Bhopal: हम तो सात रंग हैं…गाते हुए आए और भट बंधुओं ने लूट लिया मंच; तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा हॉल

Bhat brothers held a grand event in Kukut Bhawan auditorium of capital Bhopal

भट
बंधु


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

सुर
और
संगीत
से
सजी
इस
महफिल
ने
राजधानी
के
कुक्कूट
भवन
के
सभागार
में
आकार
लिया।
मौका
था
कला
समूह
भोपाल
द्वारा
आयोजित
कार्यक्रम
“लीनियेज-2”
का।
महफिल
को
खास
बनाने
के
लिए
एक
ही
परिवार
के
सात
भाईयों
के
म्युज़िक
ग्रुप
“रुद्रम्स”
के
तीन
पीढ़ीयों
के
सदस्य
यहां
संगीत
के
कद्रदानों
की
धड़कनों
को
संभाले
हुए
थे। 


ऐसे
चला
संगीत
सफर

सबसे
युवा
सदस्य
इंदौर
की
विभूति
भट
ने
एआर
रहमान
द्वारा
संगीत
बद्ध
गीत
“कहना
ही
क्या…”
को
अपना
स्वर
दिया
तो
रिटायर्ड
पुलिस
ऑफिसर
अनिल
भट
ने
अपनी
धर्मपत्नी
के
साथ
मिलकर
“तू
गंगा
की
मौज
मैं
जमना
की
धारा…”
सुनाकर
सभी
को
मंत्र
मुग्ध
कर
दिया।
सुर
का
सिलसिला
आगे
बढ़ा
तो
उज्जैन
के
प्रसिद्ध
गजल
गायक
उमेश
भट
ने
गुलाम
अली
की
गाई
गजल
“अपनी
तस्वीर
को
हाथों
से
सजाता
क्या
है…”गाकर
वाहवाही
लूटी।
इसी
कड़ी
में
पुणे
से
आई
आरोही
भट
ने
सुमधुर
आवाज़
में
“साथी
रे
भूल

जाना
मेरा
प्यार…”
प्रस्तुत
कर
माहौल
को
सुरमयी
बना
दिया।
इस
संगीत
महफिल
को
भोपाल
के
युवा
गायक
आलाप
और
इंदौर
के
ओमकार
ने
“किल
दिल…”
गाकर
दर्शकों
को
अचंभित
कर
दिया।
उल्लेखनीय
है
कि
ये
दोनों
युवा
गायक
54वे
अंतरराष्ट्रीय
फ़िल्म
फेस्टिवल
में
सूचना
प्रसारण
मंत्रालय
द्वारा
75
क्रिएटीव
माइंडस
में
चुने
जा
चुके
हैँ
और
गोवा
में
पुरुस्कार
जीत
चुके
हैं।


याद
आए
रफी
साहब 

मोहम्मद
रफी
की
आवाज
की
कार्बन
कॉपी
के
रूप
में
पहचाने 
जाने
वाले
भोपाल
के
राजेश
भट
ने
“जाने
बहार
हुस्न
तेरा…”
गीत
से
लोगों
का
मन
जीता,
तो
वहीं
पुणे
से
आए
अनिमेष
भट
ने
कैलाश
खेर
के
गीत
“सैया”
को
बखूबी
निभाकर
लोगों
को
लुभाया।
इंदौर
से
आए
रोहित
भट
ने

तू
ही
मेरी
शब
है
सुबह
है”
गीत
प्रस्तुत
किया।
सूरत
के
मनोज
भट
के
लबों
पर
“पुकारता
चला
हूं
मैं…”
और
नागदा
के
सुधीर
भट
के
होंठों
से
निकले
“मुसाफ़िर
हूँ
यारों…”
गीतों
ने
भी
सबका
मन
लुभाया।
इंदौर
के
दिनेश
भट
ने
“हम
तेरे
शहर
में
आए
हैं…

गाया,
जिसे
लोगों
ने
बहुत
पसंद
किया।
मुंबई
के
अमित
भट
ने
“मैं
हूं
झुमरू” 
की
युडलिंग
से
किशोर
कुमार
की
याद
दिला
दीं।
वहीं
इंदौर
के
डॉ.
अतुल
भट
ने
मन्नाडे
के
कठीन
गीत
“फूल
गेंदुआ

मारो

को
निभाकर
दर्शकों
को
प्रभावित
किया। 


विज्ञापन


सुलेखा
का
शास्त्रीय
गायन 

इसी
भट
परिवार
में
शामिल
है
देश
की
प्रतिष्ठित
शास्त्रीय
गायिका
सुलेखा
भट।
जिन्होंने
आमतौर
पर
अपनी
दमदार
गायकी
से
देश
के
अनेक
मंचों
पर
मध्यप्रदेश
का
नाम
रोशन
कर
किया
है।
एक
नए
अंदाज
में
परिवार
के
साथ
मंच
पर
नज़र
आई
और
एक
पंजाबी
सूफ़ी
उपशास्त्रीय
गीत
से
महफिल
को
अलग
ही
ऊंचाई
पर
पहुंचाने
दिया। 


ऐसे
बना
रूद्रम्स

कला
समूह
के
अध्यक्ष
और
रुद्रम्स
म्युज़िक
ग्रुप
के
अहम्
सदस्य
राजेश
भट
ने
बताया
कि
रुद्रम्स
नाम
भट
परिवार
के
सात
भाइयों
के
अंग्रेजी
नामों
के
पहले
अक्षर
से
बना
है।
रूद्र
शिव
का
नाम
होता
है।
इन
सातों
भाइयों
के
पिता
का
नाम
शंकर
ही
है।
उन्होंने
बताया
कार्यक्रम
का
संगीत
संयोजन
की
बोर्ड
प्लेयर
केदार
सिंह
का
रहा
और
साथी
कलाकारों
में
पैड
पर
अनिल
ओझा,
गिटार
पर
संजीव
झा,
बेस
गिटार
पर
दुष्यंत
और
रिदम
पर
वेदाँत
थे।
कार्यक्रम
का
संचालन
आकाशवाणी
भोपाल
के
सीनियर
अनाउंसर
डॉ.
अरविन्द
सोनी
ने
किया।