MP High Court: सामान्य वर्ग को मॉप अप राउंड में दिया जाएगा योग्यता और च्वाइस के अनुसार दाखिला, HC में जवाब पेश

फर्जी
तरीके
से
एनआरआई
कोटे
में
प्रदेश
के
निवासरत
छात्रों
को
आवंटित
की
गई सीट ब्लॉक
कर
दी
गई थी।
ब्लॉक
की
गई सीट
को
काउंसलिंग
के
दूसरे
राउंड
में
सामान्य
वर्ग
के
लिए शामिल
नहीं
किए जाने
के
खिलाफ
हाईकोर्ट
में
याचिका
दायर
की
गई थी।
याचिका
की
सुनवाई
सरकार
की
तरफ
से
जस्टिस
संजीव
सचदेवा
तथा
जस्टिस
विनय
सराफ
की
युगलपीठ
को
बताया
गया
कि
एनआरआई
कोटे
की
सीट
रिक्त
रहने
पर
मॉप
अप
राउंड
में
सामान्य
वर्ग
से
योग्यता
तथा 
च्वाइस  के
लिए
भरी
जाएगी।


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भोपाल
निवासी
ख्याति
शेखर
की
तरफ
से
दायर
की
गई याचिका
में
कहा
गया
था
कि
पीजी
मेडिकल
के
लिए
प्रदेश
में
एनआरआई
कोटे
के
तहत
कुल
117
सीट
है।
एनआरआई
कोटे
के
तहत
48
सीट
प्रदेश
में
निवासरत
छात्रों
को
प्रदान
की
गई थी।
डायरेक्टर
मेडिकल
एजुकेशन
ने
19
जनवरी
को
एक
नोटिस
जारी
कर
इन
छात्रों
को
21
जनवरी
को
अपने
दस्तावेज
प्रस्तुत
करने
आदेश जारी
किए थे।
दूसरी
पीजी
काउंसलिंग
की
प्रक्रिया
दो फरवरी
तक
जारी
रहेगी।
इसके
बाद
सिर्फ
मॉप
अप
राउंड
ही
शेष
रह
जाएगा।
सर्वोच्च
न्यायालय
का
स्पष्ट
आदेश है
कि
मेडिकल
की
एक
भी
सीट
रिक्त
नहीं
होनी
चाहिए।
डायरेक्टर
मेडिकल
एजुकेशन
ने
शो
हो
रहे
और
एनआरआई
कोटे
के
तहत
ब्लॉक
की
गई 48
सीट
को
भरने
के
लिए
दूसरी
काउंसलिंग
में
शामिल
नहीं
की
गई है।


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युगलपीठ
ने
डायरेक्टर
मेडिकल
एजुकेशन
को
हमदस्त
नोटिस
जारी
करते
हुए
24
घंटे में
जवाब
मांगा
है।
डायरेक्टर
मेडिकल
एजुकेशन
की
तरफ
से
पेश
किए गए जवाब
में
बताया
गया
कि
मध्यप्रदेश
चिकित्सा
शिक्षा
प्रवेश
नियम 2018
के
नियम
14
(ए)
(2)
के
अनुसार
एनआरआई
सीटें
खाली
रह
जाती
हैं तो
उन्हें
सामान्य
श्रेणी
में
अंतिम
राउंड
यानी
मॉप
अप
राउंड
में
शामिल
किया
जाना
चाहिए।
अंतिम
राउंड
में
योग्यता
और विकल्प
के
आधार
पर
भरे
जाएंगे।
याचिकाकर्ता
की
तरफ
से
याचिका
वापस
लेने
का
आग्रह
किया
गया,
जिसे
युगलपीठ
ने
स्वीकार
कर
लिया।
याचिकाकर्ता
की
तरफ
से
वरिष्ठ
अधिवक्ता
आदित्य
संघी
ने
पैरवी
की।