Bhopal: डेंगू-मलेरिया से निपटने के लिए कर्मचारियों को किया प्रशिक्षित, DMO बोले- कोई भी बुखार हो सकता है डेंगू

Bhopal: Employees trained to deal with dengue and malaria DMO said any fever can be dengue

डेंगू-मलेरिया
की
रोकथाम
को
लेकर
बैठक।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

मौसम
विभाग
के
अनुसार
मध्य
प्रदेश
की
राजधानी
भोपाल
में
15
से
20
जून
के
बीच
मानसून
पहुंचेगा।
बारिश
के
दौरान
मच्छरों
से
होने
वाली
बीमारियां
डेंगू,
मलेरिया
का
खतरा
बढ़
जाता
है।
राजधानी
भोपाल
में
मच्छर
जनित
बीमारियों
से
निपटने
के
लिए
पहले
से
ही
तैयारी
शुरू
हो
गई
हैं।
कर्मचारियों
को
प्रशिक्षित
किया
जा
रहा
है। 

शुक्रवार
को
जिला
मलेरिया
अधिकारी
अखिलेश
दुबे
की
उपस्थिति
में
एंबेड
टीम
भोपाल
के
साथ
समीक्षा
बैठक
और
डेंगू,
मलेरिया
नियंत्रण
के
लिए
प्रशिक्षण
रखा
गया।
इस
दौरान
बीसीसीएफ
को
मलेरिया
और
डेंगू
के
लक्षण,
बचाव,
फील्ड
स्तर
पर
अक्सर
पूछे
जाने
वाले
प्रश्नों
के
बारे
में
एवं
लार्वा
सर्वे
के
बारे
में
बताया
साथ
ही
मच्छर
का
जीवन
चक्र
आदि
के
बारे
में
विस्तार
से
बताया। 


डेंगू,
मलेरिया
के
लक्षण
दिखे
तो
तुरंत
अस्पताल
में
करें
रेफर 

जिला
मलेरिया
अधिकारी
अखिलेश
दुबे
ने
कहा
कि
बुखार
आने
पर
बिल्कुल
भी
लापरवाही
ना
करें,
कोई
भी
बुखार
डेंगू
या
मलेरिया
हो
सकती
है।
दुबे
ने
कहा
कि
अगर
मलेरिया
या
डेंगू
के
लक्षण
दिखे
तो
उसे
नजदीकी
अस्पताल
में
रेफर
करे।
यूएचएनडी
के
दौरान
गर्भवती
महिला
की
मलेरिया
जांच
अनिवार्य
रूप
से
कराए।
उन्होंने
मलेरिया
नियंत्रण
हेतु
लार्वा
सर्वे,
रेपिड
फीवर
सर्वे
करने
की
हिदायत
दी।


विज्ञापन


घर-घर
जाकर
लोगों
को
कर
रहे
जागरूक 

क्षेत्रीय
समन्वयक
फैमिली
हेल्थ
इंडिया
डॉ.
संतोष
भार्गव
ने
कहा
की
क्षेत्र
स्तर
पर
टीम
के
द्वारा
घर-घर
जाकर
पोस्टर
मॉड्यूल
के
मध्य
से
जागरूकता
के
बारे
में
समझाया
जा
रहा
है।
डेंगू,
मलेरिया
के
प्रति
जागरूकता
अभियान
चलाया
जा
रहा
है।
 इस
दौरान
टीम
को
डेंगू
के
प्रकार,
लार्वा
उत्पत्ति
स्थल,
मच्छर
की
आदत
आदि
पर
विशेष
समझाया।
इस
दौरान
कहा
की
समस्त
बीसीसीएफ
कार्यकर्ताओं
के
द्वारा
जगह
जगह
लगातार
बैठक,
लार्वा
सर्वे,
लार्वा
नष्टीकरण,
 रेपिड
फीवर
सर्वे,
मच्छरदानी
के
उपयोग
आदि
के
बारे
में
विस्तार
से
लोगों
को
समझाइश
दी
जाए।