

कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
विस्तार
दमोह
में
26
अप्रैल
को
वोटिंग
के
दिन
मतदान
की
गोपनीयता
उजागर
होने
पर
कलेक्टर
ने
एक
प्रधान
अध्यापक
को
निलंबित
कर
दिया
है।
कलेक्टर
द्वारा
मतदान
में
लापरवाही
करने
वाले
पांच
कर्मचारियों
पर
अभी
तक
करवाई
की
गई
है।
कलेक्टर
एवं
जिला
निर्वाचन
अधिकारी
सुधीर
कुमार
कोचर
ने
मतदान
केंद्र
क्रमांक
75
शासकीय
माध्यमिक
शाला
नाव
घाट
तहसील
हटा
में
मतदान
के
दौरान
नियुक्त
पीठासीन
अधिकारी
एवं
प्रधानाध्यापक
शासकीय
प्राथमिक
शाला
हिनौती
सर्रा
तहसील
तेंदूखेड़ा
कोदू
सिंह
ठाकुर
को
तत्काल
प्रभाव
से
निलंबित
कर
दिया
है।
निलंबन
की
अवधि
में
कोदू
सिंह
का
मुख्यालय
जिला
शिक्षा
अधिकारी
कार्यालय
दमोह
निर्धारित
किया
गया
है
और
निलंबन
अवधि
में
नियमानुसार
जीवन
निर्वाह
भत्ता
की
पात्रता
होगी।
बता
दें
26
अप्रैल
को
हुए
दमोह
लोकसभा
चुनाव
के
मतदान
के
दौरान
मोबाइल
फोन
का
उपयोग
पूरी
तरह
से
प्रतिबंधित
किया
गया
था।
उसके
बावजूद
कुछ
केंद्र
पर
कुछ
लोग
जिम्मेदार
अधिकारियों
से
छिपाकर
मोबाइल
ले
गए।
इनमें
से
कुछ
लोगों
द्वारा
मतदान
की
मोबाइल
से
रिकॉर्डिंग
करने
के
बाद
उसे
सोशल
मीडिया
पर
वायरल
कर
दिया
गया।
इसी
तरह
का
एक
मामला
और
कलेक्टर
सुधीर
कोचर
के
संज्ञान
में
आया।
जिसके
बाद
यह
कार्रवाई
की
गई
है।
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विज्ञापन
कलेक्टर
द्वारा
जारी
आदेश
में
कहा
गया
सहायक
रिटर्निंग
अधिकारी
द्वारा
हटा
में
26
अप्रैल
को
मतदान
दिवस
पर
मतदान
केंद्र
के
अंदर
मतदाता
द्वारा
मतदान
के
समय
ईवीएम
मशीन
में
अभ्यर्थी
द्वारा
वोट
देते
हुये
मतदाता
का
हाथ
प्रदर्शित
होने
की
घटना
संज्ञान
में
आई
है।
विज्ञापन
उक्त
घटना
मतदान
केंद्र
कमांक
75-शासकीय
माध्यमिक
शाला
नावघाट
तहसील
हटा
में
नियुक्त
पीठासीन
अधिकारी
कोदू
सिंह
ठाकुर,
प्रधानाध्यापक,
शासकीय
प्राथमिक
शाला
हिनौता
(सरी)
तहसील
तेंदूखेड़ा
जिला
दमोह
की
लापरवाही
के
कारण
घटित
होने
से
उनका
यह
कृत्य
लोक
प्रतिनिधित्व
अधिनियम
1951
की
धारा
159
का
उल्लंघन
है।
इसलिए,
मध्यप्रदेश
सिविल
सेवा
(वर्गीकरण,
नियंत्रण,
एवं
अपील)
नियम
1966
के
नियम-9
(1)
में
निहित
शक्तियों
का
प्रयोग
करते
हुए
कोदू
सिंह
प्रधानाध्यापक,
शासकीय
प्राथमिक
शाला
हिनौती
(सरी)
को
तत्काल
प्रभाव
से
निलंबित
किया
जाता
है।
दरअसल,
मतदान
के
दिन
मतदान
केंद्र
पर
मोबाइल
ले
जाने
की
अनुमति
नहीं
थी।
इसके
बाद
भी
कई
लोगों
ने
वोट
डालते
हुए
अपने
वीडियो
बनाकर
व्हाट्सएप
ग्रुप
में
डाल
दिए
जिस
पर
कई
लोगों
ने
आपत्ति
उठाई
की
इस
तरह
से
मतदान
की
गोपनीयता
उजागर
हो
रही
है।
इसी
तरह
का
यह
मामला
भी
कलेक्टर
के
संज्ञान
में
आया
था,
जिस
पर
कार्रवाई
की
गई
है।