Khandwa: नलों में आ रहे गंदे पानी को ट्रे में सजा अधिकारियों को पिलाने पहुंचे कांग्रेसी, जांच कर होगी कार्रवाई

मध्यप्रदेश
के
खंडवा
जिला
मुख्यालय
पर
मंगलवार
को
होने
वाली
जनसुनवाई
के
दौरान
एक
अनोखा
विरोध
प्रदर्शन
देखने
को
मिला।
यहां
विपक्षी
दल
कांग्रेस
के
नेता
और
स्थानीय
निगम
के
नेता
प्रतिपक्ष
दीपक
राठौड़
अपने
साथ
नलों
में

रहे
गंदे
पानी
की
शिकायत
लेकर
जनसुनवाई
में
पहुंचे
थे।
इस
दौरान
ये
सभी
जनसुनवाई
में
जाने
से
पहले
ही
गंदे
पानी
की
केन
से
एक
गिलास
पानी
निकाल
कर,
जनसुनवाई
में
शिकायत
सुनने
बैठे
अपर
कलेक्टर
के
पास
पहुंचे,
और
उन्हें
ही
वह
गंदा
पानी
पीने
का
आग्रह
किया।

वहीं
यहां
गंदा
पनी
लेकर
पहुंचे
नेता
प्रतिपक्ष
दीपक
राठौड़ और
उनके
साथ
आए
कांग्रेस
कार्यकर्ताओं
ने
आरोप
लगाया
कि खंडवा
नगर
निगम
के
द्वारा
शहर
में
गंदा
पेयजल
बांटा
जा
रहा
है,
जिससे
शहरवासियों
का
स्वास्थ्य
खराब
हो
रहा
है। बावजूद
इसके
इस
ओर
ध्यान
देने
वाला
कोई
नहीं
है।
इसलिए
उन्होंने
जनसुनवाई
में
आकर
अपना
विरोध
दर्ज
कराया
है।
वहीं,
इन
आरोपों
पर
अपर
कलेक्टर
ने
कहा
कि कहीं
कोई
लीकेज
होने
की
वजह
से
पानी
गंदा
हो
गया
है।
फिर
भी
निगम
आयुक्त
को
जांच
कर
एक
सप्ताह
में
प्रतिवेदन
प्रस्तुत
करने
का
कहा
है, जिसके
बाद
किसी
की
लापरवाही
सामने
आने
पर
उसके
खिलाफ
कार्रवाई
भी
की
जाएगी।

खंडवा
नगरीय
निकाय
सीमा
में
इन
दिनों
स्थानीय
निगम
के
द्वारा
नलों
में
सप्लाई
किये
जाने
वाला
पेयजल,
बेहद
मटमैला
और
बदबूदार
सप्लाई
हो
रहा
है, जिसे
लेकर
आमजन
काफी
परेशान
है।
क्योंकि
इस
गंदे
पानी
के
कारण
कई
तरह
की
बीमारियां
भी
जन्म
ले
रही
हैं।
ऐसे
में
कांग्रेस
के
नेता
और
निगम
में
नेता
प्रतिपक्ष
दीपक
राठौड़
सहित
महिला
कांग्रेस
के
कार्यकर्ताओं
ने
जनसुनवाई
में
पहुंचकर
सप्लाई
हो
रहे
गंदे
पानी
को
लेकर
अपना
विरोध
अनोखे
अंदाज
में
दर्ज
कराया।
यहां
पहुंचे
नेता
प्रतिपक्ष
और
कांग्रेस
नेत्री
नलों
में

रहे
गंदा
पानी
को
एक
केन
में
भरकर
जिला
कलेक्टर
कार्यालय
पहुंचे
थे, जिसके
बाद
उन्होंने
परिसर
में
ही
एक
ट्रे
में
गिलास
रखकर
उसमें
वह
गंदा
पानी
भरा,
और
वही
पानी
लेकर
जनसुनवाई
में
अपर
कलेक्टर
के
सामने
पहुंचकर
जिला
प्रशासन
से
अनुरोध
किया
कि
वे
भी
यह
पानी
पियें।


कांग्रेस
नेता
ने
जिला
प्रशासन
से
किया
सवाल

अपने
विरोध
के
बीच
कांग्रेस
नेता
ने
अधिकारियों
से
सवाल
भी
किया
कि,
क्या
जिला
प्रशासन
या
अन्य
लोग
इस
तरह
का
गंदा
पानी
पी
सकते
हैं,
क्योंकि
जिस
पानी
को
सूंघने
पर
ही
बदबू

रही
हो,
तो
उसे
पीना
तो
दूर
की
बात
है,
इस्तेमाल
भी
नहीं
कर
सकते।
ऐसे
में आम
जनता
को
यही
पानी
पिलाया
जा
रहा
है,
जो
न्याय
संगत
नहीं
है।
बता
दें
कि,
खंडवा
में
लगभग
120
करोड़
रुपये की
नर्मदा
जल
परियोजना
चल
रही
है,
जिसके
माध्यम
से
खंडवा
शहर
के
प्रत्येक
घर
के
लिए
नर्मदा
का
शुद्ध
जल
पिलाये
जाने
का
दावा
किया
जा
रहा
है,
और
इसके
लिए
विश्वा
कंपनी
को
ठेका
दिया
गया
है,
लेकिन
हालत
बदतर
है
और
नलों
में
गंदा
पानी

रहा
है।


अधिकारियों
ने
नहीं
पिया
कांग्रेसियों
का
लाया
पानी

विरोध
दर्ज
कराने
पहुंचे
नेता
प्रतिपक्ष
दीपक
राठौड़
ने
निगम
और
विश्वा
कंपनी
पर
आरोप
लगाते
हुए
कहा
कि,
विश्वा
कंपनी
पिछले
12
वर्षों
से
हमारे
शहर
को
मटमैला
पानी
पिला
रही
है।
उन्होंने
अनुबंध
के
तहत
जो
लाइन
बिछाई
थी,
वह
जगह-जगह
से
फूट
रही
है।
साथ
ही
विश्वा
ने
अपने
अनुबंध
में
लिख
कर
दिया
था
कि,
खंडवा
को
साफ
सुथरा
पानी
पिलाया
जाएगा।
लेकिन
वह
साफ
सुथरा
पानी
नहीं
पिला
पा
रहे
हैं।
जिसके
चलते
शहर
वासी
बिमार
हो
रहे
हैं।
इसीलिए
आज
विरोध
स्वरूप
हम
वही
पानी
भरकर
कलेक्टर
कार्यालय
में
जनसुनवाई
में
आए
थे।
हमने
अधिकारियों
से
कहा
कि
अगर
यह
पानी
पीने
योग्य
है
तो
आप
यह
पानी
पी
लीजिए।
लेकिन
उन्होंने
यह
पानी
नहीं
पिया।
हालांकि
धिकारियों
ने
आश्वासन
दिया
है
कि,
वह
पानी
की
जांच
करेंगे
और
दोषियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
करेंगे।


कांग्रेस
नेत्री
बोलीं,
पानी
को
सूंघकर
तो
देखें

वहीं
महिला
कांग्रेस
की
नेता
अर्चना
तिवारी
ने
कहा
कि
इन
दिनों
खंडवा
में
नगर
निगम
जो
पानी
सप्लाई
कर
रही
है,
वह
इतना
मैला
है
कि
या
तो
उसमें
झाग
आता
है
या
वह
बदबूदार
होता
है।
उसे
आप
उपयोग
में
नहीं
ले
सकते।
इसीलिए
हम
यह
पानी
लेकर
यहां
पहुंचे
थे
और
हमने
निगम
के
अधिकारियों
से
कहा
कि
इस
पानी
को
पहले
सूंघकर
देखें

क्या
इसे
वे
लोग
उपयोग
कर
सकते
हैं।
क्योंकि
पानी
इतना
खराब
होता
है
कि,
उसका
उपयोग
किया
ही
नहीं
जा
सकता।


लापरवाही
मिलने
पर
की
जाएगी
कार्रवाई

इधर
अपर
कलेक्टर
काशीराम
बडोले
ने
कहा
कि,
नगर
निगम
में
नेता
प्रतिपक्ष
दीपक
राठौड़
और
उनके
साथ
में
कुछ
लोग
जनसुनवाई
में
गंदा
पानी
लेकर
पहुंचे
थे।
उनका
ऐसा
कहना
था
कि
विश्वा
कंपनी
शहर
में
मटमैला
पानी
सप्लाई
कर
रही
है,
जो
पीने
योग्य
नहीं
है।
इस
समस्या
पर
निगम
के
अधिकारियों
द्वारा
बताया
गया
है
कि,
शायद
कहीं
से
पाइपलाइन
फूट
गई
है।
इसलिए
मटमैला
पानी

रहा
है।
हमने
इस
विषय
में
जांच
के
आदेश
दिए
हैं।
साथ
ही
यह
भी
कहा
कि,
अगर
इसमें
किसी
की
लापरवाही
है
तो
उस
पर
कार्रवाई
भी
की
जाए।