
राजधानी
भोपाल
में
सुबह
की
शुरुआत
नमाज
के
साथ…
दिन
का
रुझान
बयान
ओ
तकरीर
के
साथ…
दिन
में
तालीम
और
खाली
वक्त
में
तिलावत
ए
कुरआन
और
तस्बीह…!
राजधानी
भोपाल
में
आकार
लिए
इज़्तिमागाह
में
कुछ
अलग
ही
तरह
की
दुनिया
बसी
हुई
दिखाई
दे
रही
है।
देश
दुनिया
से
पहुंचे
लाखों
जमातियों
ने
यहां
शामियाने
को
मस्जिद
और
सैंकड़ों
एकड़
इलाके
को
इबादतगाह
बना
लिया
है।
दुनिया
के
बीच
इसी
कोने
में
सिमटे
इन
लोगों
के
बीच
न
दुनिया
की
फिक्र
है
और
न
ही
दुनियादारी
का
जिक्र।
यहां
बस
कुरआन,
हदीस,
नमाज,
अच्छी
बातों
की
पुकार
सुनाई
दे
रही
है।
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77वें
आलमी
तबलीगी
इज्तिमा
शुक्रवार
से
शुरू
होकर
अपने
शबाब
पर
है।
लाखों
जमातियों
की
मौजूदगी
के
बाद
यहां
अभी
लोगों
का
आना
लगातार
जारी
है।
अल
सुबह
से
उलेमाओं
की
तकरीरों
का
दौर
शुरू
हो
रहा
है,
जो
देर
रात
तक
जारी
रहता
है।
बीच
में
नमाजों
के
वक्त
पर
बड़ा
मजमा
एक
साथ
नमाज
के
लिए
खड़ा
होता
है
तो
दूर
दूर
तक
सन्नाटा
पसर
जाता
है
और
बस
एक
ही
आवाज
ईमाम
की
सुनाई
देती
है।
नमाज
के
बाद
उठे
लाखों
हाथ
देश,
दुनिया,
प्रदेश
और
इस
शहर
की
खुशहाली
की
दुआओं
पर
आमीन
की
आवाज़ें
गुंजायमान
करते
सुनाई
देते
हैं।
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यह
है
दिनचर्या
इज्तिमागाह
पर
सुबह
की
शुरुआत
कुछ
जल्दी
हो
जाती
है।
यहां
मौजूद
जमाती
फजिर
से
पहले
तहज्जुद
की
नमाज
अदा
करते
हैं।
इसके
बाद
नमाज
ए
फजिर
अदा
होती
है।
फजिर
की
नमाज
से
फारिग
जमाती
अपनी
ही
जगह
पर
जमे
रहते
हैं
और
यहीं
उलेमा
की
तकरीर
का
सिलसिला
शुरू
हो
जाता
है।
इस
प्रक्रिया
के
पूरा
होने
के
बाद
लोग
अपनी
सुबह
की
जरूरतों
को
पूरा
करने
में
जुट
जाते
हैं।
इज्तिमागाह
पर
की
गईं
व्यवस्थाओं
के
चलते
लाखों
जमातियों
की
मौजूदगी
में
भी
टॉयलेट,
बॉथरूम
और
वजूखाने
की
व्यवस्था
माकूल
भी
है।
साथ
ही
किए
गए
वॉटर
ट्रीटमेंट
मैनेजमेंट
की
वजह
से
बदबू
रहित
भी।
सुबह
की
तकरीर
से
फारिग
लोग
चाय
नाश्ते
के
बाद
अपने
अपने
हलकों
में
रहकर
तालीम
में
हिस्सा
लेते
हैं।
दोपहर
का
खाना
खाने
के
बाद
नमाज
ए
जौहर
होती
है।
इसके
बाद
बयान
का
दौर
कुछ
लंबा
चलता
है,
जो
शाम
को
असीर
की
नमाज
तक
जारी
रहता
है।
असीर
की
नमाज
के
बाद
कुछ
समय
का
ब्रेक
लिया
जाता
है।
फिर
मगरिब
की
नमाज
और
इसके
बाद
बयान
की
खास
महफिल
होती
है,
जिसे
मौलाना
सआद
साहब
कांधलवी
संबोधित
करते
हैं।
चाय,
पानी,
खाना
सब
सस्ता
इज्तिमागाह
पर
चारों
दिशा
में
अलग
अलग
फूड
जोन
बनाए
गए
हैं।
बिरादरी
और
सामाजिक
संगठनों
द्वारा
संचालित
इन
जोन
में
रियायती
दरों
पर
खाना
और
नाश्ता
मिल
रहा
है।
नो
लॉस
नो
प्रॉफिट
के
सूत्र
पर
संचालित
इन
फूड
जोन
में
चाय,
कोलड्रिंक
और
पानी
की
बॉटल
भी
सस्ते
दाम
पर
उपलब्ध
हैं।
रास्तों
का
जिम्मा
वालेंटियर्स
पर
इज्तिमा
पहुंच
मार्ग
की
यातायात
व्यवस्था
वालेंटियर्स
ने
सम्हाल
रखी
है।
भोपाल
टॉकीज,
डीआईजी
बंगला,
करोंद
और
इस्लाम
नगर
तिराहे
पर
यह
वालेंटियर्स
व्यवस्था
बनाए
हुए।
इस
व्यवस्था
में
पुलिस
का
सहयोग
बैक
ग्राउंड
में
ही
दिखाई
दे
रहा
है।
झलकियां
=इज्तिमागाह
पर
बढ़ती
जमातियों
की
तादाद
का
असर
अभी
से
दिखाई
देने
लगा
है।
यहां
गुरुवार
शाम
से
ही
मोबाइल
नेटवर्क
ध्वस्त
होने
लगा
है।
आने
वाले
दिनों
में
यह
समस्या
और
गहराने
वाली
है।
=इज्तिमागाह
के
आसपास
खानपान
और
अन्य
जरूरी
सामान
की
दुकानें
खुल
गई
हैं।
=अचानक
बदले
मौसम
के
चलते
लोगों
को
गर्म
कपड़ों
की
जरूरत
महसूस
हो
रही
है।
इसके
लिए
फुटपाथ
और
अस्थाई
दुकानों
से
जैकेट,
स्वेटर,
कंबल
आदि
बिक
रहे
हैं।
=इज्तिमा
के
दौरान
हलवा
पराठा,
सोहन
हलवा,
मैसूर
पाक
की
खास
बिक्री
होती
है।
काजी
कैंप
से
लेकर
इज़्तिमागाह
तक
इन
पकवानों
की
कई
दुकानें
खुल
गई
हैं।
=इज्तिमागाह
के
आसपास
बन
गए
मैरिज
गार्डन,
पक्के
मकान
और
आवासीय
क्षेत्र
को
लोगों
ने
इज़्तिमा
शुरू
होने
से
पहले
ही
बुक
कर
लिया
था।
वे
अब
परिवार
या
दोस्तों
के
साथ
रुककर
यहां
से
इज्तिमा
में
शिरकत
कर
रहे
हैं।