Bhopal: वेटिंग शिक्षकों में आक्रोश, महिलाओं ने मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र, बोलीं-लाडली बहनों को हक चाहिए

Bhopal: वेटिंग शिक्षकों में आक्रोश, महिलाओं ने मुख्यमंत्री को खून से लिखा पत्र, बोलीं-लाडली बहनों को हक चाहिए

मध्य
प्रदेश
में
शिक्षक
भर्ती
वर्ग-1
के
वेटिंग
अभ्यर्थियों
के
नियुक्ति
की
मांग
एक
बार
फिर
से
तेज
हो
गई
है।
महिला
अभ्यर्थियों
ने
इंजेक्शन
से
खून
निकालकर
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
को
पत्र
लिखा
है।
जिस
में
कहा
है
कि
मोहन
भैया
लाड़ली
बहनों
की
पीड़ा
समझिए,
हमारे
हक
के
लिए
कुछ
करिए।
अभ्यर्थियों
की
मांग
है
कि
शिक्षक
भर्ती
वर्ग-1
(2023)
के
तहत
शेष
बचे
स्वीकृत
पदों
पर
उन्हें
नियुक्ति
दी
जाए,
ताकि
उनकी
वर्षों
की
मेहनत
व्यर्थ

जाए।


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हमारा
अधिकार
चाहिए

वेटिंग
महिला
अभ्यर्थियों
ने
पत्र
के
माध्यम
से
कहा
है
कि
हम
लाड़ली
बहनें
हैं,
लेकिन
हमें
सहायता
नहीं,
हमारा
अधिकार
चाहिए।
उन्होंने
मुख्यमंत्री
को
याद
दिलाया
कि
पिछले
वर्ष
राखी
पर
उन्होंने
संदेश
दिया
था
वर्ग
1
वेटिंग
वाली
आपकी
लाड़ली
बहनों
का
ख्याल
भी
रखना
मोहन
भैया।


सैकड़ों
योग्य
अभ्यर्थी
बेरोजगार

वेटिंग
शिक्षक
संघ
के
अघ्यकक्ष
निलेश
गौतम
ने
बताया
कि
अभ्यर्थियों
में
काफी
आक्रोश
है।
हमारी
मांग
है
कि मांग
है
कि
रिक्त
पदों
पर
उन्हें
द्वितीय
काउंसलिंग
के
माध्यम
से
नियुक्त
किया
जाए।
उन्होने
बताया
कि
2011
और
2018
में
भी
द्वितीय
काउंसलिंग
के
जरिए
नियुक्तियां
हुई
थीं,
लेकिन
2023
में
इस
परंपरा
को
तोड़
दिया
गया,
जिससे
सैकड़ों
योग्य
अभ्यर्थी
आज
भी
बेरोजगार
हैं।


यह
भी
पढ़ें-सरकारी
स्कूलों
में
पढ़ाने
वाले
शिक्षकों
पर
लगेगी
पाबंदी,23
से
30
जून
तक
ऑनलाइन
अटेंडेंस
का
होगा
ट्रायल


2901
पद
अब
भी
खाली

शिक्षक
भर्ती
2023
के
तहत
कुल
8720
पदों
में
से
केवल
5053
पदों
पर
नियुक्ति
हुई,
जबकि
2901
पद
अब
तक
रिक्त
हैं।
अभ्यर्थियों
का
आरोप
है
कि
चयन
सूची
में
नाम
आने
के
बावजूद
उन्हें
नियुक्त
नहीं
किया
गया।
उधर
शिक्षा
विभाग
ने
दिसंबर
2024
में
48223
और
जनजातीय
कार्य
विभाग
ने
10501
नए
शिक्षकों
के
पद
स्वीकृत
किए
हैं।
ऐसे
में
अभ्यर्थियों
का
सवाल
है
कि
जब
हजारों
पद
नए
स्वीकृत
हो
सकते
हैं,
तो
पुराने
वेटिंग
वालों
को
क्यों
नजर
अंदाज
किया
जा
रहा
है?


यह
भी
पढ़ें-टेक
होम
राशन
घोटाले
में
लोकायुक्त
की
जांच
शुरू,
पूर्व
सीएस
इकबाल
सिंह
और
एलएम
बेलवाल
पर
आरोप


पहले
भी
कर
चुके
हैं
विरोध
प्रदर्शन

वेटिंग
शिक्षक
इससे
पहले
भी
कई
बार
अलग-अलग
तरीके
से
विरोध
दर्ज
करा
चुके
हैं।
जिसमें पैदल
मार्च,
धरना,
और
बाल
कटवाकर
विरोध
किया
था।
अब
उन्होंने
खून
से
पत्र
लिखकर
अपनी
व्यथा
मुख्यमंत्री
तक
पहुंचाने
की
कोशिश
की
है।वेटिंग
शिक्षक
संघ
के
नीरज
त्रिवेदी,
देशपाल
पालीवाल
और
वंदना
पांडे
ने
सरकार
से
अपील
की
है
कि
गरीब
और
वंचित
तबके
के
बच्चों
के
भविष्य
के
लिए
जल्द
से
जल्द
द्वितीय
काउंसलिंग
कराई
जाए,
ताकि
योग्य
शिक्षक
नियुक्त
हो
सकें
और
सरकारी
स्कूलों
की
शिक्षा
गुणवत्ता
में
सुधार
हो।