दमोह
जिले
में
सड़क
हादसों
की
संख्या
लगातार
बढ़
रही
है।
हर
दिन
हादसे
हो
रहे
हैं,
जिनमें
लोगों
की
जान
जा
रही
है।
रविवार
को
ही
अलग-अलग
सड़क
हादसों
ने
3
लोगों
की
जान
ले
ली।
वहीं,
मंगलवार
की
शाम
एक
बेकाबू
कार
बाइक
सवार
को
टक्कर
मारते
हुए
वेल्डिंग
दुकान
में
जा
घुसी।
जिसमें
कोई
बड़ी
जनहानि
तो
नहीं
हुई,
लेकिन
नुकसान
अधिक
हो
गया।
बीते
छह
माह
के
आंकड़ों
पर
नजर
डालें
तो
जनवरी
से
लेकर
जून
महीने
तक
जिले
में
380
हादसे
हो
चुके
हैं।
इनमें
160
लोगों
की
जान
चली
गई।
आंकड़ों
से
स्पष्ट
होता
है
कि
हर
दिन
एक
सड़क
हादसा
और
हर
दूसरे
या
तीसरे
दिन
एक
व्यक्ति
की
मौत
सड़क
हादसे
में
हो
रही
है।
धारा
106
के
तहत
जिले
में
अब
तक
155
मामले
दर्ज
किए
गए
हैं।
जबकि
धारा
281
एवं
125
के
तहत
369
मामले
पंजीबद्ध
किए
गए
हैं।
यह
स्थिति
दर्शाती
है
कि
दमोह
जिले
में
सड़क
सुरक्षा
की
स्थिति
चिंताजनक
होती
जा
रही
है।
ये
भी
पढ़ें: ‘अमर
उजाला
संवाद’
में
हिस्सा
लेंगे
विश्वास
सारंग;
मध्य
प्रदेश
से
जुड़े
मुद्दों
पर
करेंगे
चर्चा
जानकारों
के
मुताबिक
हादसों
के
पीछे
मुख्य
कारणों
में
तेज
रफ्तार,
बिना
हेलमेट
या
सीट
बेल्ट
के
वाहन
चलाना,
नाबालिगों
द्वारा
वाहन
चलाना,
ओवरलोडिंग
और
खराब
सड़कें
शामिल
हैं।
इसके
अलावा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
अंधे
मोड़
और
संकेतकों
की
कमी
भी
हादसों
का
प्रमुख
कारण
है।
हालांकि,
प्रशासन
द्वारा
सड़क
हादसों
को
रोकने
के
लिए
लगातार
प्रयास
किए
जा
रहे
हैं,
जिसके
तहत
ब्लैक
स्पॉट
पर
स्पीड
ब्रेकर,
संकेतक
बोर्ड,
बैरिकेड्स
लगवाए
गए
हैं।
इसके
बावजूद
भी
सड़क
हादसों
में
कमी
नहीं
आ
रही
है।
अनियंत्रित
गति
सबसे
बड़ा
खतरा
सड़क
हादसों
का
सबसे
प्रमुख
कारण
तेज
गति
से
वाहन
चलाना
है।
नियमों
की
अनदेखी
करते
हुए
वाहन
चालक
सड़कों
पर
तेज
रफ्तार
से
वाहन
दौड़ाते
हैं,
जिससे
वाहन
पर
नियंत्रण
खोकर
दुर्घटनाएं
हो
जाती
हैं।
ये
भी
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प्रदेश
के
भोपाल,
इंदौर
समेत 16
जिलों
में
आज
भारी
बारिश
का
अलर्ट,
अगले
चार
दिन
बदला
रहेगा
मौसम
7
माह
में
दो
बड़े
सड़क
हादसे
22
अप्रैल
को
नोहटा
थाना
क्षेत्र
के
महादेवघाट
के
पुल
से
एक
बोलेरो
वाहन
नीचे
गिर
गया
था।
इस
हादसे
में
5
सगी
बहनों
सहित
8
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
इस
घटना
के
बाद
प्रशासन
द्वारा
पुल
पर
रेलिंग
लगवाई
गई
थी।
साथ
ही
स्पीड
ब्रेकर
बनवाए
गए
थे।
इसके
पहले
24
सितंबर
2024
को
समन्ना
गांव
के
आगे
बांदकपुर
रोड
पर
ऑटो
को
डंपर
ने
रौंद
दिया
था,
जिसमें
एक
साथ
9
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
इस
हादसे
में
तीन
परिवार
पूरी
तरह
से
उजड़
गए
थे।
लोगों
को
कर
रहे
जागरूक
यातायात
प्रभारी
दलवीर
सिंह
मार्को
का
कहना
है
कि
सड़क
हादसों
को
रोकने
के
लिए
लोगों
को
जागरूक
करने
के
साथ-साथ
चालानी
कार्रवाई
भी
की
जा
रही
है।
लोग
यदि
यातायात
नियमों
का
पालन
करें
तो
हादसों
पर
अंकुश
लगेगा।