
समाज
ने
मंगलवार
को
ईद
का
त्योहार
मनाया
था।
पूरे
महीने
चले
रोजा,
नमाज,
तिलावत
और
इबादत
के
बाद
समुदाय
के
लोग
समाज
के
अलीगंज
स्थित
जमातखाना
में
जमा
हुए
थे।
इसी
दौरान
भोपाल
लोकसभा
प्रत्याशी
आलोक
शर्मा
समाज
के
बुजुर्गों
का
आशीर्वाद
लेने
वहां
पहुंचे।
आलोक
के
साथ
पहुंचे
समर्थकों
ने
इस
दौरान
हर
हर
मोदी,
घर
घर
मोदी…के
नारे
लगाए
और
यहां
पीएम
मोदी
के
फोटो
लगे
पोस्टर
भी
लहराए।
इस
दौरान
आमिल
जौहर
अली
ने
पीएम
मोदी
की
तारीफ
की
और
उनके
साथ
समुदाय
के
बेहतर
रिश्तों
का
जिक्र
भी
किया।
…और
प्रचारित
हुआ
यह
ईद
के
समय
हुए
आयोजन
को
भाजपा
प्रत्याशी
आलोक
शर्मा
के
समर्थक
अब
शनिवार
को
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
कर
रहे
हैं,
जिसमें
कहा
जा
रहा
है
कि
मस्जिद
से
पीएम
मोदी
के
पक्ष
में
नारे
लगाए
गए
हैं।
नारे,
पोस्टर
और
आलोक
का
समाजजनों
के
बीच
पहुंचने
का
वीडियो
लगातार
वायरल
होते
हुए
मीडिया
सुर्खियों
में
आ
गया
है।
फैली
नाराजगी,
जताया
एतराज
शनिवार
सुबह
से
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
हो
रहे
वीडियो
से
बोहरा
समुदाय
सख्त
नाराज
दिखाई
दे
रहा
है।
वे
लगातार
आमिल
जौहर
अली
से
इस
बारे
में
सवाल
कर
रहे
हैं,
लेकिन
उन्हें
कोई
संतोषजनक
जवाब
नहीं
मिल
पा
रहा
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
इस
मामले
में
समाज
के
90
फीसदी
से
ज्यादा
लोग
आमिल
जौहर
अली
और
भाजपा
प्रत्याशी
आलोक
शर्मा
के
खिलाफ
खड़े
दिखाई
दे
रहे
हैं।
उनकी
नाराजगी
जमातखाने
को
मस्जिद
कहकर
प्रचारित
करने
से
भी
है
और
किसी
मजहबी
स्थान
से
सियासी
गतिविधि
के
संचालन
से
भी
वे
खफा
हैं।
विज्ञापन
दाऊदी
बोहरा
समुदाय
के
कमरुद्दीन
दाऊदी
ने
कहा
कि
दाऊजी
बोहरा
समाज
को
सार्वजनिक
रूप
से
इस
तरह
की
समाज
स्तर
पर
आमिल
साहब
के
सामने
भारतीय
जनता
पार्टी
का
प्रचार
नहीं
करना
चाहिए।
समाज
का
मरकज
हो
या
मस्जिद
हो,
उसको
इस
तरह
से
राजनीतिक
अखाड़ा
नहीं
बनना
चाहिए।
कमरूद्दीन
दाऊदी
ने
बताया
कि
इस
मामले
को
लेकर
समाज
के
90
प्रतिशथ
से
ज्यादा
लोग
नाराज
हैं।
लेकिन
वह
अपना
नाम
नहीं
बताना
नहीं
चाहते।
शनिवार
को
यह
वीडियो
सुबह
से
ही
वायरल
हो
रहा
है।
आमिल
साहब
से
बात
नहीं
हुई
है।
उनसे
व्हाट्सएप
के
जरिए
लोगों
से
चर्चा
हो
रही
है।