Burhanpur: कर्ज लेकर लागई फसल बर्बाद होने से किसान ने की आत्महत्या की कोशिश, कांग्रेस ने लगाया भेदभाव का आरोप

The farmer tried to commit suicide after his crop which he had taken loan was destroyed

पीड़ित
किसान
से
अस्पताल
मिलने
पहुंचे
कांग्रेसी
नेता

विस्तार

बुरहानपुर
के
शाहपुर
ब्लॉक
के
अंतर्गत
आने
वाले
ग्राम
बख़्खारी
के
एक
केला
किसान
ने
खेत
में
रखी
दवाई
पीकर
आत्महत्या
करने
की
कोशिश
की
है।
हालांकि
किसान
को
समय
रहते
जिला
अस्पताल
ले
जाया
गया,
जहां
फिलहाल
उसकी
हालत
ठीक
है।
बताया
जा
रहा
है
कि
किसान
ने
कर्ज
लेकर
केला
फसल
लगाई
थी
जो
आंधी
तूफान
से
तबाह
हो
गयी।
किसान
ने
जिला
प्रशासन
पर
आरोप
लगाया
कि
अब
तक
उसके
खेत
में
जांच
करने
सर्वे
दल
नहीं
पहुंचा
है।
वहीं
कांग्रेस
के
पूर्व
प्रदेश
महासचिव
अजय
रघुवंशी
ने
राजस्व
विभाग
और
जिला
प्रशासन
पर
मुआवजा
वितरण
में
भेदभाव
करने
का
आरोप
लगाए।
तो
वहीं
उन्होंने
केले
की
फसल
को
मनरेगा
में
जोड़ते
हुए
बुरहानपुर
के
लिए
आरबीसी
एक्ट
में
संशोधन
करते
हुए,
महंगाई
के
हिसाब
से
स्पेशल
पैकेज
देने
की
मांग
भी
की।


तीन
लाख
रुपये
का
था
किसान
पर
कर्ज

आत्महत्या
करने
वाले
किसान
सुपडु
तुकाराम
ने
बताया
कि
उनकी
फसल
की
पूरी
केली
गिर
गई
है
और
बड़ा
नुकसान
हो
गया
है।
उसने
लोगों
से
जो
पैसे
लिए
हैं,
वह
वापस
देने
हैं। 
अब
वह
क्या
कर
सकते
हैं,
पैसे
कहां
से
लाएंगे,
इसलिए
उन्होंने
फसल
के
कीड़े
मारने
वाली
दवाई
पी
ली।
उन्होंने
4000
पौधे
लगाए
थे,
जो
पूरे
आड़े
हो
गए
हैं
और
कोई
सर्वे
करने
वाला
अभी
तक
नहीं
पहुंचा
है।
उन्होंने
ढाई
से
तीन
लाख
रुपये
बाहर
वालों
से
और
ग्रुप
वालों
से
कर्जा
लेकर
केले
लगाए
थे,
जिसमें
अब
नुकसान
हो
गया
है।


केला
फसल
शामिल
करें
मनरेगा
में

इधर
कांग्रेस
नेता
हेमंत
पाटिल
ने
इस
घटना
को
भाजपा
और
मोदी
की
नीति
बताते
हुए
कहा
कि
हमारे
एक
किसान
ने
अभी
जहर
पी
लिया,
जिसकी
केला
फसल
बर्बाद
हुई
थी।
तो
यह
भाजपा
के
लोग
और
भाजपा
के
नेता
केवल
वोट
की
राजनीति
करते
हैं,
काम
की
राजनीति
नहीं
करते,
जिसका
प्रत्यक्ष
उदाहरण
यह
किसान
का
है।
उन्होंने
सरकार
से
मांग
की
के
महाराष्ट्र
के
तर्ज
पर
किसानों
का
बीमा
किया
जाए
और
मुआवजा
शीघ्र
दिया
जाए। 


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भाई
के
आदमी,
बहन
के
आदमी
देख
कर
दिया
मुआवजा

वहीं
अस्पताल
पहुंचे
कांग्रेस
नेता
अजय
रघुवंशी
ने
बताया
कि
2019
से
बुरहानपुर
में
फसल
बीमा
नहीं
हो
रहा
है,
जबकि
एक
देश
एक
कानून
है।
बावजूद
इसके
बुरहानपुर
क्यों
इसे
अछूता
है
और
महाराष्ट्र
में
केले
की
फसल
को
मनरेगा
से
जोड़ा
गया
है,
ऐसा
बुरहानपुर
में
भी
होना
चाहिए।
पिछले
सालों
में
हमने
देखा
है
कि
किसानों
के
मुआवजा
वितरण
में
अनियमितता
और
भेदभाव
किया
गया।
भाई
के
आदमी,
बहन
के
आदमी
देख
करके
मुआवजा
दिया
गया
और
आम
किसान
जिसका
सच
में
नुकसान
हुआ,
वह
दर
दर
की
ठोकर
खाकर
भटकता
रहा।


कांग्रेस
की
मांग,
बुरहानपुर
को
मिले
स्पेशल
पैकेज

कांग्रेस
नेता
रघुवंशी
ने
राजस्व
विभाग
और
जिला
प्रशासन
पर
आरोप
लगाया
कि
जो
भेदभावपूर्ण
रवैया
राजस्व
विभाग
ने
भाजपा
के
दबाव
में
आकर
किया
है,
उसका
ही
यह
परिणाम
है
कि
इस
किसान
ने
भी
यही
समझा
कि
इस
बार
भी
वही
होगा,
जो
हर
बार
होता
है।
इसी
कारण
इसने
इस
तरह
की
घटना
अंजाम
दी।
उन्होंने
राजस्व
विभाग
और
जिला
कलेक्टर
से
मांग
की
है
कि
पिछली
बार
की
तरह
इस
बार
किसानों
के
साथ
भेदभावपूर्ण
और
धोखा
ना
हो।
बल्कि
जिस
किसान
का
वास्तव
में
नुकसान
हुआ
हो,
उसे
उसकी
फसल
का
आरबीसी
एक्ट
में
संशोधन
कराकर
जिस
हिसाब
से
महंगाई
बढ़ी
है,
उसके
मुताबिक
बुरहानपुर
को
स्पेशल
पैकेज
देते
हुए
वाजिब
मुआवजा
मिले।