रुद्राक्ष पहनने वाली इंदिरा गांधी की पार्टी सनातन के खिलाफ जहर क्यों उगल रहीः पीएम मोदी

रुद्राक्ष पहनने वाली इंदिरा गांधी की पार्टी सनातन के खिलाफ जहर क्यों उगल रहीः पीएम मोदी
रुद्राक्ष पहनने वाली इंदिरा गांधी की पार्टी सनातन के खिलाफ जहर क्यों उगल रहीः पीएम मोदी


इंटरव्यू
के
दौरान
सवालों
का
जवाब
देते
पीएम
मोदी

लोकसभा
चुनाव
के
लिए
पहले
चरण
की
वोटिंग
से
पहले
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
का
बड़ा
इंटरव्यू
सामने
आया
है.
पीएम
मोदी
ने
एएनआई
को
दिए
इंटरव्यू
में
हिंदुत्व
से
लेकर
रुद्राक्ष
पहनने
और
2047
तक
भारत
को
विकसित
बनाने
से
जुड़े
कई
सवालों
का
जवाब
दिया
है.
सनातन
के
मुद्दे
को
लेकर
किए
गए
सवाल
के
जवाब
में
पीएम
मोदी
ने
कहा
है
कि
पूर्व
प्रधानमंत्री
इंदिरा
गांधी
रुद्राक्ष
पहनकर
घूमती
थीं,
लेकिन
उनकी
पार्टी
सनातन
के
खिलाफ
जहर
क्यों
उगल
रही
है.

पीएम
मोदी
ने
कहा,
कांग्रेस
जिससे
गांधी
जी
का
नाम
जोड़ा
गया
था.
इंदिरा
जी
रुद्राक्ष
की
माला
पहनकर
घूमती
थीं,
कांग्रेस
से
ये
पूछा
जाना
चाहिए
कि
तुम्हारी
क्या
मजबूरी
है
कि
सनातन
के
खिलाफ
इतना
जहर
उगलने
वाले
लोगों
के
साथ
क्यों
बैठे
हो?
क्या
तुम्हारी
राजनीति
अधूरी
रही
गई
है.
कांग्रेस
ये
कौन
सी
विकृति

रही
है
यह
चिंता
का
विषय
है.
डीएमके
का
जन्म
ही
शायद
इस
नफरत
में
पैदा
हुआ
है.
धीरे-धीरे
लोग
भी
उनके
नफरत
के
खेल
को
स्वीकार
करने
से
हटते
जा
रहे
हैं.
इसलिए
वो
नए-नए
तौर
तरीके
अपना
रहे
हैं.

‘कांग्रेस
ने
अपना
मूल
कैरेक्टर
गंवा
दिया
है’

पीएम
मोदी
ने
कहा,
यहां
सवाल
डीएमके
का
नहीं
है,
सवाल
कांग्रेस
जैसी
पार्टी
का
है
कि
उसने
अपना
मूल
कैरेक्टर
गंवा
दिया
है
क्या
है.
जब
संविधान
सभा
में
लोग
बैठे
थे
तो
उसमें
ज्यादातर
कांग्रेस
के
विचारधारा
के
लोग
थे.
पहला
संविधान
जो
बना
तो
उसके
पहले
पेज
पर
जो
पेंटिंग
है
वो
सनातन
की
ही
परंपरा
से
जुड़े
हुए
हैं.
जब
संविधान
बना
तो
उसमें
सनातन
गौरव
का
हिस्सा
था.
आज
सनातन
को
इतनी
भयंकर
गालियां
देने
की
हिम्मत
हो
और
आप
उनके
साथ
मंच
साझा
कर
रहे
हैं.
मजबूरी
कांग्रेस
की
है.
देश
के
लिए
ये
चिंता
का
विषय
है.

ये
भी
पढ़ें

राहुल
गांधी
के
बयानों
पर
पीएम
ने
दिया
यह
जवाब

वहीं,
कांग्रेस
के
पूर्व
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
के
बयानों
को
लेकर
किए
सवाल
के
जवाब
में
पीएम
मोदी
ने
कहा
कि
दुर्भाग्य
से
आज
हमारे
यहां
शब्दों
के
प्रति
कोई
ज़िम्मेदारी
ही
नहीं
है.
मैंने
एक
नेता
को
कहते
हुए
सुना
‘एक
झटके
में
मैं
गरीबी
हटा
दूंगा’.
जिनको
5-6
दशक
तक
देश
पर
राज
करने
को
मिला
और
वे
आज
कहते
हैं
कि
मैं
एक
झटके
में
गरीबी
हटा
दूंगा.
उन्हें
सुनकर
लोग
सोचते
हैं
कि
ये
क्या
बोल
रहे
हैं.
हम
‘प्राण
जाए
पर
वचन

जाए’
की
महान
परंपरा
से
निकले
हैं.
नेताओं
को
जिम्मेदारी
लेनी
चाहिए.
आज
हम
जो
कहते
हैं
उस
पर
लोगों
को
भरोसा
है.