करणी
सेना
और
पुलिस
के
बीच
बीते
दिनों
हुए
टकराव
के
बाद
अब
हरदा
में
हालात
धीरे-धीरे
सामान्य
होते
दिख
रहे
हैं।
इसी
क्रम
में
गुरुवार
देर
शाम
हरदा
के
एसडीएम
कोर्ट
ने
शांति
भंग
करने
के
आरोप
में
जेल
भेजे
गए
करणी
सेना
जिलाध्यक्ष
सुनील
राजपूत
सहित
चार
लोगों
को
जमानत
दे
दी।
इसके
बाद
सभी
को
जेल
से
रिहा
कर
दिया
गया।
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जेल
से
रिहा
होने
वालों
में
करणी
सेना
के
रोहित,
शुभम
और
हीरा
विवाद
मामले
में
पीड़ित
आशीष
राजपूत
का
नाम
भी
शामिल
है।
अधिवक्ता
शैलेंद्र
तोमर
ने
बताया
कि
उन्होंने
कोर्ट
में
शीघ्र
सुनवाई
का
आवेदन
दिया
था,
जिस
पर
छह
दिन
बाद
सुनवाई
करते
हुए
बीएनएस
की
धारा
163
के
तहत
जमानत
दी
गई।
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के
शक
में
मजदूर
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बेरहमी
से
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पर
तड़प-तड़प
कर
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जान
पुलिस
कार्रवाई
के
विरोध
में
हरदा
बंद
का
ऐलान
करणी
सेना
के
खिलाफ
की
गई
पुलिस
कार्रवाई
के
विरोध
में
अब
राजपूत
समाज
सड़कों
पर
उतरने
की
तैयारी
में
है।
जिला
राजपूत
परिषद
अध्यक्ष
राधेश्याम
चौहान
ने
बताया
कि
शनिवार
को
हरदा
बंद
का
आह्वान
किया
गया
है।
दोपहर
1
बजे
से
राजपूत
छात्रावास
से
मौन
रैली
निकाली
जाएगी,
जो
परशुराम
चौक,
टांक
चौराहा,
चांडक
चौक
होते
हुए
घंटाघर
तक
पहुंचेगी।
इसके
बाद
महात्मा
गांधी
की
प्रतिमा
के
पास
मौन
प्रदर्शन
किया
जाएगा।
साथ
ही
प्रदर्शनकारियों
ने
दोषी
अधिकारियों
और
कर्मचारियों
पर
सख्त
कार्रवाई
की
मांग
की
है।
विधायक
ने
उठाई
न्यायिक
जांच
की
मांग
हरदा
विधायक
डॉ.
रामकिशोर
दोगने
ने
मुख्यमंत्री
डॉ.
मोहन
यादव
को
पत्र
लिखकर
इस
पूरे
मामले
की
न्यायिक
और
निष्पक्ष
जांच
की
मांग
की
है।
विधायक
ने
आरोप
लगाया
कि
12
जुलाई
को
करणी
सेना
जिलाध्यक्ष
सुनील
राजपूत
पुलिस
अधिकारियों
से
संवाद
के
लिए
सिटी
कोतवाली
पहुंचे
थे,
लेकिन
पुलिस
ने
उनके
साथियों
सहित
उन
पर
लाठीचार्ज
कर
उन्हें
जेल
भेज
दिया।
इसके
अगले
दिन
13
जुलाई
को
भी
करणी
सेना
व
अन्य
समाज
के
लोगों
पर
पुलिस
ने
राजपूत
छात्रावास
परिसर
में
लाठीचार्ज
किया।
विधायक
ने
पत्र
में
मांग
की
कि
इस
मामले
में
जिम्मेदार
अधिकारियों
के
खिलाफ
दंडात्मक
कार्रवाई
की
जाए
ताकि
भविष्य
में
इस
तरह
की
घटनाओं
की
पुनरावृत्ति
न
हो।