इंदौर
आठ
वर्षों
से
स्वच्छता
में
सिरमौर
है
ही,
देश
के
शहरों
में
भी
इंदौर
ने
स्वच्छता
का
इस
तरह
अलख
जगाया
कि
वे
भी
स्वच्छता
रैंकिंग
में
टाॅप
पर
आ गए।
अलग-अलग
श्रेणी
में
स्वच्छता
में
बेहतर
काम
करने
वाले
दूसरे
प्रदेश
के
शहरों
के
अलावा
इंदौर
के
आसपास
के
शहर
देवास
और उज्जैन
के
लोगों
में
भी
इंदौर
को
देखकर
सफाई
के
प्रति
जागरुकता
आईं,
लेकिन
अगले
साल
लीग
में
बने
रहने
भी
उनके
लिए
टक्कर
रहेगी।
अब उसमें
अहमदाबाद,
भोपाल
और लखनऊ
भी
शामिल
हो
गए
है।
जिन
शहरों
को
85
प्रतिशत
से
कम
अंक
मिले,
वे
लीग
से
बाहर
हो
जाएंगे।
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2017
में
मैसूर
को
पीछे
कर
पाया
था
मुकाम
वर्ष
2016
में
मैसूर
शहर
ने
स्वच्छता
की
पहली
रैंकिंग
हासिल
की
थी।
सालभर
में
इंदौर
ने
स्वच्छता
को
लेकर
मेहनत
से
प्रयास
किए
और
वर्ष
2017
में
इंदौर
पहले
स्थान
पर
था।
गुरुवार
को
जारी
परिणामों
में
स्वच्छता
लीग
में
मैसूर
भी
था।
इंदौर
में
बीते
सात
वर्षों
में
सूरत
के
अफसर
और जनप्रतिनिधि
दो
बार
बार
स्वच्छता
देखने
आ चुके
थे।
विज्ञापन
उन्होंने
रैंकिंग
की
तैयारियों
को
लेकर
सारी
बारिक
जानकारी
ली
और
खुद
को
स्वच्छता
में
बेहतर किया।
वह
प्रीमियर
लीग
में
दूसरे
स्थान
पर
था।
इसके
अलावा
नवी
मुबंई
के
मेयर
व
अफसर
भी
इंदौर
आकर
सफाई
का
पाठ
पढ़
चुके
है।
विजयवाड़ा
नगर
निगम
का
दल
भी
इंदौर
की
सफाई
व्यवस्था
का
अवलोकन
करने
आ चुका
है।इसके
अलावा
स्वच्छता
रैंकिंग
में
टाॅप
करने
वाले
अहमदाबाद
शहर
के
जनप्रतिनिधि
और
अफसरों
की
टीम
कई
बार
इंदौर
आकर
सफाई
व्यवस्था
का
अध्ययन
कर
चुकी
थी।
सफाई
का
काम
कर
रही
इंदौर
की
निजी
एजेसियों,
और
स्टार्टअप
को
भी
दूसरे
शहरों
में
स्वच्छता
का
काम
मिला
है। यह
भी
एक
वजह
है
कि
उनकी
भी
स्वच्छता
रैंकिंग
सुधार
रही
है।
इंदौर
की
टीम
ने
प्रयागराज
में
लगे
महाकुंभ
में
सफाई
का काम
भी
देखा
था।