Ujjain News: दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल, बोले- समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को सफल बनाता है

Ujjain News: दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल, बोले- समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को सफल बनाता है

राज्यपाल
एवं
कुलाधिपति
मंगुभाई
पटेल
की
अध्यक्षता
में
महर्षि
पाणिनि
संस्कृत
वैदिक
विश्वविद्यालय
का
पांचवां दीक्षांत
समारोह
कालिदास
संस्कृत
अकादमी
के
पंडित
सूर्य
नारायण
व्यास
संकुल
सभागृह
में
आयोजित
किया
गया।
कार्यक्रम
में
बतौर
विशिष्ट
अतिथि
उच्च
शिक्षा
मंत्री
इंदर
सिंह
परमार,
सांसद
अनिल
फिरोजिया,
राज्यसभा
सांसद
बालयोगी
उमेशनाथ
महाराज,
विधायक
अनिल
जैन
कालूहेड़ा
और
सारस्वत
अतिथि
कुलपति
महर्षि
पतंजलि
योग
विश्वविद्यालय
हरिद्वार
आचार्य
बालकृष्ण
तथा
केंद्रीय
संस्कृत
नाटक
अकादमी
नई
दिल्ली
की
अध्यक्ष
डॉ.
संध्या
पुरेचा
कार्यक्रम
में
शामिल
हुए।


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समारोह
में
सर्वप्रथम
राष्ट्रगान
तत्पश्चात
विश्वविद्यालय
का
कुलगान
गाया
गया।
अतिथियों
द्वारा
दीप
प्रज्वलित
कर
कार्यक्रम
का
विधिवत
शुभारंभ
किया
गया।
विश्वविद्यालय
के
कुलगुरु
आचार्य
विजय
कुमार
सीजी
और
कुल
सचिव
दिलीप
सोनी
के
द्वारा
राज्यपाल
एवं
अन्य
अतिथियों
का
सम्मान
पुष्प
गुच्छ
और
स्मृति
चिन्ह
भेंट
कर
किया
गया।
कुलगुरु
आचार्य
विजय
कुमार
सीजी
ने
स्वागत
भाषण
दिया।
उन्होंने
जानकारी
दी
कि
विश्वविद्यालय
का
कार्यक्षेत्र
सम्पूर्ण
मध्यप्रदेश
है
तथा
विश्वविद्यालय
से
19
महाविद्यालय
सम्बद्ध
हैं।
इनमें
9
शासकीय
एवं
10
अशासकीय
महाविद्यालय
सम्मिलित
हैं।
उन्होंने
जानकारी
दी
कि
पाणिनि
संस्कृत
विश्वविद्यालय
को
हाल
ही
में
नेक
से

ग्रेड
मिला
है।
यहां
विद्यार्थियों
के
लिए

लाइब्रेरी
का
निर्माण
किया
गया
है।
साथ
ही
कंप्यूटर
प्रयोगशाला
भी
शुरू
की
गई
है।
विश्वविद्यालय
में
तीन
नए
पाठ्यक्रम
शुरू
किए
गए
हैं।
साथ
ही
एक
करोड़
रुपए
की
लागत
से
अलग-अलग
प्रोजेक्ट
विश्वविद्यालय
में
चल
रहे
हैं।
विश्वविद्यालय
में
एनसीसी
भी
शुरू
किया
गया
है
और
राष्ट्रीय
स्तर
पर
विश्वविद्यालय
को
दो
पुरस्कार
प्राप्त
हो
चुके
हैं।
अतिथियों
द्वारा
विश्वविद्यालय
से
प्रकाशित
पुस्तकों
का
विमोचन
भी
इस
अवसर
पर
किया
गया।

ये
भी
पढ़ें- मंदिर
के
सामने
से
हटेंगे
शराब
काउंटर,
कालभैरव
के
भोग
के
लिए
अब
इस
तरह
रहेगी
व्यवस्था


इन्हें
किया
गया
सम्मानित

समारोह
में
योग,
आयुर्वेद,
संस्कृत
एवं
भारतीय
ज्ञान
परंपरा
के
क्षेत्र
में
गत
35
वर्षों
से
अनवरत
सेवारत
तथा
अविस्मरणीय
योगदान
देने
हेतु
महर्षि
पतंजलि
विश्वविद्यालय,
हरिद्वार
के
कुलपति,
आचार्य
बालकृष्ण
जी
तथा
नृत्य,
नाट्यशास्त्र,
संस्कृत
एवं
भारतीय
जान
परंपरा
के
क्षेत्र
में
अनवरत
साधनारत
डॉ.
संध्या
पुरेचा,
अध्यक्ष,
केंद्रीय
संगीत
नाटक
अकादमी,
नई
दिल्ली
को
महामहोपाध्याय
(डी.लिट.)
की
मानद
उपाधि
से
विभूषित
किया
गया।


इन्हें
दिए
गए
पदक

समारोह
में
सत्र
2022-23
में
उत्तीर्ण
हुए
स्नातकों
को
(कुल
1349
स्नातक)
तथा
सन
2023-24
में
उत्तीर्ण
हुए
स्नातकों
को
(कुल
1012
स्नातक)
उपाधियां
प्रदान
की
गईं।
इसमें
से
वरीयता
सूची
अनुसार
79
स्नातकों
को
कुलाधिपति
के
करकमलों
से
स्वर्ण,
रजत,
तथा
कांस्य
पदक
के
साथ
उपाधियां प्रदान
की
गईं।
समारोह
में
कुलाधिपति
से
उपाधि/पदक
प्राप्तकर्ता
स्नातकों
की
(कुल
संख्या
79)
जिसमें
पी.एच
डी.

