मौसम विभाग का अनुमान-मानसून इस बार सामान्य से बेहतर रहेगा: स्काईमेट ने भी सामान्य बारिश की संभावना जताई है

मौसम विभाग का अनुमान-मानसून इस बार सामान्य से बेहतर रहेगा: स्काईमेट ने भी सामान्य बारिश की संभावना जताई है


नई
दिल्ली
1
मिनट
पहले

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पिछले साल देश में 94% बारिश हुई थी। प्राइवेट वेदर एजेंसी स्कायमेट ने 9 अप्रैल को को बताया था कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा। - Dainik Bhaskar


पिछले
साल
देश
में
94%
बारिश
हुई
थी।
प्राइवेट
वेदर
एजेंसी
स्कायमेट
ने
9
अप्रैल
को
को
बताया
था
कि
इस
बार
मानसून
सामान्य
रहेगा।

भारतीय
मौसम
विभाग
(IMD)
रविवार
दोपहर
2.30
बजे
प्रेस
कॉन्फ्रेंस
कर
इस
साल
के
मानसून
का
अनुमान
जारी
करेगा।
पिछले
साल
IMD
ने
96%
बारिश
का
अनुमान
जताया
था।
हालांकि,
उस
दौरान
अनुमान
से
2%
कम
यानी
94%
ही
बारिश
दर्ज
की
गई
थी।

वहीं,
प्राइवेट
वेदर
एजेंसी
स्कायमेट
ने
9
अप्रैल
को
बताया
था
कि
इस
बार
सामान्य
मानसून
रहेगा।
यानी
जून
से
सितंबर
तक
4
महीने
में
औसत
या
सामान्य
बारिश
होगी।
IMD
96
से
104%
के
बीच
बारिश
को
औसत
या
सामान्य
मानता
है।
इसे
फसलों
के
लिए
अच्छा
संकेत
माना
जाता
है।

भारत
में
आमतौर
पर
मानसून
1
जून
के
आसपास
केरल
के
रास्ते
आता
है।
4
महीने
की
बरसात
के
बाद
यानी
सितंबर
के
अंत
में
राजस्थान
के
रास्ते
मानसून
की
वापसी
होती
है।


IMD
और
स्काईमेट
का
पिछले
5
साल
में
मानसून
का
अनुमान


पिछले
साल
मानसून
में
48
मिमी
कम
बारिश
हुई
थी

पिछले
साल
यानी
2023
में
मानसून
की
विदाई
25
सितंबर
से
शुरू
हुई
और
30
सितंबर
तक
पूरे
पंजाब,
हरियाणा,
दिल्ली
के
साथ
जम्मू-कश्मीर,
हिमाचल,
उत्तराखंड,
उत्तर
प्रदेश,
मध्य
प्रदेश
और
राजस्थान
से
विदा
हो
गया।

IMD
के
मुताबिक,
2023
में
820
मिमी
बारिश
हुई।
सामान्य
रूप
से
868.6
मिमी
बारिश
होती
है
यानी
पिछले
साल
48
मिमी
कम
बारिश
हुई।
इससे
पहले
4
साल
लगातार
सामान्य
या
अधिक
बारिश
वाला
मानसून
रहा
था।


इकोनॉमी
के
लिए
अच्छी
बारिश
जरूरी

देश
में
सालभर
में
होने
वाली
कुल
बारिश
का
70%
पानी
मानसून
के
दौरान
ही
बरसता
है।
देश
में
70%
से
80%
किसान
फसलों
की
सिंचाई
के
लिए
बारिश
पर
ही
निर्भर
हैं।
यानी
मानसून
के
अच्छे
या
खराब
रहने
से
पैदावार
पर
सीधा
असर
पड़ता
है।
अगर
मानसून
खराब
हो
तो
फसल
कम
पैदा
होती
है,
जिससे
महंगाई
बढ़
सकती
है।

भारतीय
अर्थव्यवस्था
में
एग्रीकल्चर
सेक्टर
की
हिस्सेदारी
करीब
20%
है।
वहीं,
देश
की
आधी
आबादी
को
कृषि
क्षेत्र
ही
रोजगार
देता
है।
अच्छी
बारिश
का
मतलब
है
कि
खेती
से
जुड़ी
आबादी
को
फेस्टिव
सीजन
से
पहले
अच्छी
आमदनी
हो
सकती
है।
इससे
उनकी
खर्च
करने
की
क्षमता
बढ़ती
है,
जो
इकोनॉमी
को
मजबूती
देती
है।


9
अप्रैल
काे
स्कायमेट
ने
2024
के
मानसून
का
अनुमान
जारी
किया


23
राज्यों
में
बहुत
अच्छी
बारिश
का
अनुमान:

राजस्थान,
मध्य
प्रदेश,
उत्तर
प्रदेश,
गुजरात,
महाराष्ट्र,
पंजाब,
हरियाणा,
चंडीगढ़,
दिल्ली,
हिमाचल
प्रदेश,
जम्मू-कश्मीर,
लद्दाख,
उत्तराखंड,
गोवा,
आंध्र
प्रदेश,
तेलंगाना,
कर्नाटक,
केरल,
तमिलनाडु,
पुडुचेरी,
दादर
एवं
नगर
हवेली
और
दमन
एवं
दीव,
लक्षद्वीप।


4
राज्यों
में
कम
बारिश
संभव:

बिहार,
झारखंड,
ओडिशा
और
पश्चिम
बंगाल
में
जुलाई
और
अगस्त
के
दौरान।
इसके
बाद
सामान्य
बारिश
होगी।


8
राज्यों
में
सामान्य
से
कम
बारिश
की
संभावना:

असम,
अरुणाचल
प्रदेश,
मणिपुर,
मेघालय,
मिजोरम,
नगालैंड,
त्रिपुरा
और
सिक्किम
में
जून
और
जुलाई
के
दौरान।
इसके
बाद
सामान्य
बारिश।


अल
नीनो
क्या
होता
है

अल
नीनो
एक
जलवायु
पैटर्न
है।
इसमें
समुद्र
का
तापमान
3
से
4
डिग्री
बढ़
जाता
है।
इसका
प्रभाव
10
साल
में
दो
बार
होता
है।
इसके
प्रभाव
से
ज्यादा
बारिश
वाले
क्षेत्र
में
कम
और
कम
बारिश
वाले
क्षेत्र
में
ज्यादा
बारिश
होती
है।
भारत
में
अल
नीनो
के
कारण
मानसून
अक्सर
कमजोर
होता
है।
इससे
सूखे
की
स्थिति
बनती
है।


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स्काईमेट
का
अनुमान-
इस
साल
सामान्य
मानसून:राजस्थान,
मध्य
प्रदेश
समेत
23
राज्यों
में
अच्छी
बारिश
होगी

वेदर
एजेंसी
स्काईमेट
ने
मंगलवार
9
अप्रैल
को
बताया
कि
इस
बार
मानसून
सामान्य
रहेगा।
यानी
जून
से
सितंबर
तक
4
महीने
में
औसत
या
सामान्य
बारिश
होगी।
मौसम
विभाग
(IMD)
96
से
104
फीसदी
के
बीच
बारिश
को
औसत
या
सामान्य
मानता
है।
यह
फसलों
के
लिए
अच्छा
संकेत
है।


पूरी
खबर
पढ़ें…


इस
साल
ज्यादा
गर्मी
का
अनुमान,
20
दिन
लू
चलेगी:अगले
हफ्ते

से

तापमान
बढ़
सकता
है,
MP-महाराष्ट्र
समेत
6
राज्य
ज्यादा
तपेंगे

भारतीय
मौसम
विभाग
(IMD)
ने
इस
साल
ज्यादा
गर्मी
का
अनुमान
लगाया
है।
अप्रैल
से
जून
के
बीच
तीन
महीने
तापमान
ज्यादा
रहेगा।
वहीं
इस
बार
20
दिनों
तक
लू
की
संभावना
जताई
गई,
जो
अमूमन
8
दिनों
तक
रहती
है।
IMD
के
मुताबिक,
अगले
तीन
महीनों
में
देश
के
छह
राज्यों
मध्य
प्रदेश,
महाराष्ट्र,
गुजरात,
कर्नाटक,
ओडिशा
और
आंध्र
प्रदेश
में
गर्मी
का
ज्यादा
असर
रहेगा।
अगले
हफ्ते
तापमान
2
से
5
डिग्री
तक
बढ़
सकता
है।


पूरी
खबर
पढ़ें…