Bhopal: एम्स ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज की उपलब्धि, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग फॉर इनोवेशन में 34वां स्थान

Bhopal: एम्स ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्ज की उपलब्धि, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग फॉर इनोवेशन में 34वां स्थान

राजधानी
भोपाल
स्थित
एम्स
अंतरराष्ट्रीय
स्तर
पर
उपलब्धि
दर्ज
की
है।
वर्ल्ड
यूनिवर्सिटी
रैंकिंग
फॉर
इनोवेशन
(WURI)
2025
में
संस्थान
ने
विजनरी
लीडरशिप
श्रेणी
में
वैश्विक
स्तर
पर
34वां
स्थान
हासिल
किया
है।
यह
उपलब्धि
एम्स
भोपाल
की
रणनीतिक
सोच,
इनोवेटिव
लीडरशिप
और
समाज
पर
प्रभाव
डालने
वाले
प्रयासों
के
लिए
दिए
गए
हैं।


विज्ञापन

Trending
Videos



विज्ञापन


विज्ञापन


नवाचार
के
क्षेत्र
में
तेजी
से
बनाई पहचान

संस्थान
के
नेतृत्व
में
चिकित्सा
शिक्षा,
अनुसंधान
और
संस्थागत
नवाचार
के
क्षेत्र
में
तेजी
से
पहचान
बनाई
है।
WURI
रैंकिंग
उन
विश्वविद्यालयों
और
संस्थानों
को
सम्मानित
करती
है
जो
शिक्षा
को
पारंपरिक
दायरे
से
आगे
बढ़ाकर
समाज
में
प्रभावी
और
व्यावहारिक
योगदान
देते
हैं।


छात्र-केंद्रित
पहल
का
मिला
वैश्विक
सम्मा

विजनरी
लीडरशिप
के
अलावा
एम्स
भोपाल
को
स्टूडेंट
सपोर्ट
एंड
इंगेजमेंट
(A1)
श्रेणी
में
भी
वैश्विक
स्तर
पर
स्थान
मिला
है।
यह
रैंकिंग
संस्थान
द्वारा
छात्र
सशक्तिकरण,
समावेशी
शिक्षा
और
संपूर्ण
विकास
की
दिशा
में
किए
गए
प्रयासों
को
रेखांकित
करती
है।

यह
भी
पढ़ें-भोपाल
में
स्मार्ट
मीटर
लगने
के
बाद
बढ़े
हुए

रहे
बिल,
लोगों
का
गुस्सा
फूटा,
बिजली
ऑफिस
का
किया
घेराव


जाने
क्य
है
यह
रैंकिंग 

स्विट्जरलैंड
स्थित
इंस्टीट्यूट
फॉर
पॉलिसी
एंड
स्ट्रैटजी
ऑन
नेशनल
कॉम्पिटिटिव-नेस
(IPSNC)
और
हैंसेटिक
लीग
ऑफ
यूनिवर्सिटीज
के
सहयोग
से
जारी
WURI
रैंकिंग
पारंपरिक
रैंकिंग
सिस्टम
से
अलग
है।
यह
केवल
अकादमिक
प्रकाशनों
या
शोधपत्रों
पर
ध्यान
नहीं
देती,
बल्कि
इनोवेशन,
सामाजिक
योगदान
वास्तविक
दुनिया
पर
प्रभाव
जैसे
मानकों
पर
संस्थानों
को
आंके
जाने
का
अवसर
देती
है।


यह
भी
पढ़ें-CM
की
दिग्गजों
से
वन-टू-वन
मुलाकात,टेक्नोलॉजी,
टेक्सटाइल
से
लेकर
औद्योगिक
ट्रांसफॉर्मेशन
पर
हुई
चर्चा


डायरेक्टर
ने
जताई
खुशी

एम्स
के
डायरेक्टर
डॉ.
अजय
सिंह
ने
कहा
है
कि
WURI
द्वारा
मिली
यह
वैश्विक
मान्यता
एम्स
भोपाल
के
लिए
गर्व
की
बात
है।
यह
हमारी
परिवर्तनकारी
शिक्षा,
छात्रों
के
सशक्तिकरण
और
दूरदर्शी
नेतृत्व
के
प्रति
प्रतिबद्धता
का
प्रमाण
है।
यह
सम्मान
हमें
एक
ऐसी
स्वास्थ्य
प्रणाली
के
निर्माण
के
लिए
प्रेरित
करता
है
जो
भारत
ही
नहीं,
बल्कि
वैश्विक
स्तर
पर
भी
सार्थक
योगदान
दे।