कालरा
और
यादव
–
फोटो
:
अमर
उजाला
विस्तार
कालरा
और
यादव
के
विवाद
को
लेकर
भाजपा
की
अंदरुनी
राजनीति
गरमा
गई
है।
पांच
दिनों
तक
आपसी
विवाद
मानकर
पुलिस
और
भाजपा
संगठन
मामले
को
टालता
नजर
आ
रहा
था,
लेकिन
भाजपा
संगठन
को
लेकर
की
गई
गलत
टिप्पणी
की
काॅल
रिकार्डिंग
सामने
आने
के
बाद
पांच
आरोपियों
की
गिरफ्तारी
हो
गई
और
उन्हें
जेल
भेज
दिया
गया।
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रिकार्डिंग
में
आवाज
जीतू
यादव
की
बताई
जा
रहा
है,
हालांकि
यादव
द्वारा
मिले
नोटिस
के
जवाब
में
कहा
है
कि
रिकार्डिंग
की
फोरेसिंक
जांच
होना
चाहिए।
उधर
संगठन
को
लेकर
हुई
टिप्पणी
को
भाजपा
ने
गंभीरता
से
लिया
है।
विज्ञापन
मुख्यमंत्री
मोहन
यादव
ने
खुद
आरोपियों
की
गिरफ्तारी
को
लेकर
फेसबुक
पर
पोस्ट
अपलोड
की।
इसके
बाद
पुलिस
का
रवैया
भी
सख्त
हो
गया।
पांच
दिनों
तक
एक
भी
आरोपी
की
गिरफ्तारी
नहीं
हुई
थी।
पुलिस
को
यह
भी
पता
चला
है
कि
पार्षद
के
घर
हमला
करने
वाले
आरोपियों
में
से
कई
नगर
निगम
के
मस्टर
कर्मचारी
है।
पुलिस
उनका
रिकार्ड
भी
निकलवा
रही
है।
इसके
बाद
उनकी
नगर
निगम
से
भी
छुट्टी
हो
सकती
है।
पार्षदों
के
जवाब
भाजपा
अनुशासन
समिति
के
पास
भेजे
पार्षदों
के
बीच
आपसी
विवाद
सामने
आने
के
बाद
भाजपा
नगर
अध्यक्ष
गौरव
रणदिवे
ने
पार्षद
कमलेश
कालरा
और
जीतू
यादव
को
नोटिस
भेजे
थे।
दोनो
पार्षदों
ने
जवाब
सौंप
दिए।
उन्हें
भोपाल
में
प्रदेश
भाजपा
की
अनुशासन
समिति
के
पास
भेज
दिया
है।
संगठन
चुनाव
के
कारण
अभी
मामला
रुका
है,
लेकिन
दो
दिन
में
संगठन
की
तरफ
से
एक्शन
लिया
जा
सकता
है।
पार्षद
जीतू
यादव
के
एमआईसी
मेंबर
का
पद
छिन
सकता
है,
या
फिर
उन्हें
निलंबित
भी
किया
जा
सकता
है।
नेतागणों
ने
किया
किनारा
पार्षद
जीतू
यादव
अपने
समर्थको
के
साथ
पुलिस
मुख्यालय
ज्ञापन
देने
गए
थे,
लेकिन
वहां
भाजपा
के
बड़े
नेता
व
एमआईसी
मेंबर
नजर
नहीं
आए।
पार्षद
कालर
के
घर
हमले
के
दौरान
उनके
बेटे
को
नग्न
कर
वीडियो
बनाने
के
कारण
जीतू
यादव
की
भद्द
पिटी
है।
इससे
दो
नंबर
विधानसभा
क्षेत्र
के
खेमे
के
नेता
ही
दबी
जुबान
में
गलत
बता
रहे
है।