गुना
जिला
अस्पताल
के
बाहर
शनिवार
को
एक
बार
फिर
अतिक्रमण
हटाने
के
लिए
नगरपालिका
और
प्रशासन
का
अमला
पहुंच
गया,
जहां
दुकानदारों
ने
इस
कार्रवाई
का
जमकर
विरोध
किया।
इस
दौरान
आनन-फानन
में
सामान
उठाकर
रख
रहे
दुकानदार
को
चोट
लग
गई
और
सदमे
के
चलते
वह
बेहोश
गया।
जिन
दुकानों
पर
नगरपालिका
की
जेसीबी
चलने
वाली
थी,
उन्होंने
प्रशासन
और
भाजपा
के
खिलाफ
भी
नारेबाजी
शुरु
कर
दी।
बता
दें
कि
कलेक्टर
डॉ.
सतेंद्र
सिंह
ने
गुरुवार
देर
रात
जिला
अस्पताल
का
निरीक्षण
किया
था।
इसके
बाद
उन्होंने
राजस्व
और
नगरपालिका
टीम
को
अस्पताल
गेट
के
बाहर
अतिक्रमण
कर
रखी
गई
गुमठियों
को
हटाने
के
निर्देश
दिए
थे।
कलेक्टर
के
आदेश
का
पालन
करते
हुए
नगरपालिका
ने
शुक्रवार
को
अतिक्रमण
विरोधी
कार्रवाई
शुरु
की
और
अस्पताल
गेट
के
दोनों
ओर
रखी
गई
8
से
10
दुकानों
को
हटा
दिया
गया
था।
शनिवार
को
एक
बार
फिर
नगरपालिका
का
अमला
जेसीबी
लेकर
पहुंचा
और
दुकानदारों
को
5
मिनट
में
अपना
सामान
समेटने
का
फरमान
सुना
दिया।
इसी
बीच
चाय
की
दुकान
चलाने
वाला
कल्याण
सिंह
लोधा
अपनी
ही
दुकान
का
सामान
समेटने
के
दौरान
बुरी
तरह
घायल
हो
गया।
बताया
जा
रहा
है
कि
कल्याण
सिंह
को
सदमा
लगा,
जिसकी
वजह
से
वह
बेहोश
हो
गया
था।
उसे
इलाज
के
लिए
जिला
अस्पताल
में
भर्ती
कराना
पड़ा।
इसके
अलावा
सोनू
सरवैया
नामक
एक
दुकानदार
ने
कार्रवाई
कर
रहे
नगरपालिका
अमले
को
चेतावनी
दी
कि
जेसीबी
उसके
शरीर
पर
चढ़ा
दी
जाए,
लेकिन
वह
अपनी
दुकान
नहीं
हटाएगा।
दुकानदारों
ने
भाजपा
सरकार
के
खिलाफ
नारेबाजी
भी
शुरु
कर
दी।
दुकानदारों
का
तर्क
था
कि
वे
25
वर्षों
से
व्यवसाय
संचालित
कर
रहे
हैं,
नगरपालिका
को
रोजाना
5
रुपए
का
शुल्क
भी
देते
हैं।
लेकिन
आनन-फानन
में
कलेक्टर
के
निर्देश
पर
बारिश
के
सीजन
में
दुकानों
को
हटाया
जा
रहा
है,यह
कार्रवाई
पूरी
तरह
गलत
और
अमानवीय
है।वही
इस
दौरान
दुकानदारों
ने
प्रशासन
और
कलेक्टर
मुर्दाबाद
के
नारे
भी
लगाए।