राजधानी
स्थित
एम्स
लगातार
स्वास्थ्य
सुविधाओं
में
विस्तार
कर
रहा
है।
इसी
कड़ी
में
अब
यहां
आने
वाले
कैंसर
मरीजों
के
लिए
दो
बड़ी
सुविधा
शुरू
होने
जा
रही
है।
जिनमें
से
प्रमुख
है
गामा
नाइफ
यूनिट
और
पेट
स्कैन
जांच
दोनों
ही
सुविधा
जल्द
शुरू
हो
सकती
है।
गामा
नाइफ
यूनिट
में
मस्तिष्क
में
पनप
रहे
कैंसर
का
त्वरित
इलाज
हो
सकेगा। इस
तकनीक
से
ब्रेन
ट्यूमर,
ब्रेन
कैंसर,
ट्राइजेमिनल
न्यूरलजिया
और
एकोस्टिक
न्यूरोमा
जैसी
बीमारियों
का
सटीक
इलाज
किया
जा
सकता
है।
वही
पेट
स्कैन
शुरू
होने
से
20
हजार
तक
की
महंगी
जांच
सरलता
से
हो
पाएगी।
बता
दें
कि
पेट
स्कैन
जांच
की
सुविधा
मध्यप्रदेश
के
किसी
भी
सरकारी
अस्पताल
में
उपलब्ध
नहीं
है।
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अब
तक
देश
में
केवल
चार
संस्थानों
में
है
या
सुविधा
जानकारी
के
लिए
बता
दें
एम्स
भोपाल
में
बन
रही
गामा
नाइफ
यूनिट
की
लागत
लगभग
85
करोड
रुपए
आएगी।
देश
में
अब
तक
सिर्फ
चार
संस्थानों
में
ही
यह
तकनीक
है।
गामा
नाइफ
से
इन्फेक्शन
रेडियस
मात्र
0.01
फीसदी
ही
रह
जाता
है।
यही
नहीं
इससे
0.1
एमएम
के
क्षेत्र
में
भी
रेडिएशन
दिया
जा
सकता
है।
इसमें
ब्रेन
की
खून
ले
जाने
वाली
शिरा
को
छेड़े
बिना
सीधे
ट्यूमर
के
डीएनए
को
नष्ट
करता
है।
इस
मशीन
को
इंस्टॉल
करने
के
जरूरी
बंकर
अक्टूबर
तक
तैयार
होंगे।
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गामा
नाइफ
एक
अत्याधुनिक
तकनीक
एम्स
के
डायरेक्टर
डॉ.
अजय
सिंह
ने
बताया
कि
गामा
नाइफ
एक
अत्याधुनिक
तकनीक
है।
केंद्र
सरकार
के
उपक्रम
हाइट्स
द्वारा
इसे
खरीदा
जा
रहा
है।
बंकर
का
निर्माण
भी
सीपीडब्ल्यूडी
कर
रहा
है।
काम
50
फीसदी
हो
गया
है।
जानकारी
के
लिए
बतादें
कि
गामा
नाइफ
के
लिए
रेडिएशन
फ्री
बंकर
बनाने
के
लिए
जिम्मेदारी
सीपीडब्ल्यूडी
को
दी
गई
थी,
लेकिन,
काम
की
रफ्तार
धीमी
होने
के
कारण
अब
यह
काम
एचएलएल
इंझफ्रोटेक
सर्विसेस
लिमिटेड
(एचआईटीईएस)
यानी
हाइट्स
को
दिया
गया
है।
एजेंसी
बदलने
से
काम
पिछड़
गया।
फायदा
20
हजार
में
होती
है
पेट
स्कैन
की
जांच
कैंसर
के
ज्यादातर
मरीजों
को
पेट
स्कैन
की
जांच
करानी
पड़ती
है।
यह
जांच
काफी
महंगी
होती
है।
यह
जांच
भोपाल
में
लगभग
18
से
20
हजार
में
निजी
अस्पतालों
में
की
जाती
है।
किसी
भी
सरकारी
हॉस्पिटल
सुविधा
नहीं
होने
से
मरीजों
को
काफी
परेशानी
का
सामना
करना
पड़
रहा
है।
एम्स
भोपाल
में
जल्द
ही
यह
जांच
शुरू
करने
की
तैयारी
की
जा
रही
है।
मिली
जानकारी
के
अनुसार
पेट
स्कैन
शुरू
करने
की
तैयारी
अंतिम
पड़ाव
पर
है।