

लोकसभा
चुनाव
और
महिलाओं
को
हिस्सेदारी
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
महिला
आरक्षण
बिल
लोकसभा
और
राज्यसभा
से
पास
होने
के
बाद
कानून
बन
चुका
है।
हालांकि,
यह
नए
परिसीमन
के
बाद
2029
के
चुनाव
से
लागू
होगा।
लेकिन
अब
राजनीतिक
दलों
की
जिम्मेदारी
है
कि
वे
कितने
महिला
उम्मीदवारों
को
टिकट
देकर
चुनाव
मैदान
में
खड़ा
करती
हैं।
यदि
हम
मध्य
प्रदेश
में
हुए
1957
से
2019
तक
के
लोकसभा
चुनाव
में
महिला
उम्मीदवारों
के
चुनाव
में
खड़े
होने
और
विजयी
होने
के
एक
समग्र
परिदृश्य
को
देखें
तो
हालात
कुछ
और
ही
देखने
को
मिलते
हैं।
1957
से
2019
तक
प्रदेश
में
लोकसभा
चुनाव
में
377
महिला
उम्मीदवार
चुनाव
मैदान
में
खड़ी
हुई
हैं,
इसमें
59
महिलाएं
विजयी
रही
हैं।
यानि
महिला
प्रत्याशियों
में
से
विजयी
होने
का
प्रतिशत
मात्र
15.65
रहा
है।
जाहिर
है
लोकसभा
चुनाव
में
84.35
प्रतिशत
पुरुषों
की
जीत
हुई।
प्रदेश
से
महिला
मतदाता
अब
निर्णायक
भूमिका
में
हैं
और
महिला
मतदान
पहले
की
अपेक्षा
अधिक
होने
लगा
है।
प्रदेश
में
1957
से
पिछले
चुनाव
यानी
2019
तक
सर्वाधिक
महिला
उम्मीदवार
खजुराहो
में
27,
भोपाल
में
23,
रायगढ़
में
20,
रीवा
में
19
और
इंदौर
में
17
महिलाएं
अपना
भाग्य
चुनाव
में
आजमा
चुकी
हैं।
प्रदेश
में
नए
परिसीमन
के
बाद
2004
से
कुछ
क्षेत्रों
के
नए
नामकरण
हो
गए
हैं,
उन
क्षेत्रों
में
अभी
तक
2
से
4
महिला
उम्मीदवार
चुनाव
में
अपना
भाग्य
आजमा
चुकी
हैं।
वैसे
1996
के
चुनाव
में
प्रदेश
से
75
महिला
उम्मीदवारों
ने
चुनाव
में
खड़ा
होकर
एक
रिकॉर्ड
बनाया
था।
सबसे
कम
यानी
एक
मात्र
उम्मीदवार
दमोह
से
1971
में
खड़ी
हुई
थी,
जो
न्यूनतम
महिला
उम्मीदवार
का
रिकॉर्ड
है।
मध्य
प्रदेश
में
1957
से
2019
तक
महिला
प्रत्याशियों
की
स्थिति
संसदीय क्षेत्र |
महिला उम्मीदवार |
खजुराहो | 27 |
भोपाल | 23 |
रायगढ़ | 20 |
रीवा | 19 |
सागर | 14 |
इंदौर | 17 |
शहडोल | 15 |
सुमित्रा
महाजन
ने
बनाया
रिकॉर्ड
जहां
तक
सफलता
का
सवाल
है
प्रदेश
में
सर्वाधिक
बार
चुनाव
में
विजयी
होने
का
रिकॉर्ड
सुमित्रा
महाजन
का
आठ
बार
का
है
वहीं,
विजयाराजे
सिंधिया
7
बार
विजयी
रही
हैं,
मिनिमाता
अगमदास
गुरु
5
बार
और
सहोदरा
बाई
4
बार
विजयी
रही
हैं।
एक
से
तीन
बार
विजयी
होने
वाली
अन्य
महिला
उम्मीदवार
रही
हैं।
महिला
आरक्षण
बिल
पास
होने
के
बाद
अब
नए
सिरे
से
परिसीमन
होगा
और
सीटों
में
वृद्धि
होगी।
स्पष्ट
है
नए
महिला
आरक्षण
कानून
से
महिला
सीटों
में
भी
वृद्धि
होगी।
2029
के
लोकसभा
चुनाव
में
महिलाएं
अधिक
संख्या
चुन
कर
लोकसभा
में
जाएंगी।
प्रदेश
से
सर्वाधिक
बार
चुनी
गईं
महिला
प्रत्याशी
नाम |
संख्या |
सुमित्रा महाजन |
8 |
विजयाराजे सिंधिया |
7 |
उमा भारती |
5 |
मिनिमाता अगमदास गुरू |
5 |
सहोदरा बाई |
4 |
कुमारी पुष्पा देवी |
3 |
केशर कुमारी, विद्यावती चतुर्वेदी, विमला वर्मा, मैमुना सुल्ताना, यशोधरा राजे और सुषमा स्वराज |
दो-दो बार जीतीं |
मप्र
में
महिला
उम्मीदवारों
की
स्थिति
चुनाव वर्ष |
प्रदेश में सीटों की संख्या |
चुनाव मैदान में |
विजयी |
जमानत जब्त |
1957 | 36 | 8 | 3 | 3 |
1962 | 36 | 11 | 6 | 3 |
1967 | 37 | 12 | 5 | 1 |
1971 | 37 | 6 | 3 | 2 |
1977 | 40 | 1 | 0 | 0 |
1980 | 40 | 8 | 3 | 4 |
1984 | 40 | 10 | 2 | 6 |
1989 | 40 | 20 | 3 | 13 |
1991 | 40 | 39 | 5 | 32 |
1996 | 40 | 75 | 5 | 66 |
1998 | 40 | 28 | 4 | 21 |
1999 | 40 | 23 | 3 | 16 |
2004 | 29 | 30 | 2 | 23 |
2009 | 29 | 29 | 6 | 23 |
2014 | 29 | 37 | 5 | 28 |
2019 | 29 | 40 | 4 | 31 |