Shahdol News: झूठे मुकदमे के खिलाफ कांग्रेस ने उठाई आवाज, पटवारी पर लगे आरोपों को बताया राजनीतिक प्रतिशोध


मध्यप्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
पर
दर्ज
किए
गए
मुकदमे
के
विरोध
में
जिला
कांग्रेस
कमेटी
शहडोल
ने
एक
पत्रकार
वार्ता
का
आयोजन
किया
गया।
इस
वार्ता
में
जिलाध्यक्ष
सुभाष
गुप्ता
ने
आरोप
लगाया
कि
पुलिस
द्वारा
दर्ज
की
गई
एफआईआर
पूरी
तरह
से
राजनीतिक
द्वेष
और
दमनकारी
मानसिकता
का
परिणाम
है।


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जिलाध्यक्ष
सुभाष
गुप्ता
ने
पत्रकारों
को
संबोधित
करते
हुए
कहा
कि
यह
एफआईआर

केवल
सच्चाई
को
दबाने
का
प्रयास
है,
बल्कि
इसका
उद्देश्य
पीड़ितों
को
डराना
और
विपक्ष
की
आवाज
को
कुचलना
है।
उन्होंने
कहा,
यह
मामला
केवल
एक
व्यक्ति
के
विरुद्ध
नहीं
है,
बल्कि
सत्य,
न्याय
और
संविधान
की
रक्षा
की
लड़ाई
है।


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देने
के
बहाने
घर
के
बाहर
बुलाया,
फिर
सहेली
पर
फेंका
एसिड,
चेहरा,
सीना
और
पैर
जले;
हालत
गंभीर


क्या
है
मामला?

जिलाध्यक्ष
सुभाष
गुप्ता
ने
कहा
कि
25
जून
2025
को
ग्राम
मुडरा
थाना
मुंगावली
जिला
अशोकनगर
में
गजराज
लोधी
और
रघुराज
लोधी
नामक
दो
भाइयों
ने
प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
जीतू
पटवारी
से
मुलाकात
की
थी।
उन्होंने
बताया
कि
गांव
के
दबंग
सरपंच
के
पुत्र
विकास
और
उसके
साथियों
ने
उनके
साथ
मारपीट
की
और
उनकी
मोटरसाइकिल
छीन
ली।
जीतू
पटवारी
ने
उनकी
आपबीती
वीडियो
में
रिकॉर्ड
कर
सोशल
मीडिया
पर
सार्वजनिक
की,
ताकि
पीड़ितों
को
न्याय
मिल
सके।
इसके
बाद
26
जून
को
जिला
प्रशासन
ने
पीड़ितों
को
बुलाया
और
उन
पर
दबाव
बनाकर
एक
शपथ
पत्र
पर
हस्ताक्षर
करवा
लिए।
इस
शपथ
पत्र
में
दावा
किया
गया
कि
जीतू
पटवारी
ने
उन्हें
‘मल
खिलाने’
जैसी
बात
कहने
के
लिए
उकसाया
था।
इसी
आधार
पर
27
जून
2025
को
मुंगावली
थाने
में
एफआईआर
क्रमांक
0233
दर्ज
की
गई,
जिसमें
जीतू
पटवारी
को
षड्यंत्रकर्ता
और
समाज
में
द्वेष
फैलाने
वाला
बताया
गया।
जिलाध्यक्ष
ने
कहा
कि
इस
पूरे
घटनाक्रम
का
उद्देश्य
प्रदेश
कांग्रेस
अध्यक्ष
की
छवि
को
धूमिल
करना
और
वास्तविक
दोषियों
को
संरक्षण
देना
है।
वायरल
वीडियो
में
स्पष्ट
देखा
जा
सकता
है
कि
पीड़ित
भाई
न्याय
की
गुहार
कर
रहे
हैं,
जीतू
पटवारी
ने
किसी
भी
प्रकार
की
उकसाहट
या
भ्रामक
बात
नहीं
कही।
ये
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में
15
दिन
में
10%
बारिश
को
कोटा
पूरा,
समान्य
से
2
इंच
ज्यादा
हुई
बारिश,
भोपाल
में
अभी
कम
वर्षा


कांग्रेस
की
मांगें

  • एफआईआर
    क्रमांक
    0233
    दिनांक
    27
    जून
    2025
    को
    तत्काल
    निरस्त
    किया
    जाए।
  • जिला
    कलेक्टर
    एवं
    पुलिस
    अधीक्षक
    अशोकनगर
    की
    भूमिका
    की
    स्वतंत्र
    न्यायिक
    जांच
    कराई
    जाए।
  • पीड़ितों
    को
    न्याय
    दिलाने
    हेतु
    दबंग
    सरपंच
    के
    पुत्र
    और
    उसके
    साथियों
    के
    खिलाफ
    कड़ी
    कार्रवाई
    की
    जाए।