UP News: निरहुआ के बयान से गरमाया सियासी पारा, वायरल वीडियो को दिनेश लाल ने बताया षडयंत्र का हिस्सा

UP News:                                    निरहुआ के बयान से गरमाया सियासी पारा, वायरल वीडियो को दिनेश लाल ने बताया षडयंत्र का हिस्सा
Dinesh Lal Yadav Nirahua controversial statement Viral video

दिनेश
लाल
यादल
निरहुआ


फोटो
:
वीडियो
ग्रैब
(वायरल)

विस्तार



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भारतीय
जनता
पार्टी
के
सांसद
और
प्रत्याशी
दिनेश
लाल
यादव
निरहुआ
का
एक
विवादित
वीडियो
सोशल
मीडिया
पर
तेजी
से
वायरल
हो
रहा
है।
इस
वीडियो
में
सांसद
दिनेश
लाल
बेरोजगारों
को
लेकर
कह
रहे
हैं
कि
जब
आप
बेरोजगार
हैं
तो
फिर
आठ
बच्चे
क्यों
पैदा
कर
रहे
हैं।
हमारे
प्रधानमंत्री
और
मुख्यमंत्री
द्वारा
इस
बात
को
ध्यान
में
रखते
हुए
बच्चे
पैदा
नहीं
किया
गया।
उनके
इस
बयान
को
लेकर
सियासी
पारा
गर्म
हो
गया
है।
सपा
के
प्रवक्ता
अशोक
यादव
ने
भाजपा
और
चुनाव
आयोग
से
इनकी
जांच
कर
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
की
मांग
की
गई
है।
हालांकि
भाजपा
सांसद
दिनेश
लाल
यादव
निरहुआ
ने
ट्विटर
के
जरिए
इस
वीडियो
को
फर्जी
और
षडयंत्र
का
हिस्सा
बताया। 

वीडियो
में
निरहुआ
ने
कहा
है
कि
रोजगार
की
संख्या
सीमित
है
और
जब
बच्चे
अधिक
पैदा
होंगे
तो
वे
बेरोजगार
ही
होंगे।
देश
में
सरकारी
नौकरियां
80
लाख
हैं
और
आबादी
है
140
करोड़।
80
लाख
लोगों
को
सरकारी
नौकरी
मिलने
से
क्या
सभी
लोगों
की
बेरोजगारी
दूर
हो
जाएगी?
मोदी
जी
और
योगी
जी
लोगों
को
रोजगार
देने
के
लिए
अनेक
योजनाएं
चला
रहे
हैं
उससे
जुड़कर
लोगों
को
रोजगार
हासिल
करना
चाहिए।
उनका
यह
बान
वायरल
होने
के
बाद
जनपद
का
सियासी
पारा
गर्म
हो
गया। 


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हालांकि
इस
दौरान
सांसद
दिनेश
लाल
यादव
निरहुआ
सामने
तो
नहीं
आए
लेकिन
ट्विट
करके
उन्होंने
बताया
कि
यह
वीडियो
फर्जी
है।
यह
उनके
खिलाफ
षडयंत्र
है।
वहीं
वायरल
हो
रहे
इस
वीडियो
का
हवाला
देते
हुए
समाजवादी
पार्टी
के
प्रवक्ता
अशोक
यादव
ने
कहा
कि
सांसद
निरहुआ
द्वारा
यह
बयान
अपमानजनक
और
बेतुका
है।
उनको
कम
से
कम
एक
सन्यासी
मुख्यमंत्री
के
प्रति
इस
तरह
का
बयान
नहीं
देना
चाहिए। 


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वहीं
भाजपा
आईटी
सेल
के
हेड
अमित
मालवीय
ने
ट्विटर
पर
बयान
दिया
है
कि
यह
एक
डीपफेक
वीडियो
है
तो
इसकी
फोरेंसिक
जांच
रिपोर्ट
भी
नत्थी
करनी
चाहिए
थी।
उन्होंने
कहा
कि
निरहुआ
द्वारा
दिया
गया
यह
बयान
देश
के
बेरोजगारों,
नौजवानों
और
इस
देश
की
जनता
के
लिए
बहुत
ही
अपमानजनक
है।
सांसद
निरहुआ
के
इस
बयान
पर
भारतीय
जनता
पार्टी
और
चुनाव
आयोग
द्वारा
अनुशासनात्मक
कार्रवाई
करनी
चाहिए।