कलेक्ट्रेट
सभागार
में
मंगलवार
को
उस
समय
अफरा-तफरी
मच
गई,
जब
हथियार
लाइसेंस
निलंबन
से
नाराज
एक
परिवार
के
सदस्यों
ने
जनसुनवाई
के
दौरान
हंगामा
खड़ा
कर
दिया।
जनसुनवाई
में
पहुंचे
राकेश
भार्गव,
उनके
दादा
और
बेटे
ने
कलेक्टर
स्वप्निल
वानखेड़े
से
हथियारों
की
बहाली
की
मांग
को
लेकर
तीखी
बहस
की।
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दरअसल,
एसपी
सूरज
कुमार
वर्मा
की
रिपोर्ट
के
आधार
पर
कलेक्टर
ने
सात
शस्त्र
लाइसेंसों
को
निलंबित
करने
का
आदेश
जारी
किया
था,
जिनमें
भार्गव
परिवार
के
भी
हथियार
शामिल
थे।
इस
निर्णय
से
नाराज
होकर
भार्गव
बंधु
जनसुनवाई
में
पहुंचे
और
कलेक्टर
से
अपने
हथियारों
की
बहाली
की
मांग
की।
जब
कलेक्टर
ने
स्पष्ट
किया
कि
यह
निर्णय
पुलिस
की
रिपोर्ट
के
आधार
पर
लिया
गया
है,
तो
राकेश
भार्गव
भड़क
गए
और
आत्महत्या
की
धमकी
दे
डाली।
उन्होंने
कहा
कि
यदि
उनके
हथियार
बहाल
नहीं
किए
गए
तो
वे
अपनी
जान
दे
देंगे।
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करीब
पांच
मिनट
तक
चली
बहस
के
दौरान
सभागार
का
माहौल
तनावपूर्ण
हो
गया
और
जनसुनवाई
की
प्रक्रिया
बाधित
हुई।
कलेक्टर
ने
परिवार
को
शांत
करने
और
समझाने
का
प्रयास
किया,
लेकिन
स्थिति
बिगड़ती
चली
गई।
पढ़ें: पढ़ाई
करते
हुए
बच्चों
पर
गिरा
क्लासरूम
की
छत
का
प्लास्टर,
दो
बच्चियां
हुई
घायल
कलेक्टर
वानखेड़े
ने
जनसुनवाई
के
दौरान
भार्गव
परिवार
से
शस्त्र
लाइसेंस
निलंबन
की
परिभाषा
पूछी,
लेकिन
वे
उसका
उत्तर
नहीं
दे
सके।
कलेक्टर
ने
स्पष्ट
किया
कि
यदि
उन्हें
प्रशासनिक
निर्णय
पर
आपत्ति
है,
तो
वे
कानूनी
रास्ता
अपनाकर
कोर्ट
में
अपील
कर
सकते
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
पुलिस
रिपोर्ट
में
जिन
आपराधिक
प्रकरणों
का
उल्लेख
है,
वे
चिंता
का
विषय
हैं,
और
यदि
हथियार
के
चलते
कोई
घटना
होती
है
तो
उसकी
जिम्मेदारी
प्रशासन
पर
आ
जाएगी।
इस
बीच,
भार्गव
परिवार
ने
कलेक्टर
पर
धमकाने
का
आरोप
लगाया
और
कहा
कि
वे
न्याय
की
गुहार
लगाते-लगाते
दम
तोड़
देंगे।
अंततः
कलेक्टर
ने
जनसुनवाई
की
प्रक्रिया
को
दोबारा
व्यवस्थित
कर
आगे
बढ़ाया।