Umaria News: पांचवें दिन पकड़ा गया छोटा भीम, हाथियों के साथ तलाश रही थी वन विभाग की टीम, वनविहार में होगा इलाज

Chhota Bheem was finally caught, after four days of hide and seek

वन
विभाग
की
टीम।


फोटो
:
अमर
उजाला

विस्तार

उमरिया
जिले
का
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
पिछले
कुछ
दिनों
से
एक
फंदे
वाले
बाघ
को
लेकर
सुर्खियों
में
था।
खबर
थी
कि
एक
बाघ
के
गले
में
फंदा
फंसा
हुआ
है,
जिसे
ढूंढने
और
रेस्क्यू
करने
के
लिए
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
के
अधिकारी
दिन-रात
मेहनत
कर
रहे
थे।
अब
बाघ
का
सफल
रेस्क्यू
किया
गया।


विज्ञापन

पिछले
चार
दिन
से
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
का
प्रबंधन
इस
फंदे
वाले
बाघ
की
तलाश
में
जुटा
हुआ
था।
इस
अभियान
में
पांच
हाथियों
और
80
से
अधिक
कर्मचारियों
को
लगाया
गया
था।
पूरे
जंगल
की
छानबीन
के
बाद
पांचवें
दिन
“छोटा
भीम”
नाम
से
मशहूर
बाघ
को
रेस्क्यू
कर
लिया
गया
है।
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
के
अधिकारियों
ने
बताया
कि
बाघ
पूरी
तरह
स्वस्थ
है।
उसके
गले
में
फंसे
फंदे
को
काट
दिया
गया
है,
उसे
निगरानी
के
लिए
एंक्लोजर
में
रखा
जाएगा।
रेस्क्यू
के
बाद
सबसे
पहले
बाघ
के
गले
में
फंसे
तार
को
सावधानीपूर्वक
काटा
गया।
इसके
बाद
उसके
घाव
का
प्राथमिक
उपचार
किया
गया
और
उसे
सुरक्षित
पिंजरे
में
बंद
किया
गया।
बता
दें
कि
पर्यटकों
ने
एक
वीडियो
वायरल
किया
था,
जिसमें
बाघ
के
गले
में
फंदा
फंसा
हुआ
देखा
गया
था।
इसकी
सूचना
बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
के
प्रबंधन
को
दी
गई।
इसके
बाद
से
प्रबंधन
ने
इस
बाघ
की
तलाश
शुरू
की
थी।
 


विज्ञापन


विज्ञापन

बांधवगढ़
टाइगर
रिजर्व
के
उपसंचालक
पीके
वर्मा
ने
बताया
कि
बाघ
की
तलाश
के
लिए
शुरू
किए
गए
 अभियान
में
कुल
पांच
हाथी,
80
से
अधिक
कर्मचारी
और
10
ट्रैप
कैमरों
का
इस्तेमाल
किया
गया।
साथ
ही
एक
पिंजरे
में
बकरा
भी
रखा
गया
था,
ताकि
शिकार
के
लालच
में
बाघ
पिंजरे
की
ओर

सके।
आखिरकार,
बाघ
का
रेस्क्यू
करने
में
सफलता
मिली
और
अब
वह
खतरे
से
बाहर
है।
उपसंचालक
पीके
वर्मा
ने
बताया
कि
स्कूल
ऑफ
वाइल्डलाइफ
फॉरेंसिक
एंड
हेल्थ,
जबलपुर
के
पशु
और
वन्यजीव
विशेषज्ञों
के
परामर्श
के
बाद
बाघ
को
आगामी
उपचार
के
लिए
वन
विहार
भोपाल
भेजा
जाएगा। ं