राजधानी
भोपाल
स्थित
बरकतुल्लाह
विश्वविद्यालय
से
संबद्ध
निजी
कॉलेजों
में
फर्जी
फैकल्टी
को
लेकर
मामला
गरमा
गया
है। दरअसल
निजी
कॉलेजों
की
लिस्ट
ऑनलाइन
अपडेट
करने
के
बाद
यह
फर्जीवाड़ा
सामने
आया
है।
ऐसे
में
बीयू
की
ओर
से
भोपाल
के
20
निजी
कॉलेजों
को
नोटिस
भेजा
गया
है।
वहीं
प्रदेश
भर
के
बीयू
से
संबद्ध
45
निजी
कॉलेजों
द्वारा
किए
जा
रहे
फैकल्टी
फर्जीवाड़े
से
उनकी
संबद्धता
समाप्त
भी
की
जा
सकती
है।
गौरतलब
है
कि
पूर्व
मुख्यमंत्री
कमलनाथ
ने
निजी
कॉलेज
में
स्टाफ
फर्जीवाड़ा
को
लेकर
ट्वीट
कर
सवाल
खड़े
किए
हैं।
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कमलनाथ
बोले-
नर्सिंग
के
बाद
बीयू
में
स्टाफ
भर्ती
घोटाला
मध्य
प्रदेश
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
कमलनाथ
ने
एक्स
कर
लिखा
कि
मध्य
प्रदेश
में
हर
रोज
एक
नया
घोटाला
सामने
आता
है।
अब
तो
इतने
घोटाले
हो
चुके
हैं
कि
प्रदेश
में
अलग
से
घोटाला
जांच
आयोग
की
स्थापना
कर
देनी
चाहिए।
बस
इतनी
गनीमत
जरूर
रखी
जाए
कि
इस
आयोग
के
गठन
में
ही
घोटला
न
हो
जाए।
यह
बात
इसलिये
कह
रहा
हूं
कि
नर्सिंग
कॉलेज
घोटाले
के
बाद
अब
मध्य
प्रदेश
में
भोपाल
की
बरकतउल्ला
यूनिवर्सिटी
में
भी
फैकल्टी
भर्ती
में
घोटाला
सामने
आया
है।
यूनिवर्सिटी
से
संबद्ध
विभिन्न
एजुकेशन,
मैनेजमेंट,
लॉ
और
फिजिकल
एजुकेश
कॉलेजों
में
फर्जी
नियुक्ति
किये
जाने
के
कई
मामले
सामने
आए
हैं।
एक
ही
व्यक्ति
को
कई-कई
कॉलेजों
में
नियुक्त
दिखाया
जा
रहा
है।
विज्ञापन
यह
भी
पढ़ेे-मध्य
प्रदेश
के
11
जिलों
में
आज
भारी
बारिश
की
चेतावनी,
भोपाल,
इंदौर-उज्जैन
में
यलो
अलर्ट
असल
में
वहां
पढ़ाई
कैसे
होती
होगी?
कमलनाथ
ने
लिखा
कि
सवाल
सिर्फ
इतना
नहीं
है
कि
बीजेपी
के
राज
में
प्रदेश
में
एक
और
घोटाला
सामने
आया
है,
सवाल
यह
भी
है
कि
जिन
कॉलेजों
ने
फर्जी
फैकल्टी
दिखाई
है,
असल
में
वहां
पढ़ाई
कैसे
होती
होगी?
क्या
इस
तरह
के
कॉलेजों
से
पढ़े
छात्रों
के
भविष्य
से
खिलवाड़
नहीं
की
जा
रही
है?
सवाल
यह
भी
उठता
है
कि
कैसे
मध्य
प्रदेश
में
चाहे
नर्सिंग
कॉलेज
हों,
चाहे
पटवारी
भर्ती
हो,
चाहे
आरक्षक
भर्ती
हो
हर
जगह
किसी
की
जगह
कोई
दूसरा
व्यक्ति
या
तो
परीक्षा
दे
देता
है
या
फिर
नौकरी
करने
लगता
है?
डाटा
ऑनलाइन
कराने
वाला
प्रदेश
का
पहला
विश्वविद्यालय
बरकतउल्ला
प्रदेश
का
पहला
विश्वविद्यालय
है,
जिसने
निजी
कालेजों
से
फैकल्टी
का
डेटा
वेबसाइट
पर
अपलोड
कराया।
इसके
बाद
कालेजों
द्वारा
यह
फर्जीवाड़ा
सामने
आया
कि
एक
प्रोफेसर
का
नाम
दो
कॉलेज
में
है।
वहीं
कुछ
प्रोफेसर
उस
कॉलेज
में
पढ़ा
नहीं
रहे
हैं,
लेकिन
उनका
नाम
फैकल्टी
की
सूची
में
दर्ज
है।
इसके
लिए
बीयू
ने
न्यायाधिकरण
भी
गठित
किया।
इसके
अध्यक्ष
डॉ.
एसके
मल्होत्रा
ने
करीब
20
कॉलेजों
को
नोटिस
देकर
जवाब
मांगा
है।
इसका
निराकरण
करने
के
लिए
दो
दिन
सुनवाई
हुई
है।
इसमें
करीब
10
कॉलेज
उपस्थित
नहीं
हुए।
बीयू
ने
उन्हें
नोटिस
देकर
जवाब-तलब
किया
है।
अगर
ये
कॉलेज
उचित
जवाब
नहीं
देते
हैं,
तो
उनके
खिलाफ
सख्त
कार्रवाई
करते
हुए
संबद्धता
समाप्त
होने
के
साथ
ही
उच्च
शिक्षा
विभाग
से
उनके
खिलाफ
मान्यता
खत्म
करने
की
अनुशंसा
की
जाएगी।