
धार
की
ऐतिहासिक
भोजशाला
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
धार
की
ऐतिहासिक
भोजशाला
में
वर्षों
से
हिंदू
और
मुस्लिम
समाज
के
अपने-अपने
दावों
के
बाद
शुरू
हुई
कानूनी
लड़ाई
के
पश्चात
इंदौर
हाईकोर्ट
द्वारा
भोजशाला
में
एएसआई
को
सर्वे
के
आदेश
दिए
गए
थे।
इसके
माध्यम
से
भोजशाला
की
वास्तविक
सच्चाई
का
पता
चले
और
जिससे
जारी
विवाद
का
हल
निकल
सके।
ऐसे
में
विगत
11
मार्च
को
इंदौर
हाईकोर्ट
ने
भोजशाला
में
सर्वे
के
आदेश
दिए
और
22
मार्च
से
उक्त
सर्वे
शुरू
हुआ। आज
सर्वे
का
57वां
दिन
है।
इस
सर्वे
के
दौरान
लगातार
मुस्लिम
समाज
एएसआई
पर
कोर्ट
के
आदेशों
के
अवहेलना
का
आरोप
लगाता
रहा
है,
जिसको
लेकर
ज्ञापनबाजी
भी
की
गई
थी,
जिसमें
मुस्लिम
समाज
का
कहना
है
कि
ऐतिहासिक
भोजशाला
में
जगह-जगह
खुदाई
की
जा
रही
है,
जिससे
उक्त
स्थल
के
मूल
स्वरूप
से
छेड़छाड़
हो
रही
है। साथ
भोजशाला
के
अंदर
जगह-जगह
खोदे
गए
गड्डों
की
वजह
से
शुक्रवार
को
मुस्लिम
समाज
द्वारा
पढ़ी
जा
रही
नवाज
में
भी
लोगों
को
दिक्कतें
आ
रही
हैं।
ऐसे
में
आगामी
शुक्रवार
को
मुस्लिम
समाज
द्वारा
काली
पट्टी
बांधकर
विरोध
प्रदर्शन
किया
जाएगा।मुस्लिम
समाज
के
कमाल
मौलाना
मस्जिद
नमाज
इंतजामिया
कमेटी
के
सदर
जुल्फिकार
पठान
ने
मांग
की
है
कि
आठ दिन
के
अंदर
यह
सर्वे
बंदकर
भोजशाला
रूपी
मस्जिद
परिसर
में
जो
नुकसान
हुआ
है,
उसकी
भरपाई
की
जाए। क्योंकि
एएसआई
सुप्रीम
कोर्ट
के
फिजीकल
एक्जीवेशन
के
रोक
के
आदेशों
की
अवहेलना
कर
रहा
है।
विज्ञापन
विज्ञापन
आपको
बता
दें
कि भोजशाला
में
इंदौर
हाईकोर्ट
के
सर्वे
के
आदेश
के
बाद
मुस्लिम
समाज
सर्वे
के
विरोध
में
सुप्रीम
कोर्ट
पहुंचा
था,
जिसका
हवाला
देकर
लगातार
एएसआई
पर
मुस्लिम
समाज
सुप्रीम
कोर्ट
के
आदेशों
की
अवहेलना
का
आरोप
लगाते
हुए
फिजीकल
एक्जीवेशन
रोकने
की
मांग
कर
रहा
है।
वहीं,
मुस्लिम
पक्षकार
अब्दुल
समद
ने कहा
है
कि
मुस्लिम
समाज
द्वारा
सर्वे
के
विरोध
में
काली
पट्टी
बांधकर
विरोध
की
बात
कही
जा
रही
है,
वह
उनका
अधिकार
है। वहीं,
भोजशाला
में
विगत
दिवस
प्राचीन
तलवार
निकाली
थी,
उसकी
क्लीनिंग
की
गई
है
और
सर्वे
टीम
द्वारा
लगातार
भोजशाला
के
अंदर
सर्वे
का
कार्य
जारी
है
और
मिल
रहे अवशेषों
को
एएसआई
द्वारा
संरक्षित
किया
जा
रहा
है।
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हिंदू
पक्षकार
आशीष
गोयल
ने
बताया
कि
एएसआई
द्वारा
लगातार
सर्वे
का
कार्य
भोजशाला
की
चारों
दिशाओं
में
जारी
है। लगातार
वीडियो
ग्राफी-फोटोग्राफी
भी
जारी
है। इस
दौरान
दो
बड़े
अवशेष
भी
सर्वे
टीम
को
मिले
हैं। वहीं,
भोजशाला
परिसर
में
चारों
ओर
से
प्राप्त
अवशेषों
में
400
से
अधिक
बड़ी
सनातन
आकृतियां
मिलीं,
जिनमें
हिंदू
समाज
के
चिन्ह मिले
हैं।
साथ
ही
1000
से
अधिक
छोटे-बड़े
अवशेष
अब
तक
प्राप्त
हो
चुके
हैं,
जिससे
भोजशाला
पर
मुस्लिम
आक्रांताओं
की
कहानी
स्पष्ट
होती
है।
जैसे-जैसे
सर्वे
आगे
बढ़ता
जा
रहा
है,
निश्चित
तौर
पर
लग
रहा
कि सर्वे
के
जो
परिणाम
होंगे,
वे
हिंदू
समाज
के
पक्ष
में
होंगे
और
भोजशाला
पुनः
हिंदू
समाज
को
पूर्ण
रूप
से
प्राप्त
होगी।