रीवा
जिले
में
लगातार
हो
रही
भारी
बारिश
ने
जनजीवन
अस्त-व्यस्त
कर
दिया
है।
बुधवार
रात
से
जारी
मूसलधार
बारिश
के
कारण
शहर
के
कई
इलाके
जलमग्न
हो
गए
हैं।
निचली
बस्तियों
और
कॉलोनियों
में
पानी
भर
जाने
से
लोगों
को
भारी
परेशानी
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
हालात
इतने
खराब
हो
गए
कि
शहर
के
निराला
नगर
बस्ती
स्थित
सरदार
वल्लभ
भाई
पटेल
छात्रावास
में
फंसे
50
छात्रों
को
एसडीईआरएफ
(SDERF)
की
टीम
ने
रेस्क्यू
कर
सुरक्षित
बाहर
निकाला।
शहर
की
बस्तियां
बनीं
जल
कुंड,
नाले
उफान
पर
लगातार
हो
रही
बारिश
से
शहर
के
कई
हिस्सों
में
जलभराव
की
स्थिति
उत्पन्न
हो
गई
है।
नदियों
और
नालों
का
जलस्तर
तेजी
से
बढ़ा
है।
बाणसागर
बांध
के
16
में
से
8
गेट
खोले
जाने
से
टमस
सहित
अन्य
सहायक
नदियां
उफान
पर
हैं।
शहर
के
वार्ड
क्रमांक
2,
4,
13,
15,
39
और
40
में
जलभराव
की
स्थिति
बनी
हुई
है।
नगर
निगम
और
राहत
दल
की
टीमें
प्रभावित
क्षेत्रों
में
लगातार
काम
कर
रही
हैं।
ये
भी
पढ़ें; करणी
सेना
जिलाध्यक्ष
सहित
चार
की
रिहाई,
शनिवार
को
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समाज
का
बंद,
मौन
जुलूस
की
अनुमति
मांगी
छात्रावास
में
फंसे
50
छात्रों
को
रेस्क्यू
निराला
नगर
के
वार्ड
क्रमांक
9
स्थित
सरदार
वल्लभ
भाई
पटेल
छात्रावास
में
पानी
भरने
से
50
छात्र
फंस
गए।
सूचना
मिलते
ही
एसडीईआरएफ
की
टीम
मौके
पर
पहुंची
और
राहत
कार्य
शुरू
किया।
घंटों
की
मशक्कत
के
बाद
सभी
छात्रों
को
सुरक्षित
बाहर
निकाला
गया
और
पास
के
सरस्वती
स्कूल
में
ठहरने
और
भोजन
की
व्यवस्था
की
गई।
नालों
पर
अतिक्रमण
बना
मुसीबत
की
वजह:
महापौर
नगर
निगम
अध्यक्ष
व्यंकटेश
पांडेय
ने
बताया
कि
निराला
नगर
में
नाले
पर
अतिक्रमण
के
चलते
पानी
की
निकासी
बाधित
हुई,
जिससे
बाढ़
जैसे
हालात
बने।
उन्होंने
अतिक्रमण
करने
वालों
पर
सख्त
कार्रवाई
की
चेतावनी
दी
और
कहा
कि
अवैध
निर्माण
जल्द
हटाए
जाएंगे।
नगर
निगम
की
टीम
मुस्तैद:
कमिश्नर
नगर
निगम
कमिश्नर
संजय
सोनवणे
ने
बताया
कि
जलभराव
वाले
इलाकों
में
15
JCB
मशीनें
तैनात
कर
दी
गई
हैं,
जो
जलनिकासी
का
कार्य
कर
रही
हैं।
नगर
निगम
और
SDERF
की
टीमें
प्रभावित
इलाकों
में
लगातार
राहत
कार्य
में
जुटी
हैं।
उन्होंने
बताया
कि
नगर
निगम
द्वारा
कंट्रोल
रूम
और
हेल्पलाइन
नंबर
जारी
किए
गए
हैं,
जहां
से
लोग
तत्काल
मदद
मांग
सकते
हैं।
‘घबराएं
नहीं,
तुरंत
दें
सूचना’
कमिश्नर
सोनवणे
ने
रीवा
वासियों
से
अपील
की
है
कि
वे
घबराएं
नहीं,
जहां
भी
जलभराव
या
समस्या
हो
उसकी
सूचना
तुरंत
नगर
निगम
के
हेल्पलाइन
नंबर
पर
दें।
नगर
निगम
द्वारा
बनाए
गए
अस्थायी
आश्रय
स्थलों
पर
प्रभावित
लोगों
के
रहने
और
खाने
की
पूरी
व्यवस्था
की
गई
है।