
पुलिस
गिरफ्त
में
पकड़ा
गया
आरोपी
विस्तार
बुरहानपुर
रेलवे
स्टेशन
के
खूनी
भंडारे
के
समीप
एक
खेत
में
पिछली
22
मई
को
एक
अधजली
लाश
मिली
थी,
जिसका
अब
पुलिस
ने
खुलासा
कर
दिया
है।
दरअसल
लाश
के
पास
पुलिस
को
हुसेन
सिंह
चौधरी
का
आधार
कार्ड
बरामद
हुआ
था,
जोकि
जांच
के
दौरान
मालूम
चला
कि
आगरा
उत्तर
प्रदेश
का
निवासी
था
और
मुंबई
के
पनवेल
में
बीते
6
साल
से
होटल
और
बार
का
संचालन
कर
रहा
था।
बुरहानपुर
पुलिस
ने
हुसेन
सिंह
के
परिजनों
को
बुरहानपुर
बुलाया
तो
परिजनों
ने
शव
को
पहचानने
से
ही
इंकार
कर
दिया,
जिसके
बाद
मालूम
चला
के
हुसेन
सिंह
आर्मी
में
जवान
था
और
उसका
कद
काफी
लंबा
था।
जांच
में
मालूम
चला,
शव
हुसेन
का
है
ही
नहीं
अब
पुलिस
ने
नए
सिरे
से
इस
मामले
में
जांच
शुरू
की
और
हुसेन
सिंह
के
करीबी
दोस्त
गणेश
को
पूछताछ
के
लिए
बुलाया।
गणेश
ने
पुलिस
की
सख्ती
के
आगे
अपना
जुर्म
कबूल
कर
लिया
और
उसने
जो
बताया
वह
बेहद
चौंकाने
वाला
था।
उसके
अनुसार
जो
शव
था
वह
हुसेन
सिंह
का
था
ही
नहीं,
बल्कि
हुसेन
सिंह
और
उसने
मिलकर
षडयंत्र
रचते
हुए
मनमाड
से
एक
मजदूर
को
शराब
पिलाकर
उसका
खेत
में
गला
घोंटा
और
पेट्रोल
से
शव
जलाकर
उसके
शरीर
पर
हुसेन
सिंह
के
कपड़े,
कड़ा
और
आधार
कार्ड
रख
दिया,
ताकि
लोग
इस
मृत
मजदूर
के
शव
को
हुसेन
सिंह
चौधरी
समझे।
अब
पुलिस
कर
रही
हुसेन
सिंह
की
तलाश
इस
अपराध
में
गणेश
शर्मा
और
खुद
हुसेन
सिंह
चौधरी
शामिल
थे।
वहीं
पुलिस
के
अनुसार
ऐसा
माना
जा
रहा
है
कि
हुसेन
सिंह
पर
उसके
होटल
और
बार
का
कर्जा
अधिक
होने
के
चलते
उसने
यह
अपराध
किया
है।
अब
पुलिस
हुसेन
सिंह
चौधरी
की
सरगर्मी
से
तलाश
कर
रही
है।
हुसेन
सिंह
के
गिरफ्तार
होने
के
बाद
ही
यह
पता
चलेगा
कि
मृतक
मजदूर
कहा
का
रहने
वाला
है
और
उसने
ऐसा
अपराध
किस
कारण
से
किया।
विज्ञापन
काम
के
बहाने
मजदूर
को
लिया
था
साथ
वहीं
इस
पूरे
मामले
का
खुलासा
करते
हुए
बुरहानपुर
एसपी
देवेंद्र
पाटीदार
ने
बताया
कि
आरोपी
हुसैन
सिंह
यूपी
के
आगरा
का
निवासी
था
और
पिछले
कई
सालों
से
मुंबई
के
पनवेल
में
रहकर
बार
और
होटल
का
संचालन
कर
रहा
था,
लेकिन
इसी
बीच
उसके
पिता
से
जानकारी
मिली
थी
कि
10
अप्रैल
से
वह
गायब
था।
जिसकी
रिपोर्ट
उसके
परिजन
ने
6
मई
को
पनवेल
थाने
में
दर्ज
कराई
थी।
पुलिस
जांच
में
गणेश
शर्मा
इसका
घनिष्ठ
मित्र
निकला,
जिसे
बुरहानपुर
बुलाकर
पूछताछ
की
गई,
तब
उसने
बताया
कि
आरोपी
हुसेन
और
गणेश
दोनों
काफी
समय
से
मुंबई
में
साथ
में
काम
करते
थे
और
पिछली
22
तारीख
को
मनमाड
में
दोनों
मिले
थे।
वहां
के
लेबर
चौक
से
एक
मजदूर
को
इन्होंने
काम
के
बहाने
साथ
लिया
था
और
अपनी
गुमशुदगी
को
छुपाने
यह
लोग
अहमदनगर
के
पास
श्रीगोंडा
में
एक
किसान
परिवार
के
साथ
आइडेंटिटी
छुपा
कर
रह
रहे
थे।
मजदूर
को
दोनों
आरोपियों
ने
पहले
ढाबे
पर
और
फिर
रास्ते
में
खूब
शराब
पिलाई
और
रात
में
इन
लोगों
ने
उस
मजदूर
को
खूनी
भंडारा
के
सुनसान
इलाके
में
लेकर
गए।
जहां
पहले
गमछे
से
उसका
गला
घोंटा
और
पेट्रोल
डालकर
फिर
उसकी
बॉडी
को
जला
दिया।
सीसीटीवी
में
दिखा
तीन
गए
थे
दो
वापस
आए
घटना
के
समय
के
रेलवे
स्टेशन
के
सीसीटीवी
फुटेज
में
सामने
आया
है
कि
तीन
लोग
रेलवे
स्टेशन
पर
उतरकर
जा
रहे
हैं
और
बाद
में
करीब
घंटे
भर
बाद
दो
लोग
वापस
आ
रहे
हैं।
जांच
में
यह
सामने
आया
कि
आरोपी
गणेश
करीब
3
माह
बुरहानपुर
में
फेब्रिकेशन
का
काम
करके
जा
चुका
है,
इसलिए
उसे
यहां
के
रास्तों
की
जानकारी
थी
और
इसके
पीछे
कारण
यह
निकाल
कर
आया
है
कि
आरोपी
जो
बार
मुंबई
में
चलाता
था,
उसमें
उसको
काफी
कर्ज
हो
गया
था,
इसलिए
उसने
अपनी
आइडेंटिटी
छुपाने
के
लिए
इस
तरह
की
घटना
को
अंजाम
दिया।