दमोह जिले
के
जबेरा
ब्लॉक
के
जंगली
इलाके
में
बुंदेलखंड
की
सबसे
ऊंची
चोटी
पाई
गई
है,
जिसकी
ऊंचाई
752
मीटर
है।
हालांकि,
जिले
के
लोग
इस
चोटी
से
अनजान
हैं।
पर्यटन
मंत्री
धर्मेंद्र
सिंह
ने
इस
स्थान
पर
पैदल
यात्रा
की
और
चोटी
की
ऊंचाई
देखकर
खुशी
व्यक्त
की,
इसके
बाद
उन्होंने
फेसबुक
पर
यह
जानकारी
साझा
की।
तेंदूखेड़ा
और
आसपास
के
क्षेत्रों
में
अनेक
धरोहरें
हैं,
लेकिन
लोग
इनकी
जानकारी
से
वंचित
हैं,
जिसके
कारण
कई
प्राकृतिक
स्थल
गुमनाम
बने
हुए
हैं।
रविवार
को
तेंदूखेड़ा
से
35
किमी
दूर
जबेरा
विधायक
और
पर्यटन
मंत्री
धर्मेंद्र
सिंह
लोधी
ने
इस
स्थान
का
दौरा
किया।
विज्ञापन
मंत्री
ने
फेसबुक
पर
लिखा,
“जवेरा
विधानसभा
के
ग्राम
कलुमर
से
तीन
किमी
की
पैदल
यात्रा
करते
हुए
सदभावना
शिखर
पहुंचे,
जो
बुंदेलखंड
की
सबसे
ऊंची
चोटी
है।
यहां
पहुंचकर
प्राकृतिक
सुंदरता
और
स्वच्छ
वातावरण
का
आनंद
लिया।
कई
लोग
इस
चोटी
से
अनजान
हैं।
हमारे
क्षेत्र
में
ऐसे
कई
स्थल
हैं,
जहां
पर्यटन
स्थलों
के
विकास
की
बहुत
संभावना
है।”
कलुमर
गांव
में
स्थित
यह
पहाड़ी
तेंदूखेड़ा
जनपद
की
सीमा
के
पास
है
और
इसे
सदभावना
शिखर
के
नाम
से
जाना
जाता
है।
वन
विभाग
के
अधिकारियों
के
अनुसार,
यहां
से
दमोह
जिले
का
नजारा
दिखाई
देता
है।
पूर्व
मंत्री
स्वर्गीय
रत्नेश
सलोमन
ने
अपने
कार्यकाल
के
दौरान
कुछ
पर्यटन
कार्य
किए
थे,
लेकिन
इसके
बाद
यहां
कोई
खास
विकास
नहीं
हुआ।
चोटी
पर
जाने
का
मार्ग
अभी
कठिन
है,
क्योंकि
यह
सीधी
पहाड़ी
है।
मंत्री
ने
चोटी
पर
पहुंचने
के
लिए
लाठी
का
सहारा
लिया।
सिग्रामपुर
रेंजर
आश्रय
उपाध्याय
ने
बताया
कि
सदभावना
शिखर,
कलुमर
गांव
से
शुरू
होता
है
और
यह
बुंदेलखंड
की
सबसे
ऊंची
चोटी
है।
वन
विभाग
ने
यहां
एक
टावर
भी
बनाया
है,
जिससे
पूरा
दमोह
जिला
दिखाई
देता
है।
अब
वन
विभाग
इसे
पर्यटन
स्थल
के
रूप
में
विकसित
करने
की
योजना
बना
रहा
है।