05,
स्वर्ण
पदक

26
रजत
पदक

25
और
कांस्य
पदक

23
प्रदान
किए
गए।

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पढ़ें- ‘सबके
काल
की
गति
और
मति
को
ठीक
करें
महाकाल’, बाबा
के
दर्शन
कर
बोले
आचार्य
बालकृष्ण


दीक्षांत
समारोह
में
यह
बोले
अतिथि


राज्यपाल
मंगू
भाई
पटेल
ने
कहा
कि
इस
विश्वविद्यालय
को

प्लस
ग्रेड
मिला
है
उसकी
बहुत
सारी
शुभकामनाएं।
उन्होंने
कहा
कि
आज
उन्हें
इस
समारोह
में
शामिल
होकर
अत्यंत
खुशी
प्राप्त
हो
रही
है।
उन्होंने
उपाधि
प्राप्त
विद्यार्थीयों
से
कहा
कि
समय
और
शिक्षा
का
सही
उपयोग
ही
व्यक्ति
को
जीवन
में
सफल
बनाता
है।
आप
जीवन
में
कितने
ही
सफल
हो
जाएं
लेकिन
कभी
अपने
माता-पिता
को
ना
भूलें,
क्योंकि
वे
अत्यंत
कठोर
परिश्रम
करके
आपका
पालन
पोषण
करते
हैं
तथा
आपको
उत्तम
शिक्षा
दिक्षा
दिलवाते
हैं।
संस्कृत
भाषा
विश्व
की
सबसे
प्राचीन
भाषाओं
में
से
एक
है।
हमें
यह
संदेश
पूरी
दुनिया
तक
पहुंचना
है।
हमारी
भारतीय
संस्कृति
के
खजाने
में
छुपे
ज्ञान
और
विज्ञान
को
अपनी
प्रतिभा
से
जन
जन
तक
पहुंचाने
का
संकल्प
आज
समस्त
उपाधि प्राप्तकर्ता
लें। 


वार्तालाप
में
अधिक
से
अधिक
संस्कृत
भाषा
का
उपयोग
किया
जाए
: परमार

उच्च
शिक्षा
मंत्री
इंदर
सिंह
परमार
ने
कहा
कि
आज
जिन
विद्यार्थियों
को
उपाधि
प्राप्त
हो
रही
है
वे
सभी
हमारी
भारतीय
ज्ञान
परंपरा
को
आगे
बढ़ाने
में
अपना
महत्वपूर्ण
योगदान
दें
तथा
भारतीय
संस्कृति
और
मान्यताओं
को
पूरे
विश्व
के
पटल
पर
लेकर
आने
में
अपनी
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाएं।
भारतीय
संस्कृति
को
आगे
बढ़ाने
की
संकल्पना
को
ध्यान
में
रखते
हुए
निरंतर
परिश्रम
करें। परमार
ने
कहा
कि
संस्कृत
विश्वविद्यालय
परिसर
में
वार्तालाप
में
अधिक
से
अधिक
संस्कृत
भाषा
का
उपयोग
किया
जाए।
हमारी
भारतीय
संस्कृति
की
सभी
भाषाओं
का
सम्मान
करें
और
उन
पर
गर्व
करें।


कुलपति
को
कुलगुरु
कहने
वाला
पहला
प्रदेश
है
मप्र: बालकृष्ण

आचार्य
बालकृष्ण
ने
इस
अवसर
पर
कहा
कि
विश्वविद्यालय
के
कुलपति
को
कुलगुरु
नाम
से
संबोधित
करने
वाला
मध्य
प्रदेश
देश
का
पहला
राज्य
है।
उन्होंने
कहा
कि
दीक्षांत
समारोह
जीवन
में
बहुत
बड़ा
और
अमूल्य
क्षण
होता
है।
यह
सभी
विद्यार्थियों
के
कठोर
परिश्रम
का
परिणाम
है।
विद्यार्थी
कभी
भी
विद्या
अर्जन
के
कार्य
से
मुक्त
ना
हों
क्योंकि
विद्या
ही
हमें
मुक्ति
का
मार्ग
दिखाती
है।
राष्ट्र
निर्माण
के
लिए
विद्या
अर्जन
करना,अध्ययन
और
अध्यापन
करना
अत्यंत
जरूरी
है।  

दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल - समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता

दीक्षांत
समारोह
में
मौजूद
लोग

 

दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल - समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता

दीक्षांत
समारोह
में
संबोधित
करते
अतिथि

 

दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल - समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता

दीक्षांत
समारोह
में
राज्यपाल
ने
संबोधित
किया।