
समारोह
में
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव।
–
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:
अमर
उजाला
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मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
ने
कहा
कि
देवी
अहिल्या
बाई
व
होलकर
राजवंश
के
मोडी
लिपि
मेें
लिखे
गए
राजकीय
दस्तावेजों
को
प्रदेश
सरकार
अनुवाद
कराएगी
और
उन्हें
प्रदेश
की
शिक्षा
नीति
का
हिस्सा
बनाया
जाएगा।
देवी
अहिल्या
की
299
वीं
जयंती
पर
आयोजित
समारोह
में
मुुख्यमंत्री
ने
कहा
कि
छोटे
से
राज्य
की
शासिका
अहिल्या
बाई
ने
कई
प्रदेशों
में
काम
किया।
मंदिरों
का
जीर्णोंद्धार,
घाटों
का
निर्माण,
धर्मशालाएं
उन्होंने
बनाई।
कई
मंदिरों
में
उनके
द्वारा
बनाई
परंपराएं
आज
भी
जीवित
है।
उज्जैन
में
भी
होलकर
राजवंश
ने
कई
मंदिरों
का
निर्माण
कराया।
लोकमाता
अहिल्याबाई
होलकर
त्रिशताब्दी
समारोह
समिति
द्वारा
इंदौर
गौरव
दिवस
पर
आयोजित
कार्यक्रम
में
मुख्य
वक्ता
के
तौर
पर
विवेकानंद
केंद्र
की
उपाध्यक्ष
निवेदिता
भिड़े
ने
कहा
कि
अहिल्या
ने
अपनी
संपत्ति
पर
तुलसी
पत्र
रखकर
कहा
था
कि
मुझे
परमेश्वर
ने
जो
जिम्मेदारी
दी
है,
उसे
पूरा
करूंगी,
मैं
जो
भी
कार्य
करूंगी,
उसके
लिए
मैं
जिम्मेदार
रहूंगी।
विज्ञापन
भिड़े
ने
कहा
कि
देवी
अहिल्या
के
चेहरे
की
धार्मिक
आभा
को
देखकर
ही
मल्हार
राव
ने
उन्हे
अपनी
बहू
बनाने
का
फैसला
लिया
था।
अहिल्या
ने
कभी
अपनी
धार्मिक
आभा
कम
नहीं
होने
दी।
उनका
जीवन
सादगी
से
बीता।
कभी
खुद
पर
खासगी
की
संपत्ति
खर्च
नहीं
की।
उस
राशि
को
लोक
कार्यो
में
खर्च
किया।
देवी
अहिल्या
न्यायप्रिय
थी।
उनके
न्याय
करने
के
तरीके
से
दोनों
पक्ष
संतुष्ट
रहते
थे।
अहिल्या
बाई
में
राष्ट्रभक्त
का
भाव
भी
था।
वे
अपने
परिवार
के
लिए
ज्यादा
खर्च
नहीं
करती
थी,
लेकिन
हिंद
साम्राज्य
के
लिए
होने
वाले
युद्ध
के
लिए
राशि
देती
थी।
उनकी
निष्ठा
राष्ट्र
को
समर्पित
थी।
समारोह
में
शंकराचार्य
किरण
दास
महाराज
ने
कहा
कि
देवी
अहिल्या
के
कार्य
अनुकरणीय
है।
उनके
काम
से
हमे
प्रेरणा
लेना
चाहिए।
वे
एक
कुशल
शासक
थी।
पूर्व
लोकसभा
स्पीकर
सुमित्रा
महाजन
ने
कहा
कि
मोडी
लिपि
का
डिजिटलाईजेशन
होना
चाहिए,
महेश्वर
किले
और
राजवाड़ा
में
उस
लिपि
के
कई
दस्तावेज
है।
उसे
सहेज
कर
रखने
की
जरूरत
है,ताकि
हमे
पता
चले
कि
पुरानी
राजकीय
व्यवस्था
कैसी
थी।समारोह
में
शंकराचार्य
किरणदास
महाराज,महामंडलेश्वर
कृष्णवदन
पद्मभूषण
सोनल
मानसिंह
भी
मौजूद
थी।
कार्यक्रम
में
गायक
गौतम
काले
ने
संगीतमय
प्रस्तुति
भी
दी।
इंदौर
गौरव
दिवस
के
मौके
पर
शहर
में
अन्य
स्थानों
पर
भी
आयोजन
हुए।