जिले
के
महेश्वर
में
सोमवार
को
विश्व
मांगल्य
सभा
द्वारा
आयोजित
“राष्ट्रसमर्था
देवी
अहिल्या
बाई
की
पुण्यगाथा”
नाटक
का
मंचन
किया
गया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
ने
कहा
कि
लोकमाता
देवी
अहिल्या
बाई
ने
300
वर्ष
पहले
जो
जनकल्याण
और
सुशासन
के
कार्य
किए,
वे
आज
भी
प्रेरणादायक
हैं।
उन्होंने
हर
कठिनाई
का
सामना
कर
समाज
के
उत्थान
के
लिए
कार्य
किया।
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
देवी
अहिल्या
की
जीवनगाथा
पर
आधारित
नाटक
मंचन
के
लिए
विश्व
मांगल्य
सभा
की
सराहना
की।
मुख्यमंत्री
डॉ.
यादव
ने
कहा
कि
देवी
अहिल्या
बाई
ने
न
केवल
होल्कर
साम्राज्य
बल्कि
संपूर्ण
भारत
में
समाज
कल्याण
के
लिए
महत्वपूर्ण
कार्य
किए।
उन्होंने
सोमनाथ
और
काशी
विश्वनाथ
ज्योतिर्लिंग
का
पुनर्निर्माण
कराया।
साथ
ही,
देशभर
में
नदी
घाटों
का
निर्माण,
गरीबों
की
सहायता,
महेश्वरी
साड़ियों
के
निर्माण
को
बढ़ावा,
व्यापार
और
किसानों
की
सहायता,
न्याय
और
सुशासन
की
मिसालें
स्थापित
कीं।
उन्होंने
कहा
कि
माता
अहिल्या
बाई
के
कार्यों
से
प्रेरणा
लेकर
राज्य
सरकार
ने
पहला
दशहरा
महेश्वर
में
मनाया
और
कैबिनेट
बैठक
भी
यहीं
आयोजित
की।
प्रदेश
की
सशस्त्र
वाहिनी
क्रमांक
01
को
माता
अहिल्या
बाई
का
नाम
दिया
गया
है।
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समारोह
में
पहुंचे
राज्यपाल,
बोले-
समय
और
शिक्षा
का
सही
उपयोग
ही
व्यक्ति
को
सफल
बनाता
है
कार्यक्रम
में
राष्ट्रीय
स्वयंसेवक
संघ
के
सरकार्यवाह
दत्तात्रेय
होसबोले,
केन्द्रीय
महिला
एवं
बाल
विकास
मंत्री
सावित्री
ठाकुर,
मध्यप्रदेश
के
संस्कृति,
पर्यटन,
धार्मिक
न्यास
एवं
धर्मस्व
राज्यमंत्री
धर्मेन्द्र
सिंह
लोधी,
होल्कर
स्टेट
के
युवराज
यशवंत
राव
होल्कर,
विश्व
मांगल्य
सभा
की
अध्यक्ष
रेखा
खंडेलवाल,
राष्ट्रीय
संगठन
मंत्री
डॉ.
वृषाली
जोशी,
विश्व
मांगल्य
सभा
मध्यप्रदेश
की
अध्यक्ष
सूरज
डामोर,
सांसद
ज्ञानेश्वर
पाटिल,
डॉ.
सुमेर
सिंह
सोलंकी,
विधायक
राजकुमार
मेव,
बालकृष्ण
पाटीदार,
सचिन
बिरला
सहित
कई
गणमान्य
नागरिक,
अधिकारी
एवं
बड़ी
संख्या
में
आमजन
उपस्थित
थे।
इस
अवसर
पर
आयुषी
जैन
द्वारा
लिखित
देवी
अहिल्या
बाई
की
जीवनगाथा
पर
आधारित
पुस्तक
का
विमोचन
भी
किया
गया।
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सुगम
बस
परिवहन
सेवा
शुरू
करने
पर
सहमति,CM
बोले-
पुराने
रोडवेज
जैसी
स्थिति
न
बने
ऐसे
इंतजाम
करें
स्वयंसेवक
संघ
के
सरकार्यवाह
दत्तात्रेय
होसबोले
ने
कहा
कि
लोकमाता
देवी
अहिल्या
बाई
की
300वीं
जयंती
के
अवसर
पर
महेश्वर
में
इस
नाटक
का
मंचन
किया
गया
है,
जो
आमजन
को
राष्ट्र
निर्माण
की
प्रेरणा
देगा।
देवी
अहिल्या
ने
मंदिरों
का
जीर्णोद्धार
कराया
और
नारी
शक्ति
के
रूप
में
शासन
का
संचालन
किया।
रानी
लक्ष्मीबाई,
रानी
दुर्गावती
और
रानी
चेनम्मा
जैसी
महान
नारियों
की
तरह,
देवी
अहिल्या
भी
इतिहास
में
प्रेरणा
का
स्रोत
बनीं।