
गोल्ड
मेडल
के
साथ
खिलाड़ी।
–
फोटो
:
अमर
उजाला,
डिजिटल,
इंदौर
यूथ
गेम्स
काउंसिल
ऑफ
इंडिया
एवं
यूथ
गेम्स
डेवलपमेंट
फेडरेशन
ऑफ
इंडिया
के
तहत
हाल
ही
में
नेपाल
में
हुए
इंडो-नेपाल
इंटरनेशनल
चैंपियनशिप
में
इंदौर
के
बच्चों
ने
एक
बार
फिर
देश
एवं
शहर
का
नाम
रोशन
किया
है।
इंदौर
की
राज
आर्चरी
एकेडमी
की
अध्यक्ष
शर्मिला
भालसे
जी
ने
बताया
कि
हमारे
4
तीरंदाजों
ने
अलग-अलग
वर्ग
में
खेलते
हुए
देश
को
कुल
12
स्वर्ण
पदक
एवं
दौड़
में
1
स्वर्ण
पदक
दिलाए
हैं
और
शहर
और
देश
का
नाम
रोशन
किया
है।
नेपाल
में
खेली
गई
इंटरनेशनल
चैम्पियनशिप
में
खेली
गई
तीन
प्रतियोगिताओं
में
राज
आर्चरी
एकेडमी
के
4
तीरंदाजों
ने
शानदार
प्रदर्शन
किया।
चिरंजीव
डामोर
ने
अंडर
9
कंपाउंड
में
खेलते
हुए
160
अंकों
में
से
159
अंक
पाकर
स्वर्ण
पदक
हासिल
किया।
चिरंजीव
पहले
भी
इसी
साल
जनवरी
में
ह्यू
इंटरनेशनल
चैम्पियनशिप
में
जबरदस्त
प्रदर्शन
करते
हुए
स्वर्ण
पदक
प्राप्त
किया
था।
इस
तरह
उन्होंने
पिछले
3
महीने
में
6
स्वर्ण
पदक
प्राप्त
किए।
अंडर
14
रिकर्व
राउंड
में
शिवेंद्र
डामोर
ने
भी
3
इवेंट
खेलते
हुए
3
गोल्ड
मेडल
पे
निशाना
साधा।
खनन
विभाग
में
टीआई
के
रूप
में
कार्यरत
चिरंजीव
और
शिवेंद्र
के
पिता
चैन
सिंह
डामोर
ने
अपने
व्यस्त
समय
से
निकाल
कर
अपने
बच्चों
पर
ध्यान
दिया
और
उनका
हौसला
बढ़ाया।
ऑटो
पार्ट्स
की
दुकान
पर
काम
करते
हैं
पिता
प्रतिस्पर्धा
में
अंडर
14
कंपाउंड
में
खेलते
हुए
श्रेष्ठ
यादव
ने
भी
बेहतर
प्रदर्शन
किया
और
3
इवेंट्स
में
160
में
159
प्वाइंट
लेकर
3
स्वर्ण
पदक
हासिल
किया।
बच्चे
के
पिता
चंद्रेश
यादव
ने
ऑटो
पार्ट्स
की
दुकान
पर
सेवा
देते
हुए
भी
अपने
बच्चे
का
साथ
दिया,
हर
दिन
समय
निकाल
कर
अपने
बेटे
के
लिए
खेल
मैदान
में
आए
और
उसे
प्रोत्साहित
किया।
सामान्य
सी
नौकरी
करते
हुए
भी
उन्होंने
अपने
बच्चे
की
हर
जरूरत
पूरी
किया
और
यह
दिखाया
कि
खिलाड़ी
को
मुकाम
पर
पहुँचाने
के
लिए
उनके
माता
पिता
का
बड़ा
योगदान
होता
है।
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तीन
स्वर्ण
पदक
लिए
अंडर
19
रिकर्व
राउंड
में
खेलते
हुए
राज
आर्चरी
एकेडमी
के
समीर
यादव
ने
3
इवेंट
में
160
अंकों
में
से
150
अंक
हासिल
कर
तीन
स्वर्ण
पदक
प्राप्त
किए।
इनके
दोनों
माता
पिता
पुलिस
सेवा
में
होने
के
कारण
उन्हें
अभिवावकों
से
ज्यादा
समय
नहीं
मिल
पाया,
लेकिन
उनके
कोच
सर
(मनोज
राजपूत)
ने
कभी
उन्हें
अकेले
महसूस
में
नहीं
होने
दिया,
माता
पिता
ने
भी
हर
संभव
कोशिश
कर
बच्चे
की
मदद
की।
समीर
छठी
कक्षा
में
से
तीरंदाजी
सिखना
चाहते
थे
और
उनके
पिता
भी
यही
चाहते
थे।
बहुत
खोजने
के
बाद
जब
उन्हें
इंदौर
राज
आर्चरी
एकेडमी
के
बारे
में
पता
चला
और
सिर्फ
6-8
महीने
की
कड़ी
मेहनत
से
समीर
ने
पदक
हासिल
किया।
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सुबह
तीन
बजे
से
कड़ी
प्रैक्टिस
भारतीय
सेना
में
जाने
की
तैयारी
कर
रहे
राज
आर्चरी
एकेडमी
के
एक
और
छात्र
राजकुमार
ओसारी
ने
भी
इंडो-नेपाल
अंतरराष्ट्रीय
चैंपियनशिप
में
5000
मीटर
5
किमी
में
हिस्सा
लेते
हुए
स्वर्ण
पदक
हासिल
किया
जो
राजकुमार
का
पहला
अंतरराष्ट्रीय
पदक
है।
राजकुमार
के
पिता
रामकरण
ओसारी
नर्मदा
प्रोजेक्ट
में
काम
करते
हैं।
राजकुमार
घर
से
दूर
हॉस्टल
में
रहकर
ना
सिर्फ
भारतीय
सेना
में
जाने
के
लिए
पसीना
बहा
रहे
हैं
बल्कि
अपना
खर्चा
चलाने
के
लिए
नौकरी
भी
करते
हैं।
सुबह
3
बजे
उठ
कर
वे
कड़ी
प्रैक्टिस
करते
हैं,
और
एक
मिसाल
कायम
कर
रहे
हैं।
देश
का
नाम
रोशन
कर
रहे
बच्चे
राज
आर्चरी
एकेडमी
की
अध्यक्ष
शर्मिला
भालसे
ने
बताया
कि,
“इन
पदक
के
पीछे
का
श्रेय
सेना
के
सेवानिवृत्त
अंतरराष्ट्रीय
कोच
राज
राजपूत
की
मेहनत
और
छात्र
के
माता-पिता
के
संघर्ष
को
को
जाता
है।
हिमालय
इंटरनेशनल
स्कूल
धामनोद
एवं
साकेत
इंटरनेशनल
स्कूल
अंजड़
बड़वानी
में
हाल
ही
में
राज
आर्चरी
एकेडमी
ने
अपना
कैंप
किया
और
प्रतिभाशाली
बच्चों
को
भी
प्रोत्साहित
किया
और
इस
खेल
में
आगे
बढ़ने
का
मार्गदर्शन
दिया।
कैंप
में
बच्चों
एवं
विद्यालय
से
प्रिंसिपल
विशाल
शाह
एवं
स्कूल
डायरेक्टर
सुशील
कोटवाले
जी
की
शानदार
प्रतिक्रियाएं
प्राप्त
हुई।
हम
देश
को
गौरवान्वित
करने
के
लिए
हर
संभव
प्रयास
कर
रहे
हैं।
इंदौर
एवं
पूरे
देश
का
नाम
रोशन
करने
वाले
बच्चों
के
कोच
राज
सर
ने
कहा,
यह
बड़ा
ही
गर्व
का
विषय
है
कि
बच्चे
हमारे
देश
का
नाम
रोशन
कर
रहे
हैं।
हम
सभी
माता-पिता
का
भी
स्वागत
करते
हैं।
बच्चों
के
सुनहरे
भविष्य
के
लिए
हमारी
एकेडमी
और
ज्यादा
मेहनत
करेगी
और
आगे
भी
इसी
तरह
देश
का
नाम
रोशन
करती
रहेगी।