
काटजू
अस्पताल
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
राजधानी
भोपाल
में
महिलाओं
के
लिए
बनाए
गए
300
बेड
का
काटजू
अस्पताल
में
लापरवाही
से
प्रसूती
महिलाओं
की
जान
जा
रही
है।
दो
दिन
के
भीतर
एक
महिला
की
जान
गई
है।
वहीं,
स्टॉफ
लापरवाही
से
एक
महिला
को
बेड
पर
ही
प्रसव
हो
गया।
अभी
तक
दोनों
ही
मामले
में
कोई
कार्रवाई
नहीं
की
गई
है।
जिम्मेदार
अधिकारी
एक
दूसरे
पर
टालते
नजर
आ
रहे
हैं।
अस्पताल
में
भर्ती
एक
गर्भवती
महिला
को
अचानक
प्रसव
पीड़ा
शुरू
हो
गई।
महिला
की
ननद
चिकित्सकों
और
नर्स
से
महिला
को
आकार
देखने
की
गुहार
लगाती
रही,
लेकिन
किसी
ने
उसकी
सुध
नहीं
ली।
नतीजा
यह
हुआ
कि
महिला
का
बेड
पर
ही
प्रसव
हो
गया।
नसबंदी
के
दौरान
महिला
ने
तोड़ा
दम
वहीं,
दो
दिन
पहले
काटजू
अस्पताल
में
नसबंदी
के
दौरान
महिला
की
मौत
हो
गई
थी।
दरअसल,
अस्पताल
में
नसबंदी
कराने
आई
रीना
गौर
को
सर्जरी
के
लिए
डॉक्टर
ओटी
में
ले
गए।
जैसे
सर्जरी
शुरू
हुई
महिला
कि स्थिति
बिगड़
गई
और
उसकी
मौत
हो
गई।
मृतका
के
पति
ने
आरोप
लगाया
है
कि
एनेस्थिसिया
के
ओवर
डोज
की
वजह
से
उसकी
पत्नी
की
मौत
हुई
है।
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केस
बिगाड़
हमीदिया
कर
रहे
रेफर
काटजू
अस्पताल
में
प्रसव
कराने
आने
वाली
ज्यादातर
महिलाओं
का
केस
बिगाड़
कर
हमीदिया
रेफर
कर
दिया
जाता
है।
जानकारी
के
अनुसार, पिछले
एक
माह
में
100
से
ज्यादा
सीरियस
केस
हमीदिया
रेफर
किया
गया
है।
वहीं,
हमीदिया
अस्पताल
के
चिकित्सकों
का
कहना
है
कि
केस
बिगाड़
कर
यहां
रेफर
किया
जाता
है और
मरीज
के
परिजन
यहां
के
चिकित्सकों
पर
आरोप
लगाते
हैं।
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सीएमचओ
बोले
सिविल
सर्जन
दें
जवाब
भोपाल
सीएमएचओ
डॉ.
प्रभाकर
तिवारी
से
जब
मामले
में
बात
की
गई
तो
उन्होंने
कहा
कि
अस्पताल
की
जिम्मेदारी
सिविल
सर्जन
के
पास
है,
वहीं
जवाब
देंगे। आप
उनसे
ही
मामले
में
बात
करिए।
जब
सिविल
सर्जन
से
बात
करने
की
कोशिश
की
गई
तो
उन्होंने
कोई
जवाब
नहीं
दिया।