
बीते
विधानसभा
चुनाव
में
एक
दल
में
थे
स्वामी
प्रसाद
और
अखिलेश
यादव।
–
फोटो
:
सोशल
मीडिया
विस्तार
पूर्व
कैबिनेट
मंत्री
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
सपा
के
खिलाफ
खुलकर
उतर
गए
हैं।
नगीना
में
उन्होंने
इंडिया
गठबंधन
के
प्रत्याशी
के
बजाय
आजाद
समाज
पार्टी
के
प्रत्याशी
चंद्रशेखर
को
जिताने
की
अपील
की
है।
जबकि,
कुशीनगर
से
खुद
पहले
ही
ताल
ठोंक
चुके
हैं।
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
के
नजदीकी
सूत्र
बताते
हैं
कि
सीटों
पर
बात
न
बनने
पर
यह
स्थिति
पैदा
हुई
है।
फरवरी
में
राज्यसभा
चुनाव
के
लिए
प्रत्याशियों
के
चयन
में
पीडीए
की
उपेक्षा
का
आरोप
लगाते
हुए
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
ने
बगावती
तेवर
अपना
लिए।
उन्होंने
सपा
और
विधान
परिषद
की
सदस्यता
से
इस्तीफा
दे
दिया।
अपनी
राष्ट्रीय
शोषित
समाज
पार्टी
भी
बना
ली।
साथ
ही
इंडिया
गठबंधन
को
मजबूत
करने
का
एलान
भी
किया।
इसके
बाद
कांग्रेस
के
यूपी
प्रभारी
अविनाश
पांडे
ने
स्वामी
प्रसाद
से
लखनऊ
में
उनके
घर
जाकर
मुलाकात
की
तो
स्वामी
प्रसाद
के
इंडिया
गठबंधन
में
आने
की
चर्चाएं
तेज
हो
गईं।
राजनीतिक
सूत्रों
के
मुताबिक,
इसी
बीच
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
ने
अखिलेश
यादव
से
संपर्क
करके
कुशीनगर
समेत
तीन
सीटें
मांगी।
अखिलेश
के
भी
तेवर
नरम
हुए
और
उन्होंने
मीडिया
से
बातचीत
में
यहां
तक
कहा
कि
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
सपा
छोड़कर
कब
गए।
उनका
इस्तीफा
कभी
उनके
सामने
नहीं
आया।
हो
सकता
है
कि
सपा
की
कोई
कमेटी
उस
मामले
को
देख
रही
है।
बताते
हैं
कि
बातचीत
का
यह
सिलसिला
शुरू
होने
में
कांग्रेस
नेताओं
की
अहम
भूमिका
रही।
उन्होंने
सपा
नेतृत्व
को
समझाने
का
प्रयास
किया
कि
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
कुशीनगर
में
मजबूती
से
चुनाव
लड़ेंगे।
सूत्रों
के
मुताबिक,
एक
प्रस्ताव
यह
भी
आया
कि
एक
अन्य
सीट
के
स्थान
पर
कुशीनगर
सीट
इंडिया
गठबंधन
के
तहत
कांग्रेस
को
दे
दी
जाए।
कांग्रेस
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
को
अपने
चुनाव
चिह्न
पर
लड़ाने
पर
सहमत
भी
हो
गई
थी।
लेकिन,
सपा
नेतृत्व
इनमें
से
किसी
भी
प्रस्ताव
पर
तैयार
नहीं
हुआ।
सपा
ने
शुक्रवार
को
कुशीनगर
में
अपना
प्रत्याशी
भी
उतार
दिया।
इस
पर
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
ने
जहां
खुद
कुशीनगर
से
चुनाव
लड़ने
का
अपना
फैसला
बरकरार
रखा
है,
वहीं
नगीना
सीट
पर
भी
सपा
प्रत्याशी
के
बजाय
चंद्रशेखर
को
समर्थन
देकर
अपने
इरादे
स्पष्ट
कर
दिए
हैं।
तीन
सीटों
की
सूची
दी,
एक
भी
नहीं
छोड़ी
-स्वामी
प्रसाद
मौर्य
मैंने
सपा
अध्यक्ष
से
बात
करके
दो-तीन
सीटें
मांगी
थीं,
लेकिन
इन्हीं
में
से
एक
कुशीनगर
सीट
भी
मेरे
लिए
नहीं
दी
गई।
सही
बात
तो
यह
है
कि
कुशीनगर
में
सपा
के
फैसले
से
भाजपा
को
वॉकओवर
मिल
गया
है।
मैं
इंडिया
गठबंधन
के
खिलाफ
अभी
भी
नहीं
हूं,
जहां
गैर
भाजपा
के
दूसरे
प्रत्याशी
मजबूत
हैं,
वहां
उन्हें
समर्थन
दे
रहा
हूं।
अगर
बसपा
का
प्रत्याशी
मजबूत
है,
तो
उसे
भी
समर्थन
दिया
जाएगा।