MP News: आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार व वित्त नियंत्रक फरार, जारी होगा लुकआउट नोटिस

MP News: आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार व वित्त नियंत्रक फरार, जारी होगा लुकआउट नोटिस
MP News: आरजीपीवी के पूर्व कुलपति, रजिस्ट्रार व वित्त नियंत्रक फरार, जारी होगा लुकआउट नोटिस

भोपाल
आरजीपीवी


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

भोपाल
स्थित
राजीव
गांधी
प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय
(आरजीपीवी)
के
पूर्व
कुलपति,
रजिस्ट्रार
और
सेवानिवृत्त
वित्त
नियंत्रक
पर
धोखाधड़ी
और
भ्रष्टाचार
निवारण
अधिनियम
की
धाराओं
में
प्रकरण
दर्ज
होने
के
बाद
पुलिस
ने
अब
उनकी
तलाश
शुरू
कर
दी
है।
पांच
नामजद
आरोपियों
में
निजी
बैंक
के
कर्मचारी
कुमार
मयंक
को
पुलिस
पहले
ही
गिरफ्तार
कर
चुकी
है।
गिरफ्तार
आरोपी
से
पूछताछ
में
हुए
खुलासे
के
बाद
आरजीपीवी
के
पूर्व
कुलपति
प्रो.
सुनील
गुप्ता
और
निलंबित
पूर्व
रजिस्ट्रार
प्रो.
आरएस
राजपूत
और
सेवानिवृत्त
वित्त
नियंत्रक
ऋषिकेश
वर्मा
की
तलाश
शुरू
की
है।
हालांकि,
पुलिस
को
कई
स्थानों
पर
दबिश
देने
के
बाद
भी
इन
तीनों
आरोपियों
का
कोई
पता
नहीं
चला
है।
पुलिस
को
इतना
पता
जरूर
चला
है
कि
आरजीपीवी
द्वारा
भोपाल
के
गांधी
नगर
थाने
में
जब
इनके
खिलाफ
प्रकरण
दर्ज
कराया
गया,
इसके
बाद
से
ही
तीनों
भोपाल
छोड़
कर
बाहर
चले
गए
हैं।
तीनों
का
मूवमेंट
भोपाल
में
नहीं
दिख
रहा
है।
पुलिस
ने
गिरफ्तारी
के
प्रयास
इसलिए
भी
तेज
कर
दिए
हैं
कि
पूर्व
कुलपति
प्रो.
सुनील
कुमार
ने
भोपाल
जिला
अदालत
में
अग्रिम
जमानत
की
याचिका
दायर
की
है
और
इस
मामले
में
जल्द
सुनवाई
होने
जा
रही
है।
हालांकि,
पूर्व
रजिस्ट्रार
प्रो.
आरएस
राजपूत
की
अग्रिम
जमानत
याचिका
भोपाल
जिला
अदालत
पुलिस
की
आपत्ति
के
बाद
खारिज
कर
चुकी
है।


विदेश

भागने
पाए,
इसलिए
लुकआउट
नोटिस
जारी
होगा

इस
मामले
की
जांच
कर
रही
एसआईटी
को
भोपाल
में
दर्जन
भर
से
अधिक
ठिकानों
पर
छापेमारी
में
जब
तीनों
प्रमुख
आरोपी
नहीं
मिले।
इसके
बाद
पता
चला
कि
ये
तीनों
आरोपी
प्रकरण
दर्ज
होने
के
बाद
भोपाल
छोड़
चुके
हैं।
ऐसे
में
पुलिस
को
आशंका
है
कि
कहीं
यह
आरोपी
विदेश

भाग
जाएं,
इसलिए
मामले
की
गंभीरता
को
देखते
एसआईटी
ने
लुक
आउट
नोटिस
जारी
करने
की
प्रक्रिया
शुरू
कर
दी
है।
एसआईटी
ने
लुकआउट
नोटिस
जारी
करने
का
प्रस्ताव
बनाकर
भोपाल
पुलिस
आयुक्त
के
जरिए
गृह
विभाग
को
भिजवाया
है।
यहां
से
सरकार
के
माध्यम
से
केंद्रीय
गृह
मंत्रालय
को
प्रस्ताव
जाएगा
और
वहां
से
लुक
आउट
नोटिस
आरोपियों
के
खिलाफ
जारी
किया
जाएगा।


तीन
टीमें
दबिश
दे
रहीं 

एसआईटी
प्रमुख
एडीसपी
जोन-4
मलकियत
सिंह
ने
बताया
कि
आरजीपीवी
को
लेकर
दर्ज
मामले
के
आरोपियों
की
गिरफ्तारी
के
लिए
एसआईटी
की
तीन
टीमें
दबिश
दे
रही
हैं।
आरोपियों
के
संबंध
में
जहां
सूचना
मिलती
है,
वहीं
पुलिस
दबिश
देती
है।
मंगलवार
को
दो
स्थानों
पर
दबिश
दी,
लेकिन
किसी
की
गिरफ्तारी
नहीं
हुई।
लुकआउट
नोटिस
का
प्रस्ताव
बनाकर
भेज
दिया
है,
लेकिन
अभी
तक
कोई
सूचना
नहीं
आई
है।


यह
है
पूरा
मामला

जानकारी
के
अनुसार
आरजीपीवी
के
बैंक
खाते
से
19.48
करोड़
रुपये
एक
निजी
व्यक्ति
के
खाते
में
ट्रांसफर
किए
गए
हैं।
इसके
साथ
ही
9
करोड़
से
अधिक
की
राशि
सोहागपुर
की
दलित
संघ
नाम
की
संस्था
के
नाम
भी
जारी
की
गई
है।
निजी
खाते
में
राशि
भेजने
के
लिए
विश्वविद्यालय
के
तत्कालीन
रजिस्ट्रार
प्रो.
आरएस
राजपूत
और
वित्त
नियंत्रक
ऋषिकेश
वर्मा
ने
फर्जी
नोटशीट
तैयार
कराई।
नोटशीट
में
दोनों
बैंक
खातों
को
विश्वविद्यालय
का
बैंक
खाता
लिखा
गया,
ताकि
विश्वविद्यालय
के
ऑडिट
में
करोड़ों
की
हेराफेरी
पकड़ी

जा
सके।
इस
पूरे
मामले
में
कुलपति
प्रो.
सुनील
कुमार
की
भूमिका
पाई
गई
है।
छात्र
संगठन
एबीवीपी
ने
भ्रष्टाचार
का
आरोप
लगाते
हुए
विवि
में
धरना
दिया
था,
इसके
बाद
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
के
निर्देश
पर
तत्कालीन
कुलपति
प्रो.
सुनील
गुप्ता,
तत्कालीन
रजिस्टार
प्रो.
आरएस
राजपूत,
तत्कालीन
वित्त
नियंत्रक
ऋषिकेश
वर्मा
और
निजी
बैंक
के
कुमार
मयंक
और
दलित
संघ,
सोहागपुर
के
खिलाफ
नामजद
मामला
दर्ज
किया
गया।
जांच
में
और
भी
आरोपी
बनाए
जाने
की
संभावना
है।