दमोह
जिले
के
तेंदूखेड़ा
ब्लॉक
के
गुबरा
गांव
के
जिस
हैंडपंप
के
पानी
में
जहरीली
दवा
मिलाई
गई
थी।
उसके
पानी
की
शुक्रवार
को
पूरा
खाली
करने
के
बाद
पूरी
लाइन
बदली
गई
है।
अब
जब
बोर
में
अपने
आप
नया
पानी
आएगा, उसकी
जांच
करने
के
बाद
ग्रामीण
इस
पानी
का
उपयोग
कर
पाएंगे।
पीएचई
विभाग
की
जांच
में
इस
बात
की
पुष्टि
हो
गई
है
कि
पानी
में
जहर
मिलाया
गया
था।
बता
दें
29
जनवरी
की
सुबह
जब
ग्रामीण
पानी
भरने
गए
थे
तब
एक
युवक
द्वारा
पानी
से
कुल्ला
किया
गया
था।
इसके
बाद
वह
बेहोश
हो
गया
था।
उसके
बाद
प्रशासन
ने
पानी
की
जांच
कराई
थी।
वहीं
सरपंच
प्रतिनिधि
के
साथ
पहुंचे
ग्रामीणों
ने
हैडपंप
चलाया
तो
पानी
की
जगह
उसमें
सफेद
झाग
निकल
रहा
था
और
हैडपंप
के
ऊपर
एक
दवा
की
डिब्बी
रखी
मिली
थी।
सरपंच
प्रतिनिधि
नोनेलाल
अहिरवाल
ने
इसकी
जानकारी
तत्काल
तेंदूखेड़ा
थाने
में
दी
थी
और
मामले
से
तेंदूखेड़ा
एसडीएम
ओर
पीएचई
विभाग
को
अवगत
कराया
था।
अभी
भी
आ
रही
बदबू
29
जनवरी
की
दोपहर
पीएचई
विभाग
की
टीम
गुबरा
गांव
पहुंची
हैंडपंप
के
पानी
का
सैंपल
लिया।
उसके
बाद
हैंडपंप
को
बंद
कर
दिया।
पानी
की
जांच
में
किसी
कैमिकल
होने
की
पुष्टि
हुई
है
ओर
पानी
में
बदबू
बनी
हुई
है।
इसकी
पुष्टि
पीएचई
एसडीओ
अशोक
मुखाती
द्वारा
की
गई
है।
उन्होंने
बताया
कि
पानी
में
बदबू
है
कौन
सा
पदार्थ
डाला
गया
है।
इसकी
अभी
पुष्टि
नहीं
हो
पा
रही
है,
लेकिन
बदबू
होने
के
कारण
अब
हैंडपंप
के
बोर
को
साफ
कराया
जा
रहा
है।
बदल
दी
गई
लाइन
तेंदूखेड़ा
पीएचई
विभाग
में
पदस्थ
स्टोर
कीपर
यूएस
कुशवाहा
ने
बताया
कि
जानकारी
लगते
ही
टीम
गांव
गई
थी।
पानी
की
जांच
हुई
है
अभी
पुष्टि
नहीं
हुई
है
कि
अज्ञात
व्यक्ति
ने
क्या
डाला
है,
लेकिन
पानी
पीने
योग्य
नहीं
था।
इसलिए
मशीन
के
माध्यम
से
बोर
के
पानी
को
पूरा
निकला
जा
रहा
है।
उसमें
डाली
लाइन
बदल
दी
गई
है।
इसके
बाद
जब
बोर
में
पानी
झिरेगा
तो
उसके
पानी
का
पुनः
परीक्षण
होगा।
पानी
साफ
होने
पर
ही
लोगों
को
उसका
उपयोग
करने
दिया
जाएगा।
पीएचई
विभाग
ने
दो
सैंपल
लिए
थे।
एक
दमोह
लैब
भेजा
था,
जबकि
दूसरे
का
तेंदूखेड़ा
लैब
में
परीक्षण
हुआ
है।
लैब
रिपोर्ट
के
अनुसार
पानी
में
बदबू
है,
लेकिन
उसने
जहर
की
मात्रा
है
या
नहीं
इसकी
अभी
पुष्टि
नहीं
हुई
है।
इसलिए
अब
पुनः
उसी
पानी
की
फिर
बड़ी
लैब
में
जांच
कराई
जाएगी।