Damoh News: गांव की पसंद डीजल ऑटो तो शहरवासियों को भा रहे ई रिक्शा, डीजल ऑटो की बिक्री में आई 30% की गिरावट

Diesel autos are preferred by the villages while e-rickshaws are liked by the city dwellers

दमोह
में
1200

रिक्शा
चल
रही
हैं।


फोटो
:
सोशल
मीडिया

विस्तार

दमोह
में

रिक्शा
के
प्रति
लोगों
का
रुझान
काफी
बड़ा
है
और
आलम
यह
है
की
शहरवासियों
की
पसंद

रिक्शा
बन
गया
है
तो
वहीं
ग्रामीण
अंचलों
में
आज
भी
डीजल
ऑटो
ही
सबसे
ज्यादा
चलता
है।
स्थिति
यह
है
हर
महीने
10
से
अधिक

रिक्शा
ऑटो
शोरूम
से
उठ
रहे
हैं
तो
वहीं
डीजल
आटो
की
बिक्री
में
30
प्रतिशत
तक
की
गिरावट
आई
है।


जिले
में
1250
ई-रिक्शा

दमोह
जिले
में
वर्तमान
में
1250
ई-रिक्शा
ऑटो
चल
रहे
हैं।
इसी
तरह
150
ई-लोडिंग
गाड़ियां
चल
रहीं
हैं।
अकेले
जिला
मुख्यालय
पर
ही
करीब
600
ई-रिक्शा
चल
रहे
हैं।
जिसकी
वजह
से
अब
डीजल
से
चलने
वाले
ऑटो
में
तेजी
से
गिरावट
आई
है।
डीजल
ऑटो
शोरूम
के
कर्मचारी
देवी
प्रजापति
ने
बताया
कि
ई-रिक्शा
की
वजह
से
अब
डीजल
ऑटो
की
बिक्री
में
25
से
30
फीसदी
कम
हो
गई
है।
पहले
हर
माह
8
से
10
डीजल
ऑटो
बिक
जाते
थे,
जो
अब
महज
2
से
3
ही
बिक
पा
रहे
हैं।
इसके
पीछे
ईंधन
की
बचत
की
बात
सामने

रही
हैं।
हालांकि
वाहन
चालकों
के
अनुसार
लंबी
दूरी
के
लिए
डीजल
ऑटो
ही
सबसे
अच्छा
साधन
हैं।
साथ
ही
उनमें
पिकअप
भी
अच्छा
होता
है।
बैटरी
खत्म
होने
का
भी
डर
नहीं
रहता,
लेकिन
ईंधन
की
बचत
के
लिए
अब
शहर
में
डीजल
ऑटो
की
जगह
ज्यादातर
ई-रिक्शा
ही
नजर

रहे
हैं।
ई-रिक्शा
वाहन
ही
खरीदे
जा
रहे
हैं।


लोकल
सफर
के
लिए
बढ़िया
है

रिक्शा

पेट्रोल-डीजल
की
बढ़ती
कीमतों
के
कारण
इलेक्ट्रिक
गाड़ियों
की
बिक्री
तेजी
से
बढ़
रही
है।
खासकर
ई-रिक्शा
एवं
लोडिंग
गाड़ियों
के
प्रति
ऑटो
चालकों
का
रुझान
बढ़ा
है।


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वायु
प्रदूषण
कम
करने
को
लेकर
सरकार
भी
लोगों
को
इलेक्ट्रिक
गाड़ी
खरीदने
के
लिए
प्रोत्साहित
कर
रही
है।
इससे
बीते
एक
साल
में
इलेक्ट्रिक
वाहनों
की
संख्या
की
बिक्री
में
तेजी
आई
है।
इलेक्ट्रिक
वाहन
चालक
भी
कम
बिजली
खपत
में
अच्छी
ग्राहकी
होने
से
खुश
हैं।
पिछले
दो
सालों
से
लोग
इलेक्ट्रिक
वाहन
तेजी
से
खरीद
रहे
हैं।

रिक्शा
चालक
अभिषेक
बंसल
ने
बताया
की
लोकल
के
सफर
के
लिए
अच्छा
वाहन
महज
दस
रुपए
में
सवारी
अपने
गंतव्य
स्थान
तक
पहुंच
जाती
है।
रिंकू
खान
ने
बताया
की
प्रतिदिन
इतनी
कमाई
इलेक्ट्रिक
रिक्शा
से
हो
जाती
है
कि
किश्त
भर
जाती
है
और
परिवार
का
खर्च
भी
आराम
से
चलता
है।


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लंबे
सफर
के
लिए
डीजल
वाहन

डीजल
ऑटो
चलाने
वाले
गिरधारी
राय,
गोपाल
राय
ने
बताया
कि
भले
ही
लोग

रिक्शा
ज्यादा
पसंद
करते
हैं,
लेकिन
लंबे
सफर
और
अधिक
सवारियों
को
ले
जाने
के
लिए
डीजल
ऑटो
ही
लोग
पसंद
करते
हैं।
चार्जिंग
की
भी
कोई
परेशानी
नहीं
होती।


चार्जिंग
प्वाइंट
लगाना
चाहिए

भले
ही
हर
माह
ई-वाहनों
की
संख्या
बढ़
रही
है,
लेकिन
शहर
के
किसी
भी
पेट्रोल
पंप
पर
इसकी
चार्जिंग
की
व्यवस्था
नहीं
है।
जिससे
लोगों
को
घर
से
ही
गाड़ी
को
चार्ज
करना
पड़ता
है। बीच
में
बैटरी
डिस्चार्ज
होने
का
डर
बना
रहता
है।
ई-रिक्शा
चालक
गजेंद्र
प्रजापति
ने
बताया
कि
दिनभर
रिक्शा
चलाने
के
बाद
रात
में
घर
पर
चार्ज
पर
लगाना
पड़ता
है।
कभी-कभी
रात
में
लाइट
गुल
हो
जाने
पर
बैटरी
फुल
चार्ज
नहीं
हो
पाती।
रास्ते
में
गाड़ी
डिस्चार्ज
हो
जाए
तो
टोचन
करके
घर
तक
लानी
पड़ती
है।
ई-रिक्शा
कारोबारी
राकेश
पुजारी
के
अनुसार

रिक्शा
वाहनों
की
संख्या
में
बडोतरी
हो
रहा
है,
लेकिन
शहर
में एक
भी
सरकारी
चार्जिंग
प्वाइंट
नहीं
है।
इसके
लिए
प्रशासन
को
शहर
में
चार्जिंग
प्वाइंट
लगाना
चाहिए।