दमोह
जिले
में जबेरा
ब्लॉक
के
अंतर्गत
आने
वाले
ग्राम
बनवार
निवासी
बुजुर्ग दंपती ने
बहू की
प्रताड़ना
से
परेशान
होकर
राष्ट्रपति
से
इच्छा
मृत्यु
की
मांग
की
है।
मंगलवार
को
जनसुनवाई
में
आवेदन
देने
पहुंचे
दंपती की
समस्या
को
कलेक्टर
ने
सुना
और
विधिक
सहायता
उपलब्ध
कराने
अधिकारी
के
पास
भेजा।
बनवार
निवासी
75
वर्षीय
चमनलाल
रैकवार
अपनी
पत्नी
के
साथ
जनसुनवाई
में
पहुंचे
और
राष्ट्रपति
से
इच्छा
मृत्यु
की
गुहार
का
आवेदन
दमोह
कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
को
दिया।
दंपती ने
बताया
मेरे
छोटे
बेटे
जयंत
रैकवार
की
शादी
16
साल
पहले
दमोह
के
सुभाष
कालोनी
निवासी
अनीता
रैकवार
के
साथ
हुई
थी।
शादी
के
कुछ
समय
बाद
2009
में
मेरे
बेटे
की
पानी
में
डूबने
से
मौत
हो
गई
थी।
एक
बेटे
को
लकवा
लगा
है,
परिवार
की
जिम्मेदारी
वृद्ध
के
ऊपर
ही
है।
बहू अनीता
पुत्र
की
मृत्यु
के
बाद
मेरी
पत्नी
दुर्गा
बाई
रैकवार
का
दो
लाख
रुपये कीमत
सोने,
चांदी
का
जेवर
लेकर
अपनी
मां
के
साथ
दमोह
चली
गई
और
अपनी
मां
के
साथ
रहती
है।
बहू लगातार
पैसों
के
लिए
परेशान
कर
रही
है।
झूठे
मामले
भी
दर्ज
करा
रही
है।
जबकि
मैं अपने
बेटे
के
हिस्से
की
जमीन
भी
उसे
देने
को
तैयार
हूं।
समाज
की
पंचायत
में भी
अपनी
बहू
को
घर
गृहस्थी
का
सामान
देने
तैयार
था। लेकिन
मेरी
बहू
की
नियत
ठीक
नहीं
है।
वह
बुढ़ापे
में
और
मेरी
पत्नी
को
लगातार
प्रताड़ित
कर
रही
है।
इसलिए
अब
वह
पति
पत्नी
जीना
नहीं
चाहते
और
राष्ट्रपति
से
इच्छा
मृत्यु
की
मांग
करते
हैं।
क्योंकि
75
वर्ष
की
आयु
में
वृद्ध
दंपती कोर्ट
कचहरी
के
चक्कर
नहीं
लगा
सकते
हैं।
हमारी
जीविका
का
कोई
साधन
नहीं
है।
मेरा
पालन-पोषण
कैसे
होता
है,
यह
हम
वृद्ध
दंपती ही
जानते
हैं।
मुझे
मेरी
बहू
अनीता
रैकवार
के
द्वारा
जिस
तरह
प्रताड़ित
किया
जाता
है,
उसकी
सुनवाई
कहीं
नहीं
हो
रही
है।
बहू
की
प्रताड़ना
से
हम
और
हमारी
पत्नी
परेशान
हैं।
इसलिए
दमोह
कलेक्टर
के
माध्यम
से
हम
दोनों
वृद्ध
दंपती इच्छा
मृत्यु
की
अनुमति
मांग
रहे
हैं।
कलेक्टर
सुधीर
कुमार
कोचर
ने
वृद्ध
की
बात
सुनने
के
बाद
जनसुनवाई
में
विधिक
सहायता
की
ओर
से
मौजूद
महिला
कर्मचारी
को
बुलाकर
कहा।
जो
वरिष्ठ
नागरिकों
के
भरण
पोषण
वाला
अधिनियम
है,
उसके
अंतर्गत
बेटे
और
बहू की
प्रताड़ना
से
परेशान
लोगों
को
कैसे
एसडीएम
न्यायालय
में
आवेदन
करना
है,
वह
करवा
दीजिए।