
दमोह
जिले
के
कुंडलपुर
तीर्थ
क्षेत्र
में
लाखों
लोग
जिस
पल
का
साक्षी
बनने
के
इंतजार
में
थे,
वह
पूरा
हो
गया।
समाधिस्थ
आचार्य
विद्यासागर
महाराज
के
उत्तराधिकारी
के
तौर
पर
मुनि
समय
सागर
महाराज
ने
आचार्य
पद
स्वीकार्य
किया।
इस
नजारे
को
देखने
पूरे
देश
से
लाखों
लोग
पहुंचे
थे।
संघ
प्रमुख
माेहन
भागवत
और
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
डॉ
मोहन
यादव
भी
कार्यक्रम
में
शामिल
हुए।
उन्होंने
पहले
बड़े
बाबा
के
दर्शन
किए।
फिर
भावी
आचार्य
समय
सागर
महाराज
के
दर्शन
करने
पहुंचे।
संघ
प्रमुख
सहित
सभी
अतिथि
समय
सागर
महाराज
को
आसन
तक
लेकर
पहुंचे।
इसके
बाद
आगे
की
प्रक्रिया
शुरू
हुईं।
जिले
के
कुंडलपुर
तीर्थ
क्षेत्र
में
लाखों
लोग
जिस
पल
का
साक्षी
बनने
के
इंतजार
में
थे,
वह
पूरा
हो
गया।
समाधिस्थ
आचार्य
विद्यासागर
महाराज
के
उत्तराधिकारी
के
तौर
पर
मुनि
समय
सागर
महाराज
ने
आचार्य
पद
स्वीकार्य
किया।
इस
नजारे
को
देखने
पूरे
देश
से
लाखों
लोग
पहुंचे
थे।
संघ
प्रमुख
माेहन
भागवत
और
मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
डॉ
मोहन
यादव
भी
कार्यक्रम
में
शामिल
हुए।
उन्होंने
पहले
बड़े
बाबा
के
दर्शन
किए।
फिर
भावी
आचार्य
समय
सागर
महाराज
के
दर्शन
करने
पहुंचे।
संघ
प्रमुख
सहित
सभी
अतिथि
समय
सागर
महाराज
को
आसन
तक
लेकर
पहुंचे।
इसके
बाद
आगे
की
प्रक्रिया
शुरू
हुईं।
आचार्य
पद
पदारोहण
का
कार्यक्रम
दोपहर
एक
बजे
शुरू
हुआ।
मुनि
संघ
उन्हें
अपने
साथ
लेकर
पहुंचा।
सोने-चांदी
के
कलश
से
उनके
चरण
धुलवाए
गए।
कार्यक्रम
का
संचालन
नियम
सागर
महाराज,
प्रणाम
सागर
महाराज
और
अन्य
मुनियों
ने
किया।
समय
सागर
जी
महाराज
को
सबसे
ऊंचे
आसन
पर
बिठाया
गया।
चौक
पूरने
के
बाद
आचार्यश्री
का
आसन
रखा
गया।
इसके
बाद
मुनि
संघ
ने
समय
सागर
महाराज
से
पद
स्वीकार
करने
का
निवेदन
किया,
जिसे
उन्होंने
स्वीकार्य
किया।
आचार्य
पद
ग्रहण
करने
की
विधि
शुरू
हुई
तो
नियम
सागर
महाराज
ने
सभी
से
आचार्य
समय
सागर
महाराज
की
वंदना
करने
को
कहा।
मांगलिक
क्रिया
में
सबसे
पहले
कलश
स्थापना
की
गई।
इसके
बाद
आचार्य
पद
ग्रहण
करने
की
विधि
शुरू
हुई।
एक
के
बाद
एक
पांच
स्वर्ण
कलश
स्थापित
किए
गए।
आचार्यश्री
को
किया
श्रीफल
भेंट
समय
सागर
जी
महाराज
के
आसन
पर
विराजमान
होने
और
आचार्य
पद
स्वीकार
करने
के
बाद
संघ
प्रमुख
मोहन
भागवत,
मंत्री
प्रहलाद
पटेल,
दमोह
विधायक
जयंत
मलैया
सहित
अन्य
लोगों
ने
आचार्यश्री
को
श्रीफल
भेंट
किया।
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
भी
निर्धारित
समय
से
करीब
एक
घंटे
बाद
कुंडलपुर
पहुंचे।
उन्होंने
आचार्य
समय
सागर
महाराज
के
दर्शन
कर
उनका
आशीर्वाद
लिया।
संघ
प्रमुख
ने
विद्यासागर
जी
से
मुलाकात
को
याद
किया
कार्यक्रम
में
शामिल
होने
आए
संघ
प्रमुख
मोहन
भागवत
ने
बड़े
बाबा
के
दर्शन
करने
के
बाद
आचार्य
समय
सागर
महाराज
सहित
अन्य
मुनियों
का
आर्शीवाद
लिया।
मंच
पर
पहुंचकर
कार्यक्रम
की
पत्रिका
का
विमोचन
किया।
इसके
बाद
संघ
प्रमुख
भागवत
ने
आचार्यश्री
से
पहली
मुलाकात
के
बारे
में
बताया।
उन्होंने
कहा
आचार्य
विद्यासागर
जी
महाराज
से
मेरा
परिचय
पहली
बार
जबलपुर
के
नर्मदा
घाट
पर
हुआ
था।
पहली
बार
उनसे
मिलने
पहुंचा
था।
अध्यात्म
का
मुझे
बहुत
ज्यादा
ज्ञान
तो
नहीं
था।
इस
वजह
से
आचार्यश्री
के
सामने
जाने
से
पहले
मैं
सोच
रहा
था
कि
क्या
होगा?
ये
डर
मेरे
मन
में
था,
लेकिन
वहां
जो
उनका
स्नेह
मिला,
उससे
भय
भी
दूर
हो
गया
और
संकोच
भी।
में
शामिल
होने
आए
संघ
प्रमुख
मोहन
भागवत
ने
बड़े
बाबा
के
दर्शन
करने
के
बाद
आचार्य
समय
सागर
महाराज
सहित
अन्य
मुनियों
का
आर्शीवाद
लिया।
मंच
पर
पहुंचकर
कार्यक्रम
की
पत्रिका
का
विमोचन
किया।
इसके
बाद
संघ
प्रमुख
भागवत
ने
आचार्यश्री
से
पहली
मुलाकात
के
बारे
में
बताया।
उन्होंने
कहा
आचार्य
विद्यासागर
जी
महाराज
से
मेरा
परिचय
पहली
बार
जबलपुर
के
नर्मदा
घाट
पर
हुआ
था।
पहली
बार
उनसे
मिलने
पहुंचा
था।
अध्यात्म
का
मुझे
बहुत
ज्यादा
ज्ञान
तो
नहीं
था।
इस
वजह
से
आचार्यश्री
के
सामने
जाने
से
पहले
मैं
सोच
रहा
था
कि
क्या
होगा?
ये
डर
मेरे
मन
में
था,
लेकिन
वहां
जो
उनका
स्नेह
मिला,
उससे
भय
भी
दूर
हो
गया
और
संकोच
भी।