Damoh News: स्लाटर हाऊस विवाद के एक महीने बाद भी नहीं हुई नपा परिषद की बैठक, विकास कार्य रुके, जनता परेशान


दमोह
नगर
पालिका
परिषद
की
बैठक
को
स्थगित
हुए
एक
माह
का
समय
बीत
चुका
है,
लेकिन
अब
यह
बैठक
आगे
कब
होगी,
इस
पर
कोई
निर्णय
नहीं
हो
पाया
है।
इधर,
मंगलवार
एक
अप्रैल
से
नया
वित्तीय
वर्ष
प्रारंभ
हो
गया
है।
परिषद
की
बैठक

होने
से
शहर
के
विकास
कार्य
प्रभावित
हो
रहे
हैं
और
आम
जनता
परेशान
है।
परिषद
की
बैठक
में
जिन
11
महत्वपूर्ण
एजेंडों
को
रखा
जाना
था,
उनमें
से
एक
भी
पारित
नहीं
हो
पाया।
यहां
तक
कि
बजट
प्रस्ताव
पर
भी
चर्चा
नहीं
हो
पाई
थी।
हालांकि,
नगर
की
अति
आवश्यक
सेवाओं
को
ध्यान
में
रखते
हुए
सीएमओ
के
हस्ताक्षर
से
बजट
लागू
कर
दिया
गया
है।
लेकिन,
शहर
के
विकास
से
जुड़े
अन्य
कार्य
अटक
गए
हैं।
जब
तक
परिषद
की
मुहर
नहीं
लगेगी,
तब
तक
शहर
के
विकास
से
जुड़े
कोई
भी
बड़े
कार्य
शुरू
नहीं
हो
पाएंगे।


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दरअसल,
छह
महीने
बाद
बीती
25
फरवरी
को
परिषद
की
बैठक
आयोजित
हुई
थी,
लेकिन
स्लॉटर
हाउस
के
मुद्दे
को
लेकर
पार्षदों
ने
जमकर
हंगामा
कर
दिया,
जिसके
चलते
बैठक
को
निरस्त
कर
दिया
गया
था।
इसके
बाद,
27
फरवरी
को
फिर
बैठक
बुलाई
गई,
लेकिन
इसी
मुद्दे
को
लेकर
एक
बार
फिर
पार्षदों

नगर
पालिका
के
सफाई
कर्मियों
ने
विरोध
प्रदर्शन
किया।
जिससे
कलेक्टर
ने
अपने
अधिकार
का
प्रयोग
करते
हुए
इस
बैठक
को
निरस्त
कर
दिया
था।
इसके
बाद,
दोबारा
बैठक
नहीं
बुलाई
गई।
बताया
गया
है
कि
स्लॉटर
हाउस
के
मुद्दे
को
लेकर
दो
बार
परिषद
की
बैठक
निरस्त
हुई
थी,
जिस
पर
हाईकोर्ट
द्वारा
स्थगन
आदेश
(स्टे)
दिया
गया
है।
इसके
बावजूद
अभी
तक
परिषद
की
बैठक
को
लेकर
कोई
निर्णय
नहीं
लिया
गया
है।

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में
नगर
निगम
और
पंजीयन
विभाग
ने
तोड़ा
राजस्व
रिकॉर्ड,
साढ़े
तीन
हजार
करोड़
से
अधिक
जमा


बैठक

होने
से
रुके
काम

परिषद
की
बैठक
में
11
बिंदुओं
का
एजेंडा
तैयार
किया
गया
था।
जिसमें
प्रमुख
रूप
से
शहर
में
सीवरेज
लाइन
के
क्रियान्वयन
के
लिए
95
करोड़
रुपये
की
लागत
से
किए
जाने
वाले
कार्यों
की
स्वीकृति
पर
निर्णय
लिया
जाना
था।
इसी
तरह,
पीएम
आवास
एएचवी
घटक,
बेलाताल
के
लिए
एक
करोड़
रुपये
की
लागत
से
होने
वाले
सौंदर्यीकरण,
शहर
की
विभिन्न
सड़कों
के
डामरीकरण
एवं
नवीनीकरण,
डोर-टू-डोर
कचरा
कलेक्शन
के
लिए
निविदा
आमंत्रण,
अमृत
योजना
के
तहत
तालाबों
का
सौंदर्यीकरण,
घंटाघर
का
जीर्णोद्धार,
मुख्य
बाजार
में
महिलाओं
के
लिए
शौचालय
निर्माण
पर
मुहर
लगनी
थी।
लेकिन,
बैठक

होने
से
इनमें
से
किसी
भी
कार्य
पर
निर्णय
नहीं
लिया
जा
सका।

ये
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धरने
पर
बैठे
तो
तीन
घंटे
में

गई
पांच
दिन
में
आने
वाली
बिजली,
तीन
दिन
से
परेशान
थे
ग्रामीण


बैठक
के
लिए
पत्र
लिखा

इस
संबंध
में
नगर
पालिका
लेखा
अधिकारी
अजेंद्र
सिंह
का
कहना
है
कि
परिषद
की
बैठक
दोबारा
बुलाने
के
संबंध
में
शासन
एवं
वरिष्ठ
अधिकारियों
को
पत्र
लिखा
गया
है।
वहां
से
मंजूरी
मिलते
ही
बैठक
आयोजित
की
जाएगी।


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