नेता
प्रतिपक्ष
उमंग
सिंघार
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
विधानसभा
में
नेता
प्रतिपक्ष
उमंग
सिंघार
ने
मध्य
प्रदेश
सरकार
और
मुख्यमंत्री
पर
बड़ा
आरोप
लगाया
है।
उन्होंने
सिंगरौली
जिले
में
माइनिंग
अफसर
का
चार्ज
देने
के
मामले
में
हाईकोर्ट
के
फैसले
के
बाद
मोहन
यादव
सरकार
को
घेरा
है।
सिंघार
ने
एक्स
पर
किए
ट्वीट
में
इसे
भ्रष्टाचार
को
सरकारी
संरक्षण
मिलने
का
प्रमाण
बताया
है,
जिसमें
सर्वेयर
को
खनिज
अधिकारी
बनाने
के
सरकार
के
आदेश
पर
कोर्ट
ने
स्टे
दिया।सिंघार
ने
कहा
है
कि
ऐसी
स्थिति
प्रदेश
के
अन्य
जिलों
में
भी
है,
जो
मोहन
सरकार
की
खनिज
माफिया
से
साठगांठ
का
नतीजा
है।
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मुख्यमंत्री
कमजोर
हो,
तो
अफसर
पूरी
व्यवस्था
पर
हावी
हो
जाते
नेता
प्रतिपक्ष
उमंग
सिंघार
ने
एक्स
पर
लिखा
है
कि
जब
मुख्यमंत्री
कमजोर
हो,
तो
अफसर
पूरी
व्यवस्था
पर
हावी
हो
जाते
हैं।
ये
मामला
ऐसा
ही
है,
जिसमें
सिंगरौली
जिले
में
एक
सर्वेयर
को
खनिज
अधिकारी
का
प्रभार
दिया
गया।
यह
सब
खनिज
माफिया
की
साठगांठ
और
उन्हें
रायल्टी
की
चोरी
में
छूट
देने
के
लिए
दिया
गया
लेकिन
हाईकोर्ट
में
यह
चालबाजी
नहीं
चली।
अदालत
ने
इस
अपात्र
को
अधिकारी
बनाने
पर
स्टे
दे
दिया।
इस
कार्रवाई
के
खिलाफ
असिस्टेंट
माइनिंग
आफिसर
डॉ
वीके
तिवारी
हाईकोर्ट
गए
थे।
सिंघार
ने
लिखा
है
कि
ख़ास
बात
ये
कि
प्रदेश
के
कई
जिलों
में
कार्यरत
सर्वेयर
और
ड्राफ्ट्समैन
अब
प्रभारी
खनिज
निरीक्षक
के
प्रभार
से
मुक्त
हो
जाएंगे।
उन्होंने
सीएम
पर
तंज
कसते
हुए
लिखा
है
कि
मौन
यादव
को
ऐसे
प्रभार
वाले
खेल
की
जानकारी
है
भी
या
नहीं।
आपकी
कोई
अफसर
सुनता
ही
कहा
है,
पता
भी
होगा
तो
करेंगे
क्या?
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सीएम
के
विदेश
यात्रा
पर
तंज
उमंग
सिंघार
ने
सीएम
डॉ
मोहन
यादव
के
विदेश
दौरे
को
लेकर
रोजगार
न
मिलने
की
बात
कही
हैं।
सिंघार
ने
ट्वीट
कर
कहा
कि
मुख्यमंत्री
का
विदेश
से
लौटने
पर
स्वागत
है।
प्रदेश
के
युवाओं
को
सीएम
साहब
के
लौटने
का
बेसब्री
से
इंतजार
था
क्योंकि
सीएम
से
उनकी
बहुत
सी
उम्मीदें
लगी
हैं।
मुख्यमंत्री
बताए
कि
ब्रिटेन
और
जर्मनी
के
उद्योगपतियों
को
मोहर
आप
एमपी
के
लिए
कितना
निवेश
लाए
हैं?उससे
प्रदेश
के
कितने
युवाओं
को
रोजगार
मिलेगा?
मुझे
आपके
जवाब
का
इंतजार
है,
आंकड़ों
में
बताइए
कि
कितने
निवेश
का
भरोसा
दिलाया
गया
और
कितने
युवाओं
को
रोजगार
मिला?
गोल
मोल
जवाब
मत
दीजिए,
जो
आपकी
आदत
है।