इंदौर
स्वच्छता
में
आठवीं
बार
शीर्ष
पर
है।
जनप्रतिनिधि,
अफसर
बदल
जाते
है,
लेकिन
इंदौर
की
सफाई
का
सिस्टम
नहीं
बदलता।
हर
रोज
मैदान
में
उतरने
वाले
पांच
हजार
सफाईकर्मी
और शहरवासियों
की
जुगलबंदी
शहर
को
गंदा
नहीं
होने
देती।12
सौ
टन
कचरा
घरों
व
दुकानों
से
निकलकर
सीधे
ट्रेंचिंग
ग्राउंड
तक
जाता
है।
इंदौर
की
सबसे
बड़ी
ताकत
डोर
टू
डोर
कचरा
कलेक्शन
सिस्टम
है।
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शहरवासी
सड़कें-गालियां
गंदी
नहीं
करते।
इससे
सफाईकर्मियों
की
मेहनत
कम
हो
जाती
है
और शहर
24
घंटे
साफ
दिखाई
देता
है।
इंदौर
में
हर
रोज
1200 मैट्रिक
टन
कचरा
757 गाडि़यां
घर
से
एकत्र
करती
है
और
वह
सीधे
ट्रेंचिंग
ग्राउंड
तक
जाता
है,
दूसरे
शहर
इस
सिस्टम
को
ही
मजबूत
नहीं
कर
पाए
है।
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कंपनी
को
किया
बाहर,
खुद
संभाली
कमान
वर्ष
2016
में
कचरा
उठाने
का
काम
एटूझेड
कंपनी
देखती
है।
तब
शहर
काफी
गंदा
रहता
है।
तत्कालीन
निगमायुक्त
मनीष
सिंह
ने
कंपनी
का
ठेका
निरस्त
किया
और सफाई
व्यवस्था
निजी
हाथों
से
ले
ली।
उन्होंने
नगर
निगम
के
अमले
को
इसके
लिए
तैयार
किया
और
बीते
आठ
वर्षों
से
नगर
निगम
का
अमला
ही
शहर
की
सफाई
व्यवस्था
अपने
दम
पर
संभाल
रहा
है।
त्यौहारों
के
बाद
हो
जाता
है
कचरा
साफ
इंदौर
में
कई
त्यौहारों
पर
सड़कों
पर
कचरा
फैल
जाता
है,
लेकिन
उसे
उठाने
में
नगर
निगम
देरी
नहीं
करता।
दो-तीन
घंटों
के
भीतर
शहर
साफ
नजर
आता
है।
इंदौर
में
दीपावली
पर
खूब
आतिशबाजी
होती
है।
सड़कों
व
गलियों
में
इधर-उधर
कचरा
बिखर
जाता
है,
लेकिन
दूसरे
दिन
शहरवासी
जब
सुबह
जागते
है
तो
शहर
रोज
की
तरह
साफ
दिखाई
देता
है।
दीपावली
खत्म
होते
ही
तड़के
तीन
बजे
ही
सफाई
अमला
सड़कों
पर
उतर
जाता
है।
इसी
तरह
इंदौर
मे
रंग
पंचमी
की
गेर
निकलती
है।
शहर
के
मध्य
हिस्से
में
4
लाख
से
ज्यादा
लोग
एकत्र
होते
है।
सड़कों
पर
गुलाल,
राम
रज,
कचरा
बिखर
जाता
है,
लेकिन
गेर
समाप्त
होने
के
एक
घंटे
के
भीतर
सड़कों
की
सफाई-धुलाई
हो
जाती
है।
गोगादेव
नवमी
पर
शहर
के
सफाईमित्र
अवकाश
पर
रहते
है।
उस
दिन
शहरवासी
खुद
सफाई
का
जिम्मा
अपने
हाथों
में
लेते
है।
फैक्ट
फाइल-इंदौर
की
सफाई
व्यवस्था
-इंदौर
में
पांच
हजार
से
ज्यादा
सफाईकर्मी
व
डेढ़
हजार
का
अतिरिक्त
अमला
सफाई
व्यवस्था
संभालता
है।
-23
स्वीपिंग
मशीनें
है
जो
सड़कों
से
रोज
धूल
उठाती
है
और
सड़कों
को
धोती
है।
–
757
डोर
टू
डोर
कचरा
कलेक्शन
वाहन
रोज
इंदौर
की
सड़कों
पर
निकलते
है।
–
हर
रोज
इंदौर
में
12
टन
कचरा
उठता
है।
इसमें
700
टन
गीला
व
पांच
सौ
टन
सूखा
कचरा
होता
है।
-इंदौर
में
22
जोन
में
22
जोनल
अधिकारी
है।
पूरे
शहर
में
22
सीएसआई,
44
एसीएसआई
सफाई
व्यवस्था
पर
निगरानी
रखते
है।