

बीजेपी
के
पूर्व
सांसद
विनोद
खन्ना
और
उनकी
पत्नी
कविता
खन्ना
पंजाब
के
गुरदासपुर
में
बीजेपी
उम्मीदवार
दिनेश
सिंह
बब्बू
का
विरोध
हो
रहा
है.
विरोध
करने
वालों
में
पूर्व
सांसद
विनोद
खन्ना
की
पत्नी
कविता
खन्ना
भी
हैं.
उन्होंने
तो
इस
सीट
से
चुनाव
लड़ने
की
भी
ऐलान
कर
दिया
है.
उन्होंने
कहा
है
कि
पूरा
गुरदासपुर
उनका
परिवार
है.
कविता
खन्ना
ने
कहा
है
कि
सर्वेक्षण
में
लगभग
70-80%
लोग
उन्हें
सांसद
बनाना
चाहते
हैं.
अब
सवाल
उठता
है
कि
कविता
किस
पार्टी
से
लड़ेंगी.
इस
सीट
से
अभी
बीजेपी
के
सनी
देओल
सांसद
हैं.
चर्चा
है
कि
कविता
खन्ना
किसी
पार्टी
से
या
फिर
स्वतंत्र
रूप
से
चुनाव
लड़ेंगी.
इसे
लेकर
फिलहाल
उन्होंने
अपने
पत्ते
नहीं
खोले
हैं.
कविता
खन्ना
विनोद
खन्ना
के
जाने
के
बाद
पिछले
कई
सालों
से
गुरदासपुर
में
लोगों
की
सेवा
कर
रही
हैं.
गुरदासपुर
के
लोगों
को
पूरी
उम्मीद
थी
कि
बीजेपी
कविता
खन्ना
को
मैदान
में
उतारेगी.
कविता
खन्ना
ने
कहा
कि
वह
पिछले
कई
सालों
से
गुरदासपुर
से
विनोद
खन्ना
के
साथ
कंधे
से
कंधा
मिलाकर
लोगों
की
सेवा
करते
आ
रही
हैं.
विनोद
खन्ना
के
जाने
के
बाद
लोगों
ने
उन्हें
बहुत
प्यार
दिया
है.
मैंने
यहां
कविता
और
विनोद
खन्ना
फाउंडेशन
भी
स्थापित
किया
है.नबता
दें
कि
कविता
खन्ना
विनोद
खन्ना
की
दूसरी
पत्नी
हैं.
कविता
और
विनोद
खन्ना
की
मुलाकात
एक
पार्टी
के
दौरान
हुई
थी.
इसके
बाद
दोनों
के
बीच
प्यार
हुआ.
कविता
काफी
पढ़ी
लिखी
हैं
और
एक
बैरिस्टर
हैं.
उन्होंने
विदेश
से
LLB
की
है
और
वह
हाई
कोर्ट
में
प्रैक्टिस
कर
चुकी
हैं.
कविता
विनोद
खन्ना
के
सांसद
रहते
हुए
3
सालों
तक
बीजेपी
नेशनल
एग्जीक्यूटिव
की
मेंबर
रही
हैं.
कविता
के
मुताबिक
वह
2000
में
अटल
बिहारी
वाजपेयी
के
पीएम
रहते
देश
में
रोजगार
बढ़ाने
के
प्रोजेक्ट
पर
भी
काम
कर
चुकी
हैं.
गुरदासपुर
सीट
को
जानें
गुरदासपुर
लोकसभा
सीट
पंजाब
की
13
सीटों
में
से
एक
है.
शुरुआती
चुनावों
में
इस
सीट
पर
कांग्रेस
का
जलवा
देखने
को
मिलता
था
लेकिन
अब
ये
बीजेपी
का
गढ़
बन
गई
है.
1998
में
बीजेपी
ने
यहां
से
विनोद
खन्ना
को
टिकट
दिया.उन्होंने
जीत
हासिल
की.
1999
और
2004
के
चुनाव
में
भी
वह
जीते.
हालांकि
2009
के
चुनाव
में
वह
हार
गए
और
प्रताप
सिंह
बाजवा
यहां
के
सांसद
बने.
2014
में
विनोद
खन्ना
ने
वापसी
की.
2017
में
उनके
निधन
के
बाद
इस
सीट
पर
उपचुनाव
हुआ
और
कांग्रेस
के
सुनील
जाखड़
ने
जीत
हासिल
की.
2019
के
चुनाव
में
कांग्रेस
ये
सीट
अपने
पास
नहीं
रख
पाई
और
बॉलीवुड
स्टार
सनी
देओल
ने
सुनील
जाखड़
हार
गए.
विनोद
खन्ना
ने
गुरदासपुर
में
रहकर
काम
किया.
उन्होंने
गुरदासपुर
में
रावी
नदी
और
अन्य
जल
निकायों
पर
कई
पुलों
का
निर्माण
किया
और
क्षेत्र
में
बेहतर
कनेक्टिविटी
विकसित
करने
के
लिए
लोग
उन्हें
हमेशा
याद
रखेंगे.
गुरदासपुर
में
वोटिंग
की
बात
करें
तो
यहां
पर
सातवें
चरण
के
तहत
वोटिंग
होगी.
1
जून
को
वोट
डाले
जाएंगे.
गुरदासपुर
पंजाब
की
उन
कुछ
सीटों
में
से
एक
थी
जहां
2014
और
2019
में
मोदी
प्रभाव
दिखाई
दिया
था.
जिले
में
प्रभावशाली
संख्या
में
राजपूत
समुदाय
है.
कांग्रेस
और
बीजेपी
दोनों
में
राजपूत
नेता
हैं.
बीजेपी
प्रत्याशी
दिनेश
सिंह
बब्बू,
पठानकोट
जिले
के
सुजानपुर
के
तीन
बार
के
पूर्व
विधायक
हैं.
वह
एक
राजपूत
भी
हैं.
यहां
एक
गुज्जर
वोट
बैंक
भी
है,
जो
ज्यादातर
मुस्लिम
हैं
और
इस
वोट
बैंक
पर
कांग्रेस
को
बढ़त
हासिल
है.