

मध्यप्रदेश
लोकसभा
चुनाव
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
जब
चुनाव
मैदान
में
खड़े
उम्मीदवार
पसंद
के
नहीं
हों
तो
आखिर
किसे
वोट
दिया
जाए।
यह
एक
गंभीर
प्रश्न
रहता
है
मतदाता
के
सामने।
मत
देना
एक
मौलिक
दायित्व
है।
मतदान
प्रक्रिया
पर
सरकार
एक
बड़ी
राशि
व्यय
करती
है।
कुछ
देशो
में
मत
न
देने
पर
जुर्माने
का
प्रावधान
है।
हमारे
देश
में
2013
नोटा
(उपरोक्त
में
से
कोई
नहीं)
का
प्रावधान
लागू
हुआ
था।
मत
देना
भी
है,
और
उसे
कोई
भी
उम्मीदवार
पसंद
नहीं
है
तो
वह
यह
विकल्प
चुन
सकता
है।
वोटिंग
मशीन
में
नोटा
का
विकल्प
का
बटन
जोड़ा
गया।
नोटा
का
विकल्प
लागू
करने
वाला
भारत
विश्व
का
14वां
देश
था।
जबकि
रूस
ने
2006
में
इस
विकल्प
को
हटा
दिया
है।
2014
के
लोकसभा
चुनाव
में
नोटा
के
विकल्प
की
सुविधा
मतदाताओं
को
चुनाव
आयोग
ने
उपलब्ध
कराई
थी।
प्रदेश
में
2014
के
चुनाव
में
3
लाख
91
हजार
771
मत
नोटा
को
प्राप्त
हुए
थे,
जो
राज्य
में
कुल
वैध
मतों
का
0.81
प्रतिशत
था,
जबकि
2019
में
3
लाख
40
हजार
984
मत
नोटा
को
मिले
जो
0.66
प्रतिशत
था।
जाहिर
है
2014
के
मुकाबले
प्रदेश
में
नोटा
का
प्रयोग
कम
हुआ
था।
इसी
तरह
प्रदेश
विधानसभा
चुनाव
2013
में
नोटा
में
1.90,
2018
में
1.42
और
2023
के
चुनाव
में
0.98
प्रतिशत
मत
नोटा
को
दिए
गए
थे।
इन
आंकड़ों
से
जाहिर
होता
है
नोटा
को
वोट
देने
वाले
मतदाताओं
का
प्रतिशत
लगातार
कम
होता
जा
रहा
है।
पिछले
साल
प्रदेश
विधानसभा
के
चुनाव
में
हरदा
विधानसभा
से
भाजपा
उम्मीदवार
870
मतों
से
पराजित
हो
गए,
जबकि
नोटा
में
2357
मत
डाले
गए
थे
इसी
तरह
टिमरनी
मे
भाजपा
उम्मीदवार
950
मतों
से
हारे
है
तो
नोटा
को
2561
मत
प्राप्त
हुए
हैं।
जाहिर
है
नोटा
ने
चुनाव
परिणाम
को
पलट
दिया
था।
2019
में
प्रदेश
में
नोटा
का
सबसे
कम
उपयोग
करने
वाले
संसदीय
क्षेत्र
मुरैना,
सतना,
रीवा,
इंदौर
और
बालाघाट
थे।
इस
तरह
2014
में
नोटा
का
कम
प्रयोग
करने
वाले
क्षेत्र
ग्वालियर,
मुरैना,
भोपाल,
इंदौर
और
भिंड
थे।
2014
और
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
मुरैना
और
इंदौर
में
नोटा
का
प्रयोग
कम
हुआ।
2019
के
लोकसभा
चुनाव
में
देश
में
नोटा
को
मतदाताओं
ने
65
लाख
22
हजार
772
मत
दिए
थे,
जो
देश
में
डाले
गए
कुल
वैध
मतों
का
1.06
प्रतिशत
थे।
देश
में
नोटा
का
प्रयोग
करने
में
बिहार
अग्रणी
था।
बिहार
में
8
लाख
16
हजार
950
मतदाताओं
ने
नोटा
में
वोट
दिया
था।
2014
के
लोकसभा
के
मुकाबले
प्रदेश
और
देश
में
नोटा
ने
कम
मत
प्राप्त
किए
हैं,
इससे
स्पष्ट
होता
है
कि
मतदाता
पसंद
के
उम्मीदवार
को
मत
देना
पसंद
कर
रहा
है।
वैसे
वह
कहीं
भी
मत
दे
पर
अपने
मत
का
उपयोग
करना
चाहिए।
मतदान
करना
हमारा
मौलिक
अधिकार
है।
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लोकसभा
चुनाव
में
नोटा
में
डाले
गए
मतों
का
विवरण
क्रमांक |
चुनाव वर्ष |
सामान्य सीट- 19 |
अजा ,सीट -4 |
अजजा सीट -6 |
योग |
प्रदेश में प्रतिशत |
1 | 2014 | 209254 | 38167 | 144350 | 391771 | 0.81 |
2 | 2019 | 159687 | 34460 | 146837 | 340984 | 0.66 |
2019
–
लोकसभा
में
सर्वाधिक
नोटा
का
प्रयोग
क्षेत्र | मत |
वैध मत प्रतिशत |
रतलाम | 35431 | 1.91 |
मंडला | 32240 | 1.65 |
छिंदवाड़ा | 20324 | 1.34 |
बैतूल | 22787 | 1.31 |
शहडोल | 20027 | 1.21 |
2014
–
लोकसभा
में
सर्वाधिक
नोटा
का
प्रयोग
क्षेत्र | मत |
वैध मत प्रतिशत |
छिंदवाड़ा | 25499 | 1.82 |
रतलाम | 30364 | 1.78 |
बैतूल | 26726 | 1.66 |
मंडला | 28306 | 1.55 |
शहडोल | 21376 | 1.37 |