गांधी परिवार के एक हो जाने पर क्या बोलीं मेनका गांधी?

गांधी परिवार के एक हो जाने पर क्या बोलीं मेनका गांधी?
गांधी परिवार के एक हो जाने पर क्या बोलीं मेनका गांधी?


मेनका
गांधी

मेनका
गांधी
और
वरुण
गांधी
कांग्रेस
परिवार
से
अलग
क्यों
हैं…यह
सवाल
बहुत
पहले
से
बना
हुआ
है.
मगर
हाल
के
समय
में
इससे
भी
बड़ा
सवाल
ये
हो
गया
था
कि
क्या
गांधी
परिवार
एक
होने
जा
रहा
है.
क्या
मेनका
और
वरुण
गांधी
कांग्रेस
परिवार
के
साथ
हो
जाएंगे.
दरअसल,
ये
सवाल
तब
उठने
लगा
था
कि
जब
बीजेपी
ने
वरुण
गांधी
का
पीलीभीत
से
टिकट
काटा
था.

वहीं,
जब
वरुण
गांधी
की
मां
मेनका
से
ये
सवाल
पूछा
गया
कि
वरुण
गांधी
के
टिकट
कटने
के
बाद
कांग्रेस
नेताओं
के
बीच
ये
चर्चा
है
गांधी
परिवार
को
एक
हो
जाना
चाहिए…इसके
जवाब
में
मेनका
ने
कहा,
मैं
इस
कोई
टिप्पणी
नहीं
करूंगी.
मेनका
ने
इस
सवाल
को
यह
कहकर
टाल
दिया
कि
मैं
बीजेपी
में
हूं
और
यहां
बहुत
खुश
हूं.
वहीं
बेटे
को
लेकर
कहा
कि
चुनाव
के
बाद
देखते
हैं.

ये
भी
पढ़ें

पीलीभीत
से
कटा
वरुण
गांधी
का
पत्ता

बता
दें
कि
मेनका
गांधी
सुल्तानपुर
से
बीजेपी
के
सांसद
हैं
और
पार्टी
ने
एक
बार
फिर
उन्हें
सुल्तानपुर
से
अपना
उम्मीदवार
बनाया
है.
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
मेनका
गांधी
पीलीभीत
से
सांसद
थीं.
वहीं,
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
बीजेपी
ने
उनके
बेटे
वरुण
गांधी
को
पीलीभीत
से
टिकट
दिया
था.
मगर
इस
बाद
वरुण
का
पत्ता
कट
गया.
बीजेपी
ने
इस
बार
वरुण
का
टिकट
जितिन
प्रसाद
को
टिकट
दिया
है.

वरुण
गांधी
को
लेकर
थीं
कई
अटकलें

ये
वही
जितिन
प्रसाद
हैं,
जो
कांग्रेस
से
बीजेपी
शामिल
हुए
थे.
बता
दें
कि
जितिन
प्रसाद
योगी
सरकार
में
मंत्री
हैं.
पीलीभीत
से
वरुण
गांधी
का
टिकट
कटने
के
बाद
कई
तरह
की
अटकलें
लगाई
जा
रही
थीं.
पहला
ये
कि
वो
निर्दलीय
चुनाव
लड़ेंगे.
दूसरा
ये
कि
वो
सपा
का
दामन
थाम
लेंगे.
तीसरा
ये
कि
वो
कांग्रेस
में
शामिल
हो
जाएंगे.

मैं
पीलीभीत
का
था,
हूं
और
रहूंगा

मगर
इन
सभी
अटकलों
पर
विराम
लग
गया
जब
वरुण
गांधी
की
ओर
से
ये
कहा
गया
कि
वो
इस
बार
लोकसभा
चुनाव
नहीं
लड़ेंगे.
इसके
बाद
उनकी
एक
चिट्ठी
आती
है.
इस
चिट्ठी
में
पीलीभीत
से
टिकट
कटने
का
दर्द
साफ
झलकता
है.
इस
चिट्ठी
में
वो
कहते
हैं
कि
पीलीभीत
से
मेरा
रिश्ता
अंतिम
सांस
तक
खत्म
नहीं
हो
सकता.
मैं
पीलीभीत
का
था,
हूं
और
रहूंगा